हैरतअंगेज- वन विभाग ने पर्यावरणविद रवि चोपड़ा को पत्र भेजा और कहा, लीची के पेड़ कटान का खर्चा आप स्वंय उठाएं
नगर निगम की जमीन पर खड़े 60-70 साल पुराने व छेदक रोग से ग्रस्त जर्जर लीची के एक पेड़ को कटवाने में बीत गए कई महीने
देखें विभागीय पत्र, महीनों से सरकारी फाइलों में घूम रही प्रसिद्ध पर्यावरण विद की अर्जी
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। करे कोय ..भरे कोय ..जाने माने पर्यावरणविद रवि चोपड़ा नगर निगम की जमीन पर खड़े एक जीर्ण शीर्ण लीची के पेड़ को कटवाने के लिए विभागों के चक्रव्यूह में फंस गए। यह मामला विभागीय चक्करघिन्नी व लेटलतीफी का एक जीता जागता उदाहरण है।
बीते 5 महीने से कई विभागों के बीच चले लम्बे पत्राचार, जांच व विभागीयअनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद वन विभाग ने पर्यावरणविद रवि चोपड़ा को पत्र लिख साफ कह दिया कि पेड़ कटान का खर्चा आप स्वंय उठाएं। और बदले में दो पेड़ और लगाएं और विभाग को फोटो भेजें आदि आदि। यही नहीं 300 रुपए की NSCभी जमा करवाएं। (देखें सशर्त पेड़ कटान काअनुमति पत्र)।
पत्र में कहा गया है कि चूंकि, आंधी तूफान में जर्जर पेड़ गिर सकता है। लिहाजा, आवेदक रवि चोपड़ा अपने खर्चे सशर्त पेड़ कटवाएं और इससे जुड़ी सभी विभागीय शर्त पूरी करें। पेड़ कटान के बाद लकड़ी भी विभाग में जमा करवाएं।
गौरतलब है कि 19 सितम्बर के वन विभाग के इस पत्र के बाद पर्यावरणविद रवि चोपड़ा हैरत में हैं। उन्होंने 25 सितम्बर को वन विभाग को जवाब दिया। अपने पत्र में पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने साफ लिखा कि लीची का पेड़ नगरनिगम की जमीन पर है न कि उनकी प्रॉपर्टी पर। उन्होंने वन विभाग के इस आदेश को अन्यायपूर्ण व अतार्किक करार दिया। और पत्र की भाषा पर गहरा आश्चर्य जताया।
यह सत्य है कि लीची का पेड़ नगर निगम की जमीन पर खड़ा है। पूर्व में इस जर्जर लीची के पेड़ की एक शाखा टूटने से रवि चोपड़ा के घर का गेट भी टूट चुका है। इसके बाद ही इस पेड़ को कटवाने के लिए चोपड़ा ने विभागों का दरवाजा खटखटाया था।
वसंत विहार स्थित उनके आवास के गेट के निकट नगर निगम की जमीन पर खड़े लीची के एक पेड़ को कटवाने के लिए वन विभाग, नगर निगम, उद्यान, लोक निर्माण विभाग, वसंत विहार वेलफेयर सोसाइटी तक कई पत्र घूम गए। लेकिन लीची का पेड़ वहीं का वहीं मौजूद है।
गौरतलब है कि आल वेदर रोड की चौड़ाई के विरोध को लेकर चर्चा में रहे पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने 25 मई 2023 को प्रभागीय वन अधिकारी देहरादून को सूखे लीची के पेड़ को काटने के लिएआवेदन पत्र दिया था। उल्टे कई महीने बीतने के बाद पर्यावरणविद को ही सशर्त पेड़ कटान का खर्च उठाने को कह दिया गया।
वन विभाग के अधिकारी की ओर से जारी पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है।
लीची के पेड़ के साथ खड़े पर्यावरणविद रवि चोपड़ा
वन विभाग का लीची पेड़ कटान का सशर्त अनुमति पत्र
कार्यालय प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून वन प्रभाग, देहरादून दूरभाष : 0135-2627612 पत्रांक : 75/237 femia: 19/09) 2003 सशर्त पातन अनुझा डा० रवि चोपडा भवन संख्या – 107 / 3ए वसन्त विहार, देहरादून के आवेदन पत्र एवं अधिशासी अभियन्ता, नगर निगम देहरादून के पत्रांक-1119/ सा०नि०अनु०/न०नि० / देवून / 2023 दिनांक- 14.09.2023 एवं अधिशासी अभियन्ता, निर्माण खण्ड, लो०नि०वि०, देहरादून की पत्र संख्या – 3888 / 25सी0 दिनांक- 10.08.2023 द्वारा प्रदान की गई अनापत्ति पर विचार करते हुए वन क्षेत्राधिकारी मालसी रेंज के पत्रांक-438/23, दिनांक-18.092023 एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून के पत्र संख्या-533 / 23 दिनांक 19.09.2023 के आधार पर उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 (उत्तराखण्ड में यथा – प्रवृत्त) की धारा-5 में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए निम्न विवरणानुसार वृक्ष की पातन अनुमति आवेदक के स्वयं के व्यय पर आधार पर एतद् द्वारा प्रदान की जाती है।