अल्मोड़ा में तीन बच्चों और दो बैलों को जहर देने के बाद खुद भी खाया जहर। प्रवासी महिपाल की मौत
लाॅकडाउन से पहले दिल्ली में करता था प्राइवेट नौकरी
नौकरी छूटने के बाद से रह रहा था गांव में। पत्नी भी चली गयी थी दिल्ली।
अविकल उत्त्तराखण्ड
रामनगर। लॉकडौन के बाद उत्त्तराखण्ड लौटे प्रवासियों के लिए बेशक कागजों में लुभावनी स्वरोजगार की योजनाएं चल रही हो। लेकिन जमीनी हकीकत बहुत ही डरावनी है। इसका एक भयानक सच कुमायूँ में दिखा। लॉकडौन में नौकरी छूटने पर महिपाल सिंह दिल्ली से अल्मोड़ा के गांव लौटा।
बेरोजगारी से तंग आकर अपने तीन बच्चों और दो बैलों को जहर खिलाने के बाद खुद भी जहर खा लिया है। उपचार के दौरान महिपाल की मृत्यु हो गयी। दोनों बैलों की मौत हो गई जबकि, चारों को संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी बेस अस्पताल में रेफर कर दिया है।
डाक्टरों के अनुसार व्यक्ति की हालत चिंताजनक बनी हुई।
पुलिस के अनुसार अल्मोड़ा के सरायखेत का महिपाल सिंह(40) लॉकडाउन से पहले दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था। लाॅकडाउन के बाद नौकरी चले जाने के कारण वह परिवार को लेकर घर आ गया। वह गांव में खेतीबाड़ी कर रहा था। लेकिन, खेतीबाड़ी से पेट भरने लायक राशन भी नहीं निकलने और पिछले दिनों पत्नी के दिल्ली चले जाने से वह मानसिक रुप से परेशान चल रहा था।
गुरुवार की रात उसने बेटे यशपाल (12) व हंसपाल (13) तथा बेटी हिमांशी (9 ) और अपने दो बैलों को जहरीला पदार्थ खिलाने के बाद खुद भी जहर खा लिया। बैलों की मौत हो गई।
इधर, जहर खाने के बाद चारों की तबियत ज्यादा बिगड गई। ग्रामीणों आज सुबह चारों को रामनगर संयुक्त चिकित्सालय लााए, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें हल्द्वानी रेफर कर दिया।
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