शुक्रवार को हरिद्वार में नड्डा का दिन अभिनन्दन व मंथन में बीता
अविकल उत्त्तराखण्ड
हरिद्वार। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा तीर्थ नगरी हरिद्वार में भक्ति, ज्ञान व आशीर्वाद के झरोखों से गुजरते रहे। 3 बजे हैलीपेड से लेकर से देर रात तक विभिन्न जगह अभिनन्दन समारोह व चर्चाओं में मशगूल रहे। इस दौरान विभिन्न अखाड़ों के संतों का आशीर्वाद लिया । उनकी सुनी और कुछ अपनी भी कही।
विभिन्न अखाड़ों के संतों के अलावा नड्डा देव संस्कृति विवि, शांति कुंज के डॉ प्रणव पंड्या व शैल दीदी से मिले। प्रणव पंड्या से करीब अकेले में आधे घण्टे चर्चा की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, निरंजनी व जूना अखाड़े के संतों का भी आशीर्वाद लिया। देव संस्कृति विवि में नड्डा का अभिनन्दन किया गया। इस दौरान उन्होंने शांति कुंज से जुड़े संस्मरण भी साझा किए।
नड्डा के हरिद्वार दौरे की सफलता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि संतों ने एक स्वर में मोदी की सफलता का आशीर्वाद दे डाला। साफ कह दिया कि बिहार के बाद बंगाल में भी मोदी की विजय होगी। बंगाल पर नड्डा ने ममता बनर्जी पर प्रहार किए। कह दिया कि जनता उनको रिजेक्ट कर चुकी है। उनके पैरों के नीचे से बंगाल की धरती निकल चुकी है।बंगाल की जनता उनको जाने का आदेश दे चुकी है।
राम मंदिर निर्माण व धारा 370 खत्म करने के मुद्दे पर संत समाज पीएम मोदी से संतुष्ट नजर आया। संतों ने साफ कहा कि मोदी ने उनकी यही दो पुरानी मांग पूरी की है।
जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईमानदारी, सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए देश को विकास के रास्ते पर ले जा रहे है।
पत्नी मलिका नड्डा के साथ गंगा आरती में हिस्सा भी लिया। इस दौरान गंगा सभा ने प्रधानमंत्री मोदी को कुंभ स्नान के लिए आमंत्रित किया।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गंगा आरती के बाद जगद्गुरु राज राजेश्वरानंद से आशीर्वाद लिया। पार्टी नेताओं के साथ स्वामी रामदेव के साथ भी मुलाकात की। रात्रिभोज हरिहर आश्रम, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अखाड़े के अवधेशानन्द गिरी के यहां किया। रात्रि भोज में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मोच मुद्दों पर चर्चा की। कुल मिलाकर जेपी नड्डा हरिद्वार के अभिनन्दन और मंथन में देर रात तक घुले रहे।
शनिवार 5 दिसम्बर से 7 तक नड्डा प्रदेश भाजपा के साथ विभिन्न चरणों में चर्चा करेंगे।
कोरोना बढ़ा तो शाही स्नान से परहेज करेंगे अखाड़ा
अगर कुम्भ के समय कोरोना की स्थिति ठीक नही रही तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सांकेतिक स्नान करेंगे। कोई शाही व पेशवाई स्नान का आयोजन नहीं करेगा।
हर अखाड़े से करीब दो संत ही गंगा जी में डुबकी लगाएंगे। इस बाबत अखाड़ा परिषद ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिख कर अपने फैसले से भी अवगत करा दिया है।
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