वृक्ष पातन की अनुमति निम्न शर्तों / प्रतिबन्धों के अधीन दी जाती है :- i. पत्र जारी होने के 15 दिन तक के लिए यह पातन अनुज्ञा वैध हागी आवेदक द्वारा निश्चित रूप से इस अवधि में वृक्षों का पातन करना होगा। पत्र जारी होने के 01 माह के अन्दर उक्त वृक्षों के पातन के पश्चात, नगर निगम / लो०नि०वि० देहरादून द्वारा आवश्यकतानुसार उत्तराखण्ड इमारती लकड़ी और अन्य वन उपज अभिवहन नियमावली – 2012 के प्राविधानानुसार प्रकाष्ठ ii. के निकासी हेतु आवेदन प्रस्तुत करना होगा। उक्तानुसार पातन से पूर्व आवेदक / प्रार्थी द्वारा प्रत्येक पातित वृक्ष के सापेक्ष रु०-300/- का राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) अथवा राष्ट्रीयकृत बैंक से FDR तैयार कर इस उददेश्य के साथ प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून के पक्ष में बंधक (Pledge) कर प्रस्तुत करना होगा। इसका उद्देश्य यह है कि वे इस कार्यालय से वृक्ष पातन अनुज्ञा निर्गत तिथि से वृक्ष पातन के पश्चात एक वर्ष के भीतर प्रत्येक पातन किये गये वृक्ष के स्थान पर 2 वृक्षों का सफलतापूर्वक रोपण करेंगे तथा इसके उपरान्त इस आशय की सूचना / साक्ष्य मय फोटोग्राफ्स सम्बन्धित रेंज कार्यालय को देनी होगी, जिसका रेंज अधिकारी द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर सत्यता की जांचोपरान्त रेंज अधिकारी द्वारा इस आशय की आख्या अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु इस कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे। परन्तु यदि सम्बन्धित आवेदक द्वारा वृक्ष पातन के पश्चात एक वर्ष के भीतर कोई सूचना वन विभाग को नहीं दी जाती है, तो इस सापेक्ष बन्धक एन०एस०सी० विभागीय हित में जब्त कर इससे प्राप्त iv. धनराशि से पौधों का रोपण कर वृक्षों की क्षतिपूर्ति की जायेगी। उत्तरांचल (उत्तर प्रदेश ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्र में वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 ) अनुकूलन एवं रूपान्तरण आदेश, 2002 की धारा 4/10 की धारा-7 के प्राविधानानुसार प्रत्येक पातित वृक्ष के सापेक्ष दुगने संख्या में पौधों का रोपण चिन्हित स्थलों पर आवेदक द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जायेगा रोपित पौधों की देख-रेख सम्बन्धित आवेदक / नगर निगम देहरादून द्वारा किया जायेगा। वृक्षारोपण हेतु स्थल चयन, प्रजाति का चयन व रोपित पौध की जीवितता सम्बन्धित वन क्षेत्राधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा ।पातन से उत्पादित प्रकाष्ठ नगर निगम देहरादून / लोक निर्माण विभाग, देहरादून की सम्पत्ति होने के दृष्टिगत उक्त उत्पादित प्रकाष्ठ को आवेदक द्वारा नगर निगम, देहरादून / लोक निर्माण विभाग, देहरादून से सम्पर्क कर नियमानुसार निस्तारण की कार्यवाही करनी होगी। उक्तानुसार पातन स्थल पर किसी प्रकार की अवैध पातन के लिए आवेदक / सम्बन्धित विभाग स्वयं जिम्मेदार होगें। vi. vii उक्त पेड़ों के पातन स्थलों का किसी भी समय वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी / कर्मचारी द्वारा निरीक्षण किया जा सकेगा। viii वृक्ष के स्वामित्व को लेकर यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो विभाग इसका जिम्मेदार नहीं होगा। उक्त शर्तों / प्रतिबन्धों के उल्लंघन होने की दशा में उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 ( उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) की धारा-10, धारा-11, धारा-12 धारा-13 तथा धारा-14 के प्राविधानानुसार कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। नोट- रु० 300/- प्रति वृक्ष की NSC /FDR जमा किये बिना वृक्षों का पातन किया जाना अवैध पातन माना जाएगा तथा सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। पत्रांक 75 (1)/ 231 तदिनंवित प्रतिलिपि : निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित- 1- अधिशासी अभियन्ता, नगर निगम, देहरादून की पत्र संख्या – 1119 / सा०नि०अनु० /न०नि० / दे०दून / 2023 दिनांक- 14.09.2023 के क्रम में सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित । देहरादून वन प्रभाग, देहरादून प्रभागीय वनाधिकारी,
