खलंगा के जंगल में विभिन्न प्रजाति के कई पेड़ कटे, मामला दर्ज

खलंगा जंगल आक्रोश-वन विभाग ने पेड़ कटान पर अशोक अग्रवाल पर दर्ज किया मुकदमा

देखें आदेश, भारी विरोध के बाद रुका निर्माण कार्य

किसी भारी भरकम करोड़ों के प्रोजेक्ट की चर्चा

अविकल थपलियाल

देहरादून। खलंगा के जंगल में साल के 22 पेड़ काटे जाने का मामला सामने आए ही वन विभाग ने ऋषिकेश निवासी अशोक अग्रवाल के विरूद्ध वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 की धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज कर लिया गया है।

यही नहीं, शनिवार को वन विभाग व राजस्व टीम के निरीक्षण के बाद खलंगा क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए विशेष टीम गश्त पर रहेगी।

मसूरी वन प्रभाग की ओर से जारी आदेश में दीवार आदि निर्माण का कार्य भी रुकवा दिया। शनिवार को खलंगा क्षेत्र के नागरिकों व पर्यावरण प्रेमियों ने वन व राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी व हंगामा किया।

प्रदर्शन के बाद निजी भूमि के खसरे की पैमाइश में ठोस तथ्य सामने नहीं आये। इसकी विस्तृत जांच के लिए डीएम से अपील की गई है।

गौरतलब है कि वन क्षेत्र में व्यावसायिक दृष्टिकोण से हो रहे निर्माण के पीछे किन किन सफेदपोश लोगों का हाथ है। यह मसला भी लोगों की जुबान पर देखा गया।

चर्चाओं के मुताबिक साल के इस जंगल में करोड़ों के प्रोजेक्ट की योजना थी।  यह भूमि निजी बताई जा रही है। फिलहाल, सम्बंधित विभाग ने अशोक अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जारी निर्माण कार्य को रुकवा दिया है।
लेकिन साल के बेहद खूबसूरत जंगल में 22 पेड़ काटे जाने की ठोस खबर ने सब कुछ शीशे की तरह साफ कर दिया है कि दाल में बहुत कुछ काला है…

वन विभाग के डीएफओ का आदेश

दिनांक 13-06-2025 को सोशल मीडिया पर खंलगा क्षेत्र को लेकर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा था, जिसमें निजी व्यक्ति द्वारा गेट निर्माण एवं फॅन्सिग निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
उक्त का तुरन्त संज्ञान लेते हुए रायपुर रेंज की टीम द्वारा मौके पर पूर्वाह्न में निर्माण कार्य रूकवा दिया गया और बिना सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त ना होने के कारण प्रयोग हो रहे औजारों को जब्त कर दिया गया।
आज दिनांक 14-06-2025 को प्रभागीय वनाधिकारी, मसूरी वन प्रभाग द्वारा उक्त क्षेत्र का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान मौके पर खंलगा विकास समिति के सदस्य एवं अन्य पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे जिनके द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।


मौके पर राजस्व विभाग के प्रतिनिधि एवं रायपुर रेंज के स्टॉफ उपस्थित रहे। वन विभाग एवं राजस्व विभाग के मानचित्रों का अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ कि आरक्षित वन की सीमाओं के भीतर एक खसरा न0 204 है, जो गैर आरक्षित वन चक भूमि के रूप में विद्वमान है जहाँ मौके पर साल का जंगल मौजूद है।
निजी व्यक्ति द्वारा गेट निर्माण एवं फेंसिंग कार्य उक्त खसरे के भीतर किया जा रहा था, परन्तु मौके पर उक्त खसरे की सीमाएं स्पष्ट नही हुई जिसके क्रम में खसरे की सीमाओं को मौके पर स्पष्ट करने हेतु विस्तृत सर्वे किये जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी देहरादून को पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
मौके पर किये गये गेट निर्माण एवं फेंसिंग की सक्षम स्तर से अनुमति ना होने के दृष्टिगत उसे हटा दिया गया है। उक्त क्षेत्र में पेडों की क्षति का आंकलन करने हेतु कॉम्बिंग टीम का गठन किया गया था, जिसमें खलंगा विकास समिति के प्रतिनिधि भी नामित किये गये थे।
कॉम्बिंग टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्र का मौका मुआयना कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें विभिन्न प्रजातियों के 0-10 व्यास वर्ग के 20 वृक्षों एवं 10-20 व्यास वर्ग के 02 वृक्षों के कुल 22 वृक्षों को क्षति पहुंचाये जाने का उल्लेख किया गया है। इसी क्रम में उक्त वृक्षों को क्षति पहुंचाये जाने हेतु श्री अशोक अग्रवाल, निवासी ऋषिकेश के विरूद्ध वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 की धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज कर लिया गया है।

इसके अतिरिक्ति उक्त क्षेत्र में प्रभावित हुई वन संम्पदा के रिसोटोरेसन हेतु सम्बन्धित व्यक्ति को निर्देशित किया गया है। खलंगा क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए गश्त करने हेतु विशेष टीम का भी गठन किया गया  है।

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https://avikaluttarakhand.com/uttarakhand/uttarakhandanger-erupted-over-the-possibility-of-tree-felling-in-khalanga-forest-area/के

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