महापंचायत ने सीएम को लिखा पत्र
तीस नवंबर तक हल नहीं तो विधानसभा सत्र में घेराव करेगी महापंचायत
चारधाम देवस्थानाम बोर्ड- मंगलवार का बेसब्री से इंतजार
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।चारधाम देवस्थानाम बोर्ड के मुद्दे पर भाजपा सरकार की हाई पावर कमेटी व कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट के बाद तीर्थ पुरोहित 30 नवंबर के बेसब्री से इंतजार कर रहे है। अगर 30 नवंबर तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो चारधाम हक हुकूकधारी महापंचायत विधानसभा सत्र में घेराव करेगी।
इस बाबत महापंचायत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी, मंत्री सुबोध उनियाल को पत्र लिख अपने इरादे जताए हैं। कुछ दिन पहले ही महापंचायत ने देहरादून में मंत्री आवास घेराव व सचिवालय कूच कर सरकार को चेतावनी दी थी।
इसके बाद सरकार ने तुरत फुरत मंत्रिमण्डलीय कमेटी में महाराज,सुबोध उनियाल व यतीश्वरानंद को जगह देकर हल निकालने की कोशिश की। यह कमेटी भी अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंप चुकी है।
चारधाम हकहुकूकधारी महापंचायत के पत्र का मूल सार
सेवा में,
श्रीमान पुष्कर सिंह धामी मा० मुख्य मन्त्री उत्तराखण्ड सरकार
विषय:- चार धाम देवस्थानम् बोर्ड भंग करने के बाबत
महोदय,
राज्य के चारो धामो के तीर्थ पुरोहित एक हकूकधारी 30 नवम्बर तक चारधाम देवस्थानम् एक्ट को समाप्त करने के सरकार के आश्वासन पर नजर टिकाए बैठे हैं, जैसा की विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और कैबिनेट मंत्री डा० हरक सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी को भरोसा दिया था कि 30 नवम्बर तक चारधाम देवस्थानम् एक्ट को लेकर कोई सकात्मक निर्णय ले लिया जायेगा। सरकार के आश्वासन के बाद तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूक धारी 30 नवम्बर का इंतजार कर रहे है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 30 नवंबर समय सीमा देकर आन्दोलन को स्थगित कराया था. मगर सरकार भरोसे पर खरी नहीं उतरी तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूक धारियों में हाई पावर कमेठी के गठन को लेकर भी खासा आक्रोश है।
चार धाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूक धारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकॉत कोटियाल एवं महामंत्री हरीश डिमरी का स्पष्ट कहना है कि 30 नवम्बर तक इंतजार किया जाएगा । अगर 30 नवम्बर तक देवस्थानम् एक्ट को वापस नहीं लिया गया तो महापंचायत आने वाले विधानसभा सत्र का गैरसैण में व्यापक रूप से घेराव किया जायेगा आन्दोलन की धार को तेज किया जायेगा।
एक्ट की समाप्ति के लिए होने वाले संघर्ष की रूप रेखा पर लगातार बैठके एवं अन्य स्थानों पर सम्पर्क किया जा रहा है इस संघर्ष में साधु समाज व अन्य समाजों से भी विचार विमर्श एवं बैठकों का दौर लगातार चल रहा है। जिससे एक्ट की समाप्ति तक इस संघर्ष की रूप रेखा की रणनीति तय की जाए । इसमें देशभर के धर्मानुरागियों का साथ मिल रहा है।
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