पीएम मोदी के वाइब्रेंट विलेज माणा में सरकारी नोटिस की दस्तक…कहने को क्या बाकी रहा…
देखें ग्राउंड जीरो से खास रिपोर्ट
सीमांत-वाइब्रेंट व देश के पहले गांव माणा के ग्राम प्रधान को मिला सरकारी नोटिस
पर्यटन विभाग के नोटिस में लिखा है-होमस्टे का रजिस्ट्रेशन करवाओ नहीं तो भुगतो जुर्माना
28 साल से सीमांत माणा गांव में होम स्टे चला रहे ग्रामीणों को वाइब्रेंट विलेज योजना में मिले निशुल्क पंजीकरण की सुविधा
साल में सिर्फ 6 महीने ही माणा गांव आते हैं पर्यटक व तीर्थयात्री
अविकल थपलियाल
देश का पहला गांव/ माणा /बद्रीनाथ धाम। कभी देश के अंतिम गांव के तौर पर विश्व प्रसिद्ध माणा गांव अब पहले गांव के तौर पर जाना जाता है। बीते साल पीएम मोदी के बद्रीनाथ धाम के निकट सीमान्त माणा गांव आने पर इसे देश के पहले गांव का नाम दिया गया। पीएम व सीएम धामी की इस घोषणा के बाद वाइब्रेंट व सीमांत गांव देश का पहला गांव बन गया। और फिर मोदी सरकार ने सीमान्त गांवों की सूरत बदलने के लिए महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की।
PM Modi is in support of Home stay Policy
वेद व्यास की गुफा ,भीम पुल, सरस्वती नदी के लुप्त होने, वसुधारा समेत कई पौराणिक व ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे माणा गांव के बाशिंदे कई विषम व भौगोलिक परिस्थितियों के बीच जिंदगी की जंग में उलझे हुए हैं। Home stay @ vibrent village Mana
बहरहाल, इधर वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत केंद्रीय मंत्रियों का बार्डर एरिया में पहुंचना शुरू हुआ और उधर सीमान्त माणा गांव के प्रधान समेत चार लोगों के दरवाजे पर सरकारी नोटिस पहुंच गया। गांव में हड़कंप मच गया। इसी बीच, माणा गांव के प्रधान से मुलाकात हो गयी।
माणा गांव की सरहद पर सर्द हवा के थपेड़ों के बीच हुई पहली मुलाकात में ही माणा गांव के प्रधान पीताम्बर मोलपा अपनी समस्या व मुद्दों को लेकर विशेष मुखर नजर आए। बेबाकी से अपनी बात रखी और सरकारी नोटिस का खुलासा किया।
बेशक, मोदी सरकार बार्डर से जुड़े सीमान्त गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत रोजगार,स्वरोजगार समेत कई विकास योजनाओं से सरसब्ज कर देना चाहती हो। लेकिन बरसों बरस से अलकनन्दा नदी के किनारे होम स्टे चला रहे माणा वासी फिलहाल गुस्से में दिखे।
कहते हैं, पीएम मोदी अपने भाषणों में होम स्टे को उत्तराखण्ड की आर्थिकी का मजबूत आधार बताते हैं। लेकिन लगभग तीन दशक पहले माणा जैसे पिछड़े गांव में होम स्टे का सपना देखना और फिर उसे पूरा करना कोई आसान काम नहीं था। वो भी बिना किसी की सहायता के।
ग्राम प्रधान पीताम्बर मोलपा पर्यटन विभाग की ओर से मिले नोटिस से खासे नाराज व स्तब्ध हैं।
गौरतलब है कि अगस्त माह में जोशीमठ स्थित पर्यटन सूचना केंद्र ने ग्राम प्रधान समेत होम स्टे चलाने वाले चार लोगों को नोटिस जारी किया है (देखें नोटिस) । नोटिस में उत्तराखण्ड गृह आवास (होमस्टे) नियमावली 2015 (प्रथम संशोधन नियमावली 2016) के तहत होम स्टे के पंजीकरण करने व दस हजार रुपए जुर्माने की चेतावनी दी गई है।
पंजीकरण नहीं कराने पर नियमों के तहत कई गुना जुर्माना वसूलने की बात भी नोटिस में कही गयी है। PM Modi
ग्राम प्रधान पीताम्बर मोलपा के अलावा माणा गांव में होम स्टे चलाने वाले आनन्द बडवाल उदयधाम होम स्टे, कुलदीप रावत, प्रेम बड़वाल को भी संयुक्त नोटिस भेजा गया है।
