इस सच से मुंह न मोड़िये…..जरा सोचिए?

कोरोना की रोकथाम के लिए आहूत जनता कर्फ्यू व lockdown से निरीह, बेजुबान स्ट्रीट डॉग, आवारा पशुओं गाय, सांड आदि के समक्ष भुखमरी का संकट भी मंडराने लगा है। देश भर के ये असंख्य आवारा पशु ढाबों, होटलों व सब्जी मंडियों की जूठन पर गुजारा करते है। हालांकि, मोहल्लों के कई पशु प्रेमी इन बेसहारा जानवरों को अपनी हैसियत के अनुसार प्रतिदिन दाना चुग्गा देते रहते हैं। लेकिन कोरोना को रोकने के लिए होटल, ढाबों को भी बंद किया गया है। यही होटल, ढाबे, रेड़ी, ठेली ही इन बेजुबानों के जीवन यापन का एकमात्र ठीया है। बन्दी से इन लाखों आवारा पशुओं के सामने भोजन का संकट बढ़ गया है। चूंकि, जनता कर्फ्यू व लॉक डाउन अभी औऱ लंबा चलने की पूरी सम्भावना है। लिहाजा नागरिकों, पशु प्रेमियों, NGO व प्रशासन को इन मूक जिंदगियों की रक्षा के लिए वार्डवार समिति का गठन कर इनके लिए भोजन-पानी की पुख्ता व्यवस्था की ओर गंभीरता से कदम उठाना चाहिए। भोजन नहीं मिलने से इन आवारा भूखे पशुओं के व्यवहार में तब्दीली व अकाल मौत कोरोना के डर के बीच एक नए संक्रमण को जन्म देगा,जिसकी तस्वीर भी कम भयावह नहीं होगी।

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