गैरसैंण से लेकर देहरादून तक रोशनी से जगमग हुई सरकारी इमारतें
गणतन्त्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य 26 जनवरी को प्रातः 9.00 बजे राजभवन प्रांगण में तथा 10ः30 बजे परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण करेंगी। विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भराड़ीसैंण, गैरसैंण में ध्वजारोहण करेंगे।
अविकल उत्त्तराखण्ड
राजभवन, देहरादून।
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। आज का दिन न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के प्रति हमारे संकल्प को दोहराने का दिन है।
उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबा साहब आम्बेडकर सहित सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं संविधान निर्माताओं को नमन किया है। देश की सीमाओं की रक्षा तथा आंतरिक सुरक्षा के लिये दिन-रात तैनात रहने वाले सेना एवं सुरक्षा बलों के जवानों को भी प्रणाम किया है।
उन्होंने कहा कि पिछला एक वर्ष कोरोना महामारी के कारण हम सभी के लिये बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। इस महामारी के विरूद्ध उत्तराखण्ड सहित पूरे देश ने एक अद्भुत आत्म विश्वास और संकल्प का प्रदर्शन किया। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अपने संदेश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने संकट के समय में अग्रिम मोर्चे पर रहकर देश का नेतृत्व किया। उन्होंने देशभर में सभी वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, नर्सों, स्वास्थ्य एवं सफाई कर्मियों, पुलिस-प्रशासन सहित विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि 16 जनवरी, से विश्व का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण कार्यक्रम प्रारंभ हो चुका है।
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘उत्तराखण्ड में भी कोविड के मामलों में बहुत कमी आयी है, लेकिन हमें अभी भी पूरी सावधानी रखनी आवश्यक है। टीका लगने के बाद भी हम सभी को कोविड से बचाव संबंधी सभी नियमों का पूरा पालन करते रहना है।’’
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिये राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। राज्य की खुशहाली के लिये आवश्यक है कि यहाँ की महिलाआें, युवाओं, किसानों, व्यापारियों सहित सभी वर्गों और समुदायां के लोगों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले।’’ महिलाओं के आर्थिक विकास एवं समग्र कल्याण हेतु रोजगार एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाये जाने महत्वपूर्ण है। महिलाएँ इस प्रदेश के आर्थिक-सामाजिक विकास की धुरी है। उनका अच्छा स्वास्थ्य, उनके तथा उनके परिवार हेतु पोषणयुक्त भोजन और उनका आर्थिक सशक्तीकरण सरकार की प्राथमिकता में है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं युवाआें के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रोथ सेंटर खोले जा रहे हैं, जहाँ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर सृजित हो रहे है। आत्म निर्भर भारत को सफल बनाने के लिये एक आत्म निर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। पं.दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता कृषि कल्याण योजना के अन्तर्गत किसानों तथा स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज का लोन दिया जा रहा है। पर्यटन, योग तथा आयुष उत्तराखण्ड की पहचान है। अपनी पारंपरिक पहचान को आधुनिक तौर-तरीकों से मिलाकर हमें इन क्षेत्रों को आर्थिक विकास का माध्यम बनाना होगा। राज्य में पर्यटन, जैविक कृषि, योग, आयुष इन सभी को एकसाथ रखते हुए एकीकृत आदर्श कृषि-पर्यटक ग्रामों की स्थापना करनी आवश्यक है। इससे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट को विविधता भी देखने को मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा है कि प्रदेश की ग्रामीण जनता को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध होनी चाहिये। ‘‘सौभाग्य योजना’’ लोगो के घरों में उजाला ला रही है। ‘‘हर घर को नल से जल योजना’’ में अगले वर्ष की समाप्ति तक हर ग्रामीण घर को पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 1 रुपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। कोविड-19 की चुनौती के मध्य राज्य में हेल्थ सिस्टम को मजबूत बनाने के लिये भी कई कार्य किये गये। हरिद्वार कुम्भ के लिये शासन के स्तर पर तैयारियाँ की जा रही हैं। साधु-संतों के आशीर्वाद तथा स्थानीय निवासियों के सहयोग से कुम्भ का सफल आयोजन हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि हम नये भारत के निर्माण के साक्षी बन रहे हैं। अब वह दिन दूर नही, जब भारत एक बार पुनः विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा। कोविड-19 महामारी से सफलतापूर्वक लड़कर और फिर अपनी स्वयं की वैक्सीन बनाकर भारत वर्ष ने एक बार पुनः अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। अब आवश्यकता है कि हमारी युवा पीढ़ी नई प्रगतिशील सोच के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और मूल्यों को आत्मसात करते हुए नव भारत के निर्माण हेतु अपना शत-प्रतिशत योगदान दे।
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि यह राष्ट्रीय पर्व लोकतंत्र और संविधान में देश के लोगों की आस्था का प्रतीक है यह दिन हमें हमारे महान संविधान निर्माताओं की याद दिलाता है। उन्होंने देश के वीर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानियों का ही परिणाम है कि आज हम एक लोकतांत्रिक देश में संविधान प्रदत्त स्वतंत्रता और अधिकारों के साथ स्वाभिमान पूर्वक रह रहे हैं।
सीएम त्रिवेंद्र ने आजादी के बांकुरों को याद किया
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समस्त प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान के निर्माण का एक उत्सव है। आज के दिन हमारे देश में बाबा साहेब अम्बेडकर के दिशानिर्देशन में बनाए गए संविधान को लागू किया गया था। तब से यह अनूठा संविधान हमारे राष्ट्र को गौरव के शिखर तक ले जाने में निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। इसके साथ ही यह एक अवसर है जब हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेना चाहिए। भारतीय संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में अधिकार प्रदान किए हैं। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में देश के साथ ही हमारा प्रदेश भी निरंतर विकास की सीढ़ियां चढ़ रहा है। हमने राज्य के विकास और पारदर्शी शासन पर फोकस किया है। हमारी सरकार ने ‘बातें कम, काम ज्यादा’ के मूलमंत्र को अपनाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने से लेकर डोबराचांठी पुल, जानकीपुल समेत तमाम बुनियादी सुविधाओं के लोकार्पण किए गए हैं। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीतियां बनाई गईं। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार और मुख्यमंत्री स्वरोजगार जैसी योजनाओं से युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए गए। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में ग्रोथ सेंटर्स की स्थापना की गई हैं। पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत राज्य में सड़कों का जाल बिछाया गया। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए हर ब्लॉक में दो यानि कुल 190 आदर्श विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य के हर परिवार को पांच लाख रूपये त के ईलाज की निशुल्क सुविधा मुहैया करवाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस नदियों और जलस्रोतों के पुनर्जीवन पर भी है। इसके अलावा हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया, महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया, किसानों, नौजवानों और व्यापारियों की समस्याओं का समाधान किया। यह प्रयास किया गया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भेदभाव किए बगैर सभी जाति-धर्मों के पात्र लोगों तक पहुंचे। बीते साल विश्वव्यापी महामारी का प्रकोप रहा, जिसका आप सभी के सहयोग से योजनाबद्ध तरीके से डटकर मुकाबला किया गया।
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