दून जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में गड़बड़ी से सियासत तेज
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जांच के बाद डीएम सोनिका ने नवंबर माह में दोषी कृषि अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा था पत्र
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। डीएम सोनिका ने बीते 28 नवंबर को विकासखण्ड रायपुर में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच समिति गठित कर दी थी। 30 अक्टूबर को हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में किसानों ने इस घोटाले की डीएम से शिकायत की थी। जांच समिति की रिपोर्ट के बाद डीएम सोनिका ने कृषि सचिव को पत्र लिख तत्कालीन कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इन्हीं घोटालेबाज अधिकारी को 5 जनवरी को निलंबित किया गया। इस मामले में कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने राज्य सरकार पर कड़े प्रहार करते हुए कृषि मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
गौरतलब है जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर 2023 को आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में विकासखण्ड रायपुर के ग्राम सिल्ला एवं रामनगर डांडा के कृषकों द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अनियमितता की शिकायत की गई थी। जनसुनवाई में किसानों द्वारा तत्समय कार्यरत कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर के विरूद्ध वित्तीय धोखाधड़ी किये जाने की शिकायत करते हुए सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई थी।
प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को समिति गठित कर जांच करने के आदेश दिए गए थे। गठित समिति द्वारा उक्त गावों का स्थलीय निरीक्षण किया तथा आहरित बिल, अनुदान फार्म तथा अन्य बिलों की जांच करने पर पाया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में धरातल पर योजना अंतर्गत कार्य किए बिना ही कृषकों के नाम पर अनुदान बिलों का आहरण पर फर्मों को सीधे भुगतान कर दिया गया।
Letter-no-182-Dated-28-November-2023उक्त गांव का स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त समिति द्वारा पाया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, ग्राम सिल्ला में सिंचाई पाईप स्प्रिंकलर से अथवा अन्य कोई भी सिचाईं साधन स्थापित करना नही पाया गया, तथा अन्य कृषिकों द्वारा भी स्प्रिंकलर सेट न मिलने की शिकायत की गई तथा एक महिला ने शिकायत की, कि उनके मृत पति के नाम पर बिना उनकी जानकारी के स्प्रिंकलर सैट पर अनुदान निकाल दिया गया। जांच टीम ने पाया कि जब जांच हेतु टीम जा रही थी तब ग्राम सिल्ला में 2 वाहनों स्प्रिंकलर पाईपों गांव में पंहुचाए जा रहे थे।
इसी प्रकार ग्राम रामनगर डांडा में कृषकों की भूमि पर स्प्रिंकलर सेट लगा होना नही पाया गया, जबकि कार्य का भुगतान सम्बन्धित फर्म को पूर्व में ही कर दिया गया। जांच में पाया गया कि एक महिला के आवेदन तथा उस पर हस्ताक्षर दूसरी महिला के नाम से वहीं अंग्रेजी में हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर हिन्दी में पाया गया।
जांच में समिति ने पाया कि अनुदान हेतु प्रार्थना पत्र तथा आवेदन के साथ संलग्न शपथ पत्र पर सभी कृषकों के जो हस्ताक्षर किये गए हैं वह भिन्न हैं। कार्यालय के बिलों के साथ संलग्न कृषकों की फोटोग्राफ वास्तविक से भिन्न है। कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर द्वारा अधिकाशतः कुल 80 प्रतिशत् अनुदान राशि (55 प्रतिशत् केेन्द्रपोषित एवं 25 प्रतिशत् राज्य पोषित योजना से) विभिन्न फर्मों को सीधे भुगतान कर दी गई, जबकि धरातल पर योजना के अनुरूप स्प्रिंकलर स्थापित करने का कार्य कराया ही नहीं गया, अनुदान कृषकों को डीबीटी किया जाना था किन्तु कृषकों के नाम से बिल आहरण कर कुछ फर्मों को लाभान्वित किया गया।
कृषकों के नाम एक ही वित्तीय वर्ष में 2 बार स्प्रिंकलर से लगाने हेतु अनुदान पारित किया गया। वास्तविक कृषकों की जानकारी के बिना तथा बिना स्थलीय सत्यापन के कृषि एवं भूमि सरंक्षण अधिकारी रायपुर द्वारा कृषकों के नाम से बिलों पर अनुदान राशि का आहरण कर कुछ फर्मों को लाभान्वित किया गया।
समिति की जांच आख्या उपरान्त जिलाधिकारी ने सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण उत्तराखण्ड शासन को तत्कालीन कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी रायपुर (वर्तमान में सबद्ध कृषि निदेशालय) के विरूद्ध विधिक/विभागीय कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया गया था। नतीजतन 5 जनवरी को सम्बन्धित अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
प्रेषक,
जिलाधिकारी, देहरादून।
सेवा में,
सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण उत्तराखण्ड शासन ।
पत्रांक :- 182 / कृषि/जाँच /2023-24
विषय :-
कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर (वर्तमान में सम्बद्ध-कृषि निदेशालय, देहरादून, उत्तराखण्ड) द्वारा अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में बरती गयी अनियमितताओं विषयक ।
दिनाँक :- 28/11/23
महोदय,
सादर अवगत कराना है कि जन-शिकायत निवारण दिवस दिनांक 30.10.2023 को विकासखण्ड रायपुर के ग्राम सिल्ला तथा ग्राम-रामनगर डाण्डा के कृषकों द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों के साथ की गयी वित्तीय धोखाधड़ी विषयक कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर के विरूद्ध शिकायत दर्ज करायी गयी थी, जिसमे मुख्य कृषि अधिकारी, देहरादून को जाँच कर आख्या देने हेतु निर्देशित किया गया, जिसमें उनके द्वारा निष्पक्ष जाँच हेतु समिति गठित करते हुए जाँच समिति के माध्यम से जाँच उपरान्त आख्या प्रेषित की गयी है। (संलग्नक-1) जाँच समिति द्वारा कृषको की शिकायतें सही पायी गयी है, स्थलीय निरीक्षण तथा कार्यालय कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर में उपलब्ध प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के आहरित बिल, अनुदान फार्म तथा अन्य बिलों की जाँच के उपरान्त समिति इस निष्कर्ष पर पहुँची कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में धरातल पर योजना के अनुरूप कार्य कराये बिना ही, बिना सत्यापन के कृषकों के नाम पर अनुदान बिलों का आहरण कर फर्मो को सीधे भुगतान कर दिया गया है।
उपरोक्तानुसार जाँच समिति की प्रारम्भिक जाँच में राजदेव पंवार, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर (वर्तमान में सम्बद्ध-कृषि निदेशालय, देहरादून, उत्तराखण्ड)/आहरण वितरण अधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।
अतः अनुरोध है कि कृपया उपरोक्त प्रकरण में राजदेव पंवार, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रायपुर (वर्तमान में सम्बद्ध-कृषि निदेशालय, देहरादून, उत्तराखण्ड) का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध तद्नुसार विधिक/विभागीय कार्यवाही शासन स्तर से करने का कष्ट करें।
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