केदारनाथ में राहुल गांधी के भंडारे की खुशबू से चढ़ा सियासी पारा

चुनावी मौसम में कांग्रेस नेता राहुल की धार्मिक यात्रा को लेकर भाजपा-कांग्रेस भिड़े

भंडारे में राहुल ने साधु संतों व भक्तों को अपने हाथ से परोसा भोजन

बाबा केदारनाथ धाम में पूजा कर शंकराचार्य की प्रतिमा को किया नमन

अविकल उत्तराखण्ड

केदारनाथ। बेशक उत्तराखण्ड में धामों का तापमान तेजी से लुढ़क रहा हो लेकिन सियासी, धार्मिक व आध्यात्मिक हलचल ने 12 हजार फीट पर बह रही बर्फीली हवाओं में अतिरिक्त गर्मी घोल दी ।

ऊंचे बर्फ से ढके पर्वतों से उठी ये गर्म हवा अब मैदान की ओर तेजी से रुख कर रही है। राहुल गांधी के केदारनाथ पहुंचते ही भाजपा के पहरेदारों ने झटके से तीर-तलवार निकाल लिए। और यात्रा को एक ढोंग बताते हुए स्वंय को सनातन धर्म का जबरदस्त पैरोकार करार देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

Rahul Gandhi “Kedarnath

चूंकि, यह संभावना जताई जा रही है कि दीवाली के आसपास पीएम मोदी केदारनाथ यात्रा पर आएं। लिहाजा, पांच राज्यों के चुनावी मौसम के बीच राहुल गांधी की नितांत निजी यात्रा पर भाजपा ने तत्काल बम गोले बरसा दिए।

इस बार राहुल गांधी की केदार यात्रा काफी गोपनीय रखी गयी। और बाबा केदार के दर्शन व पूजा के अलावा धाम में मौजूद श्रद्धालुओं और संतों से सीधे संवाद की रूपरेखा भी बन्द कमरों में बनी।

पांच नवंबर को केदारनाथ पहुंचते ही नन्दी को प्रणाम कर अगले दिन  शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा की पूजा- ध्यान की तस्वीरें व वीडियो वॉयरल होते ही भाजपा की ओर से तलवारें खिंचने लगी।

राहुल गांधी ने बाबा के धाम में भंडारे का प्रसाद मौजूद श्रद्धालुओं को तो अपने हाथ से खिलाया ही। साधु संतों आशीर्वाद लिया। और माइनस के करीब पहुंच रहे पारे के बीच भक्तों व साधु संतों को गर्मागर्म चाय का प्याला पेश कर माहौल में गर्मी ला दी। 

केदार बाबा के प्रांगण में शिव भक्त साधुओं के साथ राहुल की फ़ोटो मीडिया की सुर्खियां बनती चली गयी। और चुनावी पंडित नितांत आध्यात्मिक व धार्मिक यात्रा के राजनीतिक निहितार्थ निकालने में जुट गए।

चुनावी बयार के बीच भाजपा किसी भी कीमत पर राहुल के ‘हिन्दू कार्ड’ की हवा निकालने में जुट गई। यूं तो राहुल गांधी पूर्व में कभी पैदल तो कभी हवाई मार्ग से बाबा केदार के दर्शनों को आते रहे हैं। लेकिन इस बार राहुल गांधी की धार्मिक यात्रा पर भाजपा ने विशेष ‘कृपा दृष्टि’ बनाये रखी। कांग्रेस ने भी भाजपा पर पलटवार कर कह दिया कि राहुल गांधी के आगमन से भाजपा घबरा गयी है।

यह भी अजब संयोग रहा या तय रणनीति का हिस्सा कि राहुल के केदारनाथ में कदम रखने के दिन ही बाबा बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी केदारनाथ पहुंचे। और बाबा के धाम में जय श्री राम समेत कई नारे हवा में गूंजने लगे। जनता और मीडिया का फोकस कभी राहुल तो कभी धीरेंद्र शास्त्री पर झूलता रहा।

यही नहीं, केदारनाथ दर्शन के बाद इसी दिन बद्रीनाथ पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वहां मौजूद महामंडलेश्वर कैलाशानन्द और स्वामी चिदानन्द से वार्ता की खबरें भी सुर्खियां बनीं। बद्रीनाथ में भी नारों की गूंज रही।

चूंकि, चारों धाम के कपाट नवंबर माह में ही बन्द होने हैं। लिहाजा, इस समय इन धामों में एक ही दिन में कई नेता, संत, अधिकारी व एक्टर पहुंच रहे हैं। दर्शनों के लिए तांता लगा हुआ है।

बीते दिनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, सीएम योगी आदित्यनाथ, एक्टर रजनीकांत, सपा नेत्री डिंपल यादव,उद्धव ठाकरे, बाबा बागेश्वर धाम समेत कई हस्तियां हर रोज चारधाम पहुंच रही हैं।  कहीं कोई राजनीतिक बयानबाजी सामने नहीं आयी। लेकिन 5 नवंबर को राहुल गांधी के केदारनाथ पहुंचते ही एकाएक राजनीतिक  संग्राम छिड़ गया। सनातनी हिन्दू ‘होने’ और “दिखावे” को लेकर 12 हजार फीट पर छिड़े युद्ध की टंकार राजनीतिक दलों के किले में कम्पन पैदा कर गयी।

बहरहाल, केदार धाम में राहुल गांधी के भंडारे के प्रसाद की खुशबू  व मिठास ने भाजपा-कांग्रेस की बयानबाजी की तल्खी को कई गुना बढ़ा दिया।

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