‘बांस नर्सरी से महिलाओं को मिलेंगे स्वरोजगार के अवसर’

चम्पावत में 50 महिला उद्यमियों को मिला प्रशिक्षण

यूकाॅस्ट व वन विभाग का संयुक्त प्रयास

अविकल उत्तराखण्ड

चम्पावत। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकाॅस्ट) ने चम्पावत में महिला उद्यमियों के लिए आयोजित बांस नर्सरी विकास एवं प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन वनलेख स्थित वन विभाग की नर्सरी में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण आजीविका को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे विशेषज्ञों से नर्सरी प्रबंधन की तकनीकी जानकारी प्राप्त करें और इसका प्रयोग अपने क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए करें।

प्रो. पंत ने आश्वस्त किया कि यूकाॅस्ट भविष्य में भी वन विभाग के सहयोग से महिला उद्यमियों को तकनीकी सहायता और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराता रहेगा, ताकि वे अपनी बंजर भूमि पर नर्सरी स्थापित कर सकें।

डाॅ. कपिल जोशी ने प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए बताया कि जो महिलाएं भविष्य में बांस नर्सरी स्थापित करना चाहती हैं, उनका पंजीकरण यूकाॅस्ट और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें जरूरी साधन उपलब्ध कराए जाएंगे तथा वन विभाग द्वारा उत्पाद खरीद (बायबैक) की व्यवस्था का प्रारूप भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने यूकाॅस्ट की ओर से वन विभाग के सहयोग के लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया।

प्राझीका बिष्ट, विशेषज्ञ, हिमालयन वूमेन स्वायत्त सहकारी समिति ने नर्सरी प्रबंधन के साथ-साथ रिंगाल उत्पादों की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी।

वन विभाग के रेंजर द्वारा महिला उद्यमियों को पॉलीथिन बैग में पौध तैयार करने, स्पेसिंग की तकनीक, और बंजर भूमि में नर्सरी बेड तैयार करने की विधि विस्तार से समझाई गई।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूकाॅस्ट के डाॅ. विपिन सती, देवेन्द्र सिंह, संतोष कर्नाटक सहित 50 से अधिक ग्रामीण महिला उद्यमियों ने भाग लिया।

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