कैबिनेट मंत्री सुबोध ने कहा, कृषि विधेयक से किसानों का शोषण खत्म होगा।

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उन्होंने कहा कि जहाॅ इस बिल से  कृषकों का शोषण समाप्त होगा किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए व्यापक अवसर प्राप्त होंगे।

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कृषि मंत्री सुबोध उनियाल

उन्होंने कहा कि उक्त बिल कृषकों की आय बढाने में दिये गये विभिन्न उपायों में सरलीकरण के लिए मदद करेगा। वन नेशन, वन मार्केट के तहत कृषक अपनी उपज को एमएसपी पर अथवा अधिक दाम पर बेच सकता है।

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो जाने पर एमएसपी कृषकों के कुल लागत से कम नही होगी। कान्ट्रेक्ट फार्मिंग पहले से चल रहा था जो कृषकों के समझौते से सम्बन्धित था। अब प्रत्येक दशा में खरीदार को उक्त करार का पालन करना होगा जबकि किसानों को इससे छूट होगी। बढे हुए दामों में करार से अतिरिक्त किसानों को अंश देना होगा। बिचैलिया कृषको की भूमि खरीद नही सकता है और ना ही बन्धक बना सकता है। इसके कारण कृषको के हित पूरी तरह सुरक्षित है।

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नई व्यवस्था में किसानों को हाई यील्ड बीज, उच्च टैक्नालाजी उपलब्ध कराया जायेगा।  कुछ उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर रखा गया है। सभी को उक्त वस्तुए रखने का अधिकार दिया गया है ताकि वस्तुओं की उपलब्धता बनी रही और दामों पर नियंत्रण बना रहें। एक लाख करोड के इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का लाभ प्राईवेट सेक्टर भण्डारंण, वेयर हाउस, कोल्ड स्ट्रोरेज बना सकेंगे। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।

राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संर्वद्धन और सरलीकरण ) विधयेक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण ) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधयेक 2020 के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।

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