कोरोनाकाल में ज्यादा वसूली करने वाले अस्पताल ने लौटाए दो लाख

अभिनव थापर के “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान के तहत देहरादून के निजी अस्पताल ने लौटाई 2 लाख की राशि

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून: कोरोना महामारी में निजी अस्पतालों की ओर से मचाई गई लूट के खिलाफ देहरादून निवासी अभिनव थापर की ओर से चलाए गए अभियान “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” मुकाम पर पहुंचने लगा है। अभियान के माध्यम से देहरादून के इंदिरापुरम, जी एम एस रोड, निवासी सुधा अग्रवाल को यहाँ के एक निजी अस्पताल ने दो लाख रुपये लौटाए हैं।

दीपाली बंसल ने बताया कि जीएमएस रोड स्थित इंद्रापुरम, देहरादून निवासी उनके पिता कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उपचार के एवज में उनसे लाखों रुपये की वसूली की गई और 29 अप्रैल को उनके पिता जी का स्वर्गवास हो गया था ।

दीपाली ने कहा कि उन्होंने अभिनव का नाम कोरोनो काल मे मददगार के रूप में सुना था, किन्तु अक्टूबर में समाचार चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से अभिनव थापर के इस अभियान की उन्हें जानकारी मिली। जिसके बाद उन्होंने ट्विटर के माध्यम से उनसे संपर्क किया। कहा कि अभिनव थापर के इस अभियान से जुड़ने के बाद उन्होंने बहुत मदद की, जिसके चलते अस्तपाल ने उन्हें 20 दिसंबर को दो लाख रुपये वापस किए।

दीपाली बंसल ने कहा कि तब तक वह अभिनव थापर से मिली भी नहीं थी, फिर भी उन्होंने इतनी बड़ी मदद की, इसीलिए वह उनसे मिलने दिल्ली से देहरादून आयी। बताया कि साथ में उनकी माता सुधा अग्रवाल, भाई गौरव व भाभी रुचि सभी ने अभिनव थापर को आशीर्वाद दिया व उनकी इस मुहिम को आगे बढ़ाने का प्रण लिया, जिससे देहरादून व दिल्ली के उनके जानने वालों को भी मदद मिल सके ।

सुप्रीम कोर्ट में पूरे भारत के लगभग 1 करोड़ कोरोना मरीजों के बिल वापसी के लिये जनहित याचिका के माध्यम से संघर्ष कर रहे अभिनव थापर ने कहा कि, हमारे कोरोना पीड़ितों से बिल एकत्रित करने के लिये देश भर में “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान के द्वारा मीडिया, घर.घर पर्चों व नुक्कड़ नाटक समेत विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

चूंकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है अतः बिल एकत्रित करने के लिये “लड़ाई अभी बाकी हिसाब है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान के तहत हमारी हर संभव न्यायसंगत कोशिश रहेगी कि, हर नागरिक को उनसे हस्पतालों द्वारा लूटे हुए पैसे की वापसी के मामले को माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके।

अभिनव ने बताया कि दीपाली बंसल के स्वर्गीय पिता के केस को मैंने ब्डव् से निवेदन किया कि निजी अस्पतालों के द्वारा कोरोना काल में जनता से की गई लूट को गाइडलाइन का पालन करते हुए जनता का पैसा जनता तक पहुंचाने में कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास देश के अधिक से अधिक लोगों तक यह अभियान पहुंचाना है। इस प्रयास में उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज उप्रेती व डॉ निधि रावत के विशेष प्रयासों के लिये धन्यवाद किया ।

उन्होंने उत्तराखंड के सभी कोरोना पीड़ितों के लिये हेल्पलाइन नम्बर व ईमेल जारी किया है। जिसपर कोई भी निवासी अपने या अपने दोस्त, रिश्तेदारों, जानकारों के निजी अस्पताल , दवाई के बिल, कोरोना की रिपोर्ट व डिस्चार्ज समरी को व्हाट्सअप या ईमेल कर सकते हैरI

कोरोना बिल एकत्रित अभियान “लड़ाई अभी बाकी है. हिसाब अभी बाकी है” की हेल्पलाइन नम्बर व ई-मेल
हैं 9870807913 – abhinavthaparuk@gmail.com

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