Politics- त्रिवेंद्र के अग्निबाणों पर हरदा की फुहार से सत्ता के गलियारे सरगर्म

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के बयान से भाजपा सांसत में और हरीश रावत के ट्वीट से राहत में

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के बयानों का मंत्री प्रेमचंद व तीर्थ पुरोहित कर गए विरोध

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने जिला विकास प्राधिकरण व देवस्थानम बोर्ड पर दी गयी प्रतिक्रिया भाजपा की परेशानी का सबब बनी

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के कमेंट प्रदेश की राजनीति में लम्बे समय बाद गर्माहट का अहसास दे रही है। कांग्रेस काल में सीएम रहे हरीश रावत अपनी पार्टी नेताओं को आगाह करते हुए एक बार फिर सीएम धामी की तारीफ के कसीदे पढ़ गए। हरीश रावत का ताजा ट्वीट और त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान बेहद चर्चा का विषय बने हुए हैं।

दूसरी तरफ, भाजपा राज में चार साल सीएम की कुर्सी पर विराजमान रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ आपदा के बाद दो बड़े बयान देकर अपनी ही सरकार को घेर गए।

त्रिवेंद्र रावत के वीडियो बयान भाजपा के शीर्ष स्तर पर भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। त्रिवेंद्र का यह कहना कि कई बार ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दे दी जाती है जो उसके लायक नहीं होते। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के उस बयान के कई राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

जोशीमठ संकट से जूझ रही प्रदेश व केंद्र सरकार के लिए अपने ही दल के पूर्व सीएम का यह बयान काफी बड़ी चोट कर गया। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र यही नहीं रुकते- जिला विकास प्राधिकरण व देवस्थानम बोर्ड के फैसले रद्द करने पर भी पीड़ा व्यक्त की। त्रिवेंद्र सरकार के यह दोनों फैसले तीरथ सिंह रावत व धामी सरकार ने कैंसिल कर दिए थे।

उन्होंने जोशीमठ का संदर्भ लेते हुए साफ कह दिया कि आज जिला विकास प्राधिकरण होते तो यह स्थिति नहीं आती और एक बेहतर विकास योजना बनती। यही नहीं, यह भी कहा कि आज देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में होता तो जोशीमठ के विकास के लिए 150 करोड़ मिल जाते।

हालांकि, धामी सरकार में शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान की काट करते हुए कहा दिया कि जिला विकास प्राधिकरण के गठन का फैसला जल्द बाजी में लिया गया था।

यही नहीं, देवस्थानम बोर्ड के गठन पर पूर्व सीएम की टिप्पणी का तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध कर दिया। तीर्थ पुरोहित समाज ने कहा दिया कि देवस्थानम बोर्ड का गठन एक जनविरोधी फैसला था। और जोशीमठ को 150 करोड़ में नहीं बचाया जा सकता। सरकार 2 हजार करोड़ की योजना बनाकर जोशीमठ को बचाने की योजना बना रही है।

बहरहाल, नाजुक जोशीमठ के सवाल पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चर्चित मुद्दे उठाकर भाजपा को ही संकट में डाल दिया। उनके इन बयानों की ज्वाला में विपक्ष भी हाथ सेंक रहा है। लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने रातों रात इस ” अंदरूनी राजनीतिक आग” पर अपनी मंद मंद व मीठी बौछार का छिड़काव कर सीएम धामी की प्रशंसा कर कई निशाने साध गए।

इससे पूर्व भी, बुजुर्ग हरीश रावत हाल ही में सीएम धामी के एक स्कूल में बच्चे के जूते के फीते बांधने और रुद्रप्रयाग में जनता से मिलने की फोटो शेयर कर पार्टी के अंदर और बाहर तूफान ला ही चुके हैं।

इधर, सीएम धामी की फ्रेश तारीफ कर पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत भी दी और आगाह भी किया। साथ ही सीएम धामी के धैर्य की सोशल मीडिया में तारीफ कर त्रिवेंद्र की फायरिंग की धार को भी कुंद कर गए…

पूर्व सीएम हरीश रावत का ट्वीट

पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, “राज्य के मुख्यमंत्री जी बहुत अच्छे सुनने वाले व्यक्ति हैं, प्रतिद्वंदी रहें सावधान”


पूर्व सीएम ने कहा कि “भविष्य के प्रतिद्वंद्वियों को सावधान रहना चाहिये। राज्य के मुख्यमंत्री जी बहुत अच्छे सुनने वाले व्यक्ति हैं। कल हम जोशीमठ आपदा पर ढेर सारे सुझाव देने के लिए गये। जिसमें कई सुझाव आलोचनात्मक भी थे, तीक्ष्ण सवाल भी थे, मगर मुख्यमंत्री जी ने पूरे धैर्य के साथ उनको सुना। अब कितना समाधान निकालेंगे, इस पर भविष्य की नजर रहनी चाहिए। देखते हैं प्रीफैबरीकेटेड घर कब बनने शुरू होते हैं, टेंट कॉलोनी यदि हो तो कब तक लगती है, सुरक्षित स्थानों का चयन कब होता है, मुआवजे की राशि लोगों को कब तक बता दी जाती है, कितना मुआवजा मिलेगा और किस तरीके से साधारण लोग जिनकी आजीविका जोशीमठ पर है उनके लिए क्या होता है! गाय के लिए क्या होता है, गाय के दूध पर जिनकी आर्थिकी है उनके लिए क्या होता है, तो बहुत सारी चीज़ें हैं, जिनकी हम सबको प्रतीक्षा रहेगी। मगर एक बात सत्य है कि सुना मुख्यमंत्री जी ने पूरे धैर्य से।”

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