पर्यवरणविद रवि चोपड़ा का वन विभाग को लिखा जवाबी पत्र
The Divisional Forest Officer Dehradun Forest Division Dehradun Re: Application for felling a hazardous tree on a public street Dear Sir: I am writing with reference to your letter (No: -/23-1) dated 19.09.2023 granting me conditional permission to have an old lichi tree felled on the street outside my residential property at the above address, as it is tilting dangerously toward my house. Thank you for the same. I am, however, shocked at being asked to bear the expenses, which I am told is several thousand rupees, for getting the tree cut. In the month of May this year, I had wanted to have the tree felled before the monsoon season as it was tilting dangerously toward my house. As my application moved from one department through another, I was given to believe that once the requisite clearance was obtained the actual felling would be done by the appropriate forest department division, in this case your division. I find your conditional clearance to be unfair and unjust. It is on a Nagar Nigam street, not on my property. The tree is the Nigam’s property, as your letter states. It does not belong to me. I did not plant it. Then why am I being asked to bear the cost of felling it and pay a cost for getting saplings planted in lieu of the felled tree? These conditions defy logic and are patently unjust. To add insult to injury, I am asked to get the felling done within 15 days of the grant of your conditional permission, when the various departments have taken four months to give the due clearances/permissions. And after the felling, I am expected to run around again, getting permissions to have the woody and leafy matter removed, for which the transporter will also demand a heavy cost. I am a senior citizen. I think that the department rules are most unfair towards senior citizens like me, who do not have the resources to fulfill the various conditions. Despite the unfairness of your conditions, I have decided to comply with the present rules as a public service, because the tree is tilting dangerously. I would also like your department to review the entire issue afresh, of felling trees on public property. The matter needs to be reviewed expeditiously at the highest level, especially when the state government is already in the process of deleting the need for official permission to get trees cut on a person’s private property. With good wishes, प्रभागीय Recen कार्यालय (दिनांक देहरादून 25/09/18 वन प्रभाग. देहरादून Sincerely, (Ravi Chopra)
नगर निगम की पटरी रोड पर मौजूद रोगग्रस्त लीची का पेड़
सेवा में, श्रीमान अधिशासी अभियन्ता नगर निगम देहरादून विषय-पेड काटने हेतु अनुमती पत्र महोदय, हमारे घर के बाहर एक बहुत पुराना लीची का पेड़ है जो कि बहुत जर्जर हालत में है। वह कभी भी गिर सकता है जिसके चलते हमेशा कोई अप्रिय घटना होने का भय बना रहता हैं। इस पेड़ से मेरे भवन व राहगीरों को भी खतरा हो सकता है। हमने इस सन्दर्भ में वन विभाग से अनुमती लेने के लिए प्राथना पत्र दिया था लेकिन जब वे सर्वे करने आये तो उन्होंने कहा कि इस पेड़ को कटने की अनुमती नगर निगम से मिलेगी। अतः आप से निवेदन है कि आप उक्त पेड़ को काटने की अनुमती प्रदान करने की कृपा करें। धन्यवाद भवदीय रवि चोपड़ा (डा. रवि चोपड़ा) भवन नं 107 / 3A वसन्त विहार इन्कलेव देहरादून फोन न. 9411135976
