वन विभाग के मुखिया की कुर्सी को झुलसा गई जंगल की आग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आईएफएस राजीव भरतरी की जगह वन विभाग के मुखिया की कुर्सी फिर आईएफएस विनोद कुमार के हवाले, शासन ने किए आदेश
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड जंगलों में जारी फायर सीजन के साथ साथ वन विभाग में भी जबरदस्त फायर लगी हुई है। अदालती दांव पेंच में उलझी वन विभाग के मुखिया की कुर्सी के लिए म्यूजिकल चेयर का खेल नये मुकाम पर पहुंच गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को आईएफएस विनोद कुमार ने प्रमुख वन संरक्षक (Hoff) का चार्ज ले लिया।
बीते 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आईएफएस राजीव भरतरी को वन विभाग के मुखिया का चार्ज देने सम्बन्धी आदेश पर रोक लगा दी। इस आदेश के बाद कुछ दिन पूर्व वन विभाग के हेड बने राजीव भरतरी को कुर्सी छोड़नी पड़ी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश शासन ने आईएफएस विनोद कुमार सिंघल को वन विभाग का मुखिया बनाने के आदेश जारी कर दिए।
गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुछ दिन पूर्व आईएफएस राजीव भरतरी ने विभाग के मुखिया का चार्ज लिया था। और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कई ट्रांसफर भी कर दिए थे। अपने रिटायरमेंट 30 अप्रैल से पहले किये गए ट्रांसफर के बाद शासन ने आईएफएस भरतरी केअधिकारों को सीज कर दिया था।
इससे पूर्व, 25 नवंबर 2021 को कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के अवैध कटान की जांच कर रहे राजीव भरतरी का तबादला प्रमुख वन संरक्षक के पद से जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ भरतरी ने हाईकोर्ट व कैट का दरवाजा खटखटाया था। बीते 4 अप्रैल को हाईकोर्ट के निर्देश पर उन्हें हॉफ पद पर चार्ज दिया गया था। और अब 19 अप्रैल को फिर से आईएफएस विनोद कुमार को वन विभाग के मुखिया की कुर्सी मिली।