माणा के ग्राम प्रधान पीताम्बर मोलपा का कहना है कि जब उत्तराखण्ड में कोई होम स्टे योजना से वाकिफ ही नहीं था। उस कठिन दौर में लगभग 28 साल पहले 1995-96 में माणा गांव में मैंने एक-दो कमरे से होम स्टे शुरू किया। आज होम स्टे में 9रूम हो चुके हैं। कठिनाइयों के बावजूद तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को सभी सुविधाएं देने की कोशिश करते हैं।
और आज पर्यटन विभाग के अधिकारी उन्हें नोटिस भेज कर जुर्माना ठोकने की बात करते हैं। जबकि वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमान्त व वाइब्रेंट विलेज माणा गांव में होम स्टे चलाने वालों को रियायत मिलनी चाहिए। होम स्टे का निशुल्क पंजीकरण होना चाहिए लेकिन जुर्माने की धमकी मिल रही है। सहयोग के बजाय धमकाया जा रहा है।
देहरादून, हल्द्वानी व दिल्ली विवि में पढ़ाई करने के बाद 1995 के आसपास माणा गांव लौटे पीताम्बर मोलपा को कहीं भी नौकरी कर सकते थे। लेकिन मोलपा शहरों से अपने पुश्तैनी गांव लौटे। और माणा में होम स्टे व पारंपरिक हस्त कला के काम के जरिए जीविकोपार्जन के साधन तलाशते हुए बच्चों को देहरादून और हिमाचल में पढ़ाई के लिए भेजा।
यही नहीं, ग्राम प्रधान पीताम्बर मोलपा बाहर रह रहे माणा वासियों को रिवर्स पलायन के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। इसमें सफलता भी मिली है। लेकिन पर्यटन विभाग के नोटिस को लेकर पीएम मोदी के प्रिय वाइब्रेंट विलेज माणा के प्रधान समेत अन्य निवासी सकते में दिखते हैं।
कहते हैं, हम तो सरकार से बेहतर योजनाएं, सुविधा व रियायत की आस बांधे हुए हैं। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमान्त गांवों की महिलाओं व लोगों के लिए विशेष योजनाओं की उम्मीद में हैं।
ग्राम प्रधान मोलपा का कहना है कि वाइब्रेंट विलेज माणा में होम स्टे समेत अन्य व्यवसाय में जुटे ग्रामीणों की यह टीस सीएम धामी व पीएम मोदी को के कानों तक भी जानी चाहिए…
विषय-
उत्तराखण्ड गृह आवास (होमस्टे) नियमावली 2015 (प्रथम संशोधन नियमावली 2016) पंजीकरण के अन्तर्गत आवासीय इकाई का पंजीकरण किये जाने के सम्बनध में।
उपरोक्त विषयक अवगत कराना है, कि आपको पूर्व में मौखिक रूप से सूचित किया गया था कि आप अपनी आवासीय इकाई का उत्तराखण्ड गृह आवास (होमस्टे) नियमावली 2015 (प्रथम संशोधन नियमावली 2016) के अन्तर्गत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें। किन्तु आपके द्वारा अतिथि तक अपनी आवासीय इकाई को पंजीकृत किये जाने से सम्बन्धित अभिलेख इस कार्यालय प्रस्तुत नहीं किये गये है। नियमावली के अधीन पंजीकरण के बिना या उपबन्धों के उल्लंघन में पर्यटन व्यवसाय करने वाला व्यक्ति रू० 10,000/- के जुर्माने से दण्डनीय होगा। यदि उल्लंघन जारी रहता है तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा दण्डनीय होगा।
अतः आपको पुनः अवगत कराया जाता है कि आप अपनी आवासीय इकाई के पंजीकरण से सम्बन्धित वांछित अभिलेख इस कार्यालय को उपलब्ध कराने का कष्ट करें, ताकि आपकी आवासीय इकाई का पंजीकरण कराया जा सके।
संलग्न चैक लिस्ट एवं आवेदन पत्र ।
सहायक स्वाग/08/
पर्यटक सूचना केन्द्र, जोशीमठ ।
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