सेवा में, प्रभागीय वनाधिकारी, वन प्रभाग, देहरादून। विषय:- वृक्ष के पातन के सम्बन्ध में । महोदय, उपरोक्त विषयक कार्यालय को प्रेषित श्री रवि चोपड़ा पुत्र श्री बी०डी० चोपड़ा, निo-हाऊस न0 3 बसन्त विहार न्यू फोरेस्ट देहरादून द्वारा अवगत कराया गया है कि इनके आवास के बाहर रोड़ पटरी पर 1 पेड़ लीची का हरा खड़ा है। जोकि जड़ से सूखा हुआ है, आँधी-तूफान मे गिर कर भवन को नुक्सान पहुँचा सकता है जिससे जानमाल व जनहानि होने की सम्भावना है, जिसके पातन की अनुमति चाही गई है। उक्त रोड़ पटरी नगर निगम देहरादून के स्वामित्व में हैं। अतः पत्र की प्रति संलग्न कर अनापत्ति इस अनुरोध से प्रेषित की जा रही है कि उक्त वृक्ष के पातन के सम्बन्ध में अपने स्तर से कार्यवाही करने का कष्ट करें। 1 भवदीय, अधिशकता . प्रतिलिपिः- उप प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून को आवश्यक कार्यवाही हेतु । नगर निगम देहरादून अधिशासी अभियन्ता, नगर निगम देहरादून ।
सेवा में, श्री रवि चोपडा, निवासी- भवन संख्या – 107, लेन नं0-3ए, वसन्त विहार,एन्क्लेव देहरादून । विषय : वृक्ष पातन हेतु आवेदन पत्र के सम्बन्ध में । महोदय, आपका उक्त विषयक पत्र दिनांक – 25.05.2023 से इस कार्यालय को प्रेषित हुआ । प्रकरण की जांच वन क्षेत्राधिकारी, मालसी रेंज से करवायी गयी। वन क्षेत्राधिकारी मालसी रेंज के कार्यालय पत्रांक-41/23 दिनांक – 13.07.2023 की जांच आख्यानुसार “आवेदक के उक्त सन्दर्भित स्थल पर स्थित भवन के गेट के निकट रोड किनारे 01 लीची सूखा वृक्ष खडा है। जिसकी शाखाएं भवन के अन्दर जा रही है। मौके पर वृक्ष का स्वामित्व नगर निगम का है। जिसमें आवेदक को जांचकर्ता द्वारा नगर निगम का अनापत्ति पत्र संलग्न करने हेतु अवगत कराया गया था । किन्तु वृक्ष के सम्बन्ध में नगर निगम का कोई अनापत्ति पत्र संलग्न नहीं किया गया है। जिस कारण वृक्ष पातन की संस्तुति की जानी सम्भव नहीं है। उक्त सम्बन्ध में आवेदक द्वारा नगर निगम से वृक्ष पातन अनुमति हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना आवश्यक है।” तदनुसार आपको अवगत कराया जाता है। भवदीय, प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून वन प्रभाग, देहरादून ।
कार्यालय मुख्य उद्यान अधिकारी, देहरादून । पत्रांक 234/वृ.पा./2023-24 / दिनांक 18/08 | 2023 सेवा में, प्रभागीय वनाधिकारी, वनप्रभाग देहरादून । विषय:- डा० रवि चोपडा भवन न० 107/3 ए बसन्त विहार इन्कलेव देहरादून के घर के बाहर एक लीची वृक्ष के पातन के सम्बन्ध में । महोदय, उपरोक्त विषयक अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड लो०नि०वि० देहरादून ने अपने कार्यालय पत्र सं 3888 / 25सी दिनांक 10.8.2023 जो इस कार्यालय को सम्बोधित तथा अन्य के साथ आपको भी पृष्ठाकिंत है का संदर्भ ग्रहण करने की कृपा कीजिएगा। संदर्भित पत्र के क्रम में प्रश्नगत स्थल का स्थलीय निरीक्षण प्रभारी उद्यान सचल दल केन्द्र देहरादून द्वारा किया गया । प्रभारी के आख्यनुसार उक्त वृक्ष 60-70 वर्ष पुराना है जो कि तना छेदक रोग से ग्रसित है तथा जड खोखली हो चुकी है। वृक्ष आंधी तूफान में गिरने से जनहानि की सम्भावना बनी है। अतः विषयगत प्रकरण शहरी क्षेत्र होने के कारण आपको इस आशय से प्रेषित कि प्रश्नगत प्रकरण को अपने स्तर से निस्तारण करने की संलग्न उपरोक्तानुसार । कृपा कीजिएगा । भवदीय मुख्य उद्यान अधिकारी, देहरादून । पत्रांक देहरादून को उनके पत्र सं0 3888 / 25सी दिनांक 10.8.2023 के क्रम में सूचनार्थ प्रेषित। / उक्तदिनांकित | प्रतिलिपिः- अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड लो०नि०वि० मुख्य उद्यान अधिकारी,
Pls क्लिक- और चल गई आरी लीची के पेड़ पर
…आखिरकार दून की एक चटख धूप में लीची के पेड़ पर चल गई आरी
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