देखें आदेश, 1 जनवरी 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में अनुमन्य पे मैट्रिक्स के आधार पर किया पुनरीक्षण
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा एवं बचत योजना का मासिक अभिदान एवं
आच्छादन की धनराशि का 1 जनवरी, 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में अनुमन्य पे मैट्रिक्स के आधार पर संशोधित किया है। अपर मुख्य सचिव आंनद वर्धन की ओर से यह आदेश किये गए।
देखें आदेश,
आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन।
सेवा में,
1. समस्त अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव, उत्तराखण्ड शासन।
2. आयुक्त, गढ़वाल एवं कुमांऊ मण्डल, उत्तराखण्ड ।
3. समस्त जिलाधिकारी, उत्तराखण्ड।
4. समस्त विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष, उत्तराखण्ड ।
वित्त अनुभाग-6
देहरादूनः दिनांक 11 जनवरी, 2024 ।
विषय- उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा एवं बचत योजना के अन्तर्गत मासिक अभिदान एवं आच्छादन की धनराशि का दिनांक 01 जनवरी, 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में अनुमन्य पे मैट्रिक्स के आधार पर पुनरीक्षण।
महोदय/महोदया,
कृपया, उपर्युक्त विषयक वित्त (वे०आ०-सा०नि०) अनुभाग-7 उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्याः 290/XXVII (7) 50 (16)/2016, दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के द्वारा प्रदेश के विभिन्न वर्गों के कार्मिकों के वेतनमानों का दिनांक 01.01.2016 से पुनरीक्षण किया गया है। इस सम्बन्ध में शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त लिये गये निर्णय के कम में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा एवं बचत योजना के अन्तर्गत मासिक अभिदान एवं आच्छादन के निमित्त दिनांक 01 जनवरी, 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना में अनुमन्य वेतन मैट्रिक्स के आधार पर उत्तराखण्ड सरकारी सेवकों हेतु अधोलिखित तालिकानुसार सामूहिक बीमा आच्छादन की धनराशि, मासिक अभिदान की दर, बीमा निधि एवं बचत निधि की पुनरीक्षित दरों को लागू किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं:-
2- उक्त के अतिरिक्त मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि उक्त तालिका में अंकित पुनरीक्षित वेतनमानों की संरचना में अनुमन्य पे मैट्रिक्स के अनुरूप मासिक अभिदान की दरों एवं बीमा आच्छादन को निम्नलिखित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन लागू किया जायेगाः-
1. उक्तानुसार पुनरीक्षित दर से मासिक अंशदान की कटौती जनवरी, 2024 हेतु देय वेतन से लागू होगी।
2. पूर्व में निस्तारित किसी प्रकरण को इस शासनादेश के प्ररिप्रेक्ष्य में पुनर्जीवित नहीं किया जायेगा।
3. वेतनमानों की संरचना का उक्त वर्गीकरण मात्र सामूहिक बीमा योजना के अन्तर्गत कटौती की जानी वाली धनराशि तथा उसके विरूद्ध देय आच्छादन तक ही सीमित है तथा इसका सेवा संवों के वर्गीकरण से कोई संबंध नहीं है।
4. उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा एवं बचत योजना के संबंध में पूर्व शासनादेश, इस शासनादेश के प्रभावी होने की तिथि से उक्त सीमा तक संशोधित समझे जायेंगे।
Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245