चारधाम देवस्थानाम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने दी जानकारी.1 जुलाई से सिर्फ उत्तराखंडवासियों को ही मिली थी अनुमति. कोरोना संकट बढ़ने पर सभी के लिए चारधाम निमंत्रण कहीं आत्मघाती कदम तो साबित नही होगा।
रमन ने कहा कि कुछ शर्तों और मानक पूरा करने के बाद ही अन्य राज्यों के तीर्थ यात्री उत्तराखंड में प्रवेश कर पाएँगे। देखें शुक्रवार को जारी आदेश.
यहां यह भी गौरतलब है कि हाल ही में कांवड़ यात्रा को स्थगित किया गया। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कांवड़ियों के उत्तराखंड में प्रवेश पर पूरी पाबंदी लगाई गई। इसके अलावा सोमवती अमावस्या के हरिद्वार में होने वाले बड़े स्नान के लिए भी जनता को मना किया गया।
बीते कुछ समय से उत्तराखंड में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। यह संख्या 5717 तक पहुंच गई है। 62 लोग कोरोना से मर चुके हैं। करीब 7 हजार सेअधिक सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। शुक्रवार को भी राज्यमें 272 कोरोना के मरीज मिले।
कुल मिला कर उत्तराखंड में कोरोना संकट बढ़ता जा रहा है। देहरादून,हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर व नैनीताल जिलेमें शनि और रविवार को लॉकडौन करने पर सरकार को बाध्य होना पड़ा। ऐसे में अभी अन्य राज्यों के तीर्थ यात्रियों को चारधाम यात्रा की अनुमति देना नए खतरों को जन्म सकता है।
इससे पुलिस प्रशासन का काम भी पहले से अधिक बढेगा। अभी चारधाम यात्रा मार्ग में भोजन आदि की व्यवस्था भी बहुत मुकम्मल नहीं है। बरसात के मौसम में आये दिन भू स्खलन व आपदा से मौतें हो रही है। सड़कें टूट रही है। पहाड़ खिसक रहे हैं।
ऐसे में बाहरी राज्यों के तीर्थ यात्रियों को निमंत्रित करने का फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है। वो भी तब जबकि किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में जाने की अनुमति नही है। सभी को बाहर से ही हाथ जोड़कर वापस होना पड़ रहा है।
कोरोना के बढ़ते ग्राफ के बीच चारधाम यात्रा पूरे देश के लिए खोलने के परिणाम आत्मघाती न हो, बद्री-केदार जी से अब यही विनती है।
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चारधाम की यात्रा के लिए नहीं परन्तु अपने दूसरे ब्यक्तिगत कार्य हेतु देहरादून या उत्तराखंड के किसी अन्य शहर आना हो तो उसके लिए क्या नियम हैं ? ऐसा लग रहा है कि या तो नियमों में या नियमों की पालना में एकरूपता नहीं है ।
Yess, अलग अलग नियम