कहा, सीएम से मिलने के बाद ही कुछ बोलूंगा। राज्यसभा के लिए विजय बहुगुणा की पैरवी। 2022 का चुनाव नहीं लड़ूंगा।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह काफी शांत नजर आए। जुबान में किसी भी तरह की गर्मी नहीं। हाव भाव व मुख मुद्रा स्वभाव के बिल्कुल उलट । आवाज में वो खनक नही। चेहरे पर मायूसी।
श्रम बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के तीन बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत मीडिया से मुखातिब हुए। बोले,वो खामोश नही है मुख्यमंत्री जी से बात करने के बाद ही कुछ बोलेंगे। उन्होंने 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की भी बात कही। कहा कि ये उनकी दिली इच्छा है। लेकिन यह भी जोड़ा कि पार्टी और प्रदेश की हित में हाईकमान निर्णय ले सकता है।
देहरादून लौटने के बाद अपने सरकारी आवास में पत्रकारों से बातचीत में श्रम मंत्री हरक सिंह ने कहा कि वह पहाड़ के दौरे पर थे। सीएम के कहने के बाद साइकिल मामले की जांच लेबर इंस्पेक्टर पिंकी टम्टा ने की थी। जांच में पाया गया कि वो श्रम विभाग की साइकिल नहीं थी। कोई साइकिल बांटे तो ये जरूरी नही कि वो श्रम विभाग की ही हो।
सवालों के जवाब में राज्यसभा के लिए विजय बहुगुणा की वकालत भी की। 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कहकर हरक सिंह ने अपनी ही पुरानी घोषणा की याद दिला थी। 2012 में भी हरक सिंह ने कहा था कि वो मंत्री पद नहीं लेंगे। हालांकि, बाद में वह बहुगुणा सरकार में।मंत्री भी बन गए।
फिलहाल आज के हरक सिंह को देख कर साफ लगा कि सरकार की कार्रवाई से बहुत आहत हैं। फैसले पर कुछ तो नहीं बोले । बस यही कहते रहे कि सीएम से बातचीत के बाद ही बोलेंगे। कुमायूँ के दौरे पर गए सीएम शनिवार को देहरादून लौटेंगे।
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