शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन ने स्व. सुरेंद्र सिंह जीना,अनुसूईया प्रसाद मैखुरी,सुन्दर लाल मंद्रवाल,के .सी पुनेठा व तेजपाल सिंह पंवार को याद किया
अनुपूरक बजट पेश, सदन मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। उत्त्तराखण्ड की विधानसभा के इतिहास में सम्भवतः यह पहला मौका रहा जब एक साथ सदन ने पांच दिवंगत माननीयों को अपनी श्रद्धांजलि दी। इस कोरोनाकाल में उत्त्तराखण्ड के पांच जनप्रतिनिधियों की भी असमय मौत हुई। इनमें स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना तो वर्तमान में विधायक थे।
सोमवार को शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही समूचे सदन ने गमगीन माहौल में अपने बिछड़े साथियों को याद किया। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ सम्वेदना प्रकट करने का सिलसिला अपराह्न 3.30 बजे तक चला। तीन बार के विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह जीना की हाजिरजवाबी व मुखरता को सभी ने याद किया। मात्र 51 साल की उम्र में जीना की कोरोना से मृत्यु हुई।
पूर्व विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी की विनम्रता और सौम्यता भी सदन में फोकस पर रही। पूर्व विधायक सुंदरलाल मंद्रवाल की सादगी के अलावा पूर्व विधायक पुनेठा व तेजपाल सिंह पंवार के व्यक्तित्व को याद करते हुए सदन में दो मिनट का मौन रखा गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधानसभा सत्र की कार्रवाई में वर्चुअल हिस्सा लिया।
विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत,नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश
मुख्यमंत्री ने दिवंगत विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना, पूर्व विधायक ल के सी पुनेठा, सुन्दरलाल मंद्रवाल, अनुसूया प्रसाद मैखुरी और तेजपाल सिंह पंवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभी वक्ताओं नर स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि जीना जी युवा, कर्मठ और ऊर्जावान विधायक थे। अभिवादन करने का उनका अपना तरीका था। उनके असमय जाने से हम सभी अत्यंत दुखी हैं।
स्व.के सी पुनेठा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे बहुत जुझारू व सहनशील व्यक्तित्व के थे।
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय अनुसूया प्रसाद मैखुरी का स्मरण करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वे अत्यंत विनम्र और सज्जन थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2002-03 में एक आंदोलन के दौरान उन्हें गम्भीर चोट लगी तो मैखुरी जी ने उनका हाथ पकड़ कर अस्पताल जाने को कहा।
वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि पूर्व विधायक स्वर्गीय सुन्दरलाल मंद्रवाल जी विनम्रता और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व थे। वे सच्चे मायनों में गांधीवादी थे। उनमें कोई अहम नजर नहीं आता था।
पूर्व विधायक स्वर्गीय तेजपाल सिंह पंवार सीधी और सपाट बात करते थे। उन्होंने कभी असत्य का सहारा नहीं लिया।
सदन में प्रीतम सिंह पंवार, अरविन्द पांडेय, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल,पूरन सिंह फर्त्याल, सतपाल महाराज, यशपाल आर्य,
गणेश जोशी,केदार सिंह, काजी निजामुद्दीन,बिशन सिंह चुफाल, रामसिंह कैङा,विनोद कंडारी,चंदनराम दास, मनोज रावत,सुरेन्द्र सिंह नेगी,राजकुमार,दिलीप सिंह रावत,हरबंस कपूर,खजाना दास,नवीन दुम्का,ममता राकेश,ऋतु खण्डूड़ी व कैलाश गहतोङी ने अपनी संवेदना व्यक्त की ।
सदन में 4 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। मंगलवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। सदन मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गयी।
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