सीएम धामी ने मंत्री हरक-सुबोध के साथ किये बाबा केदार के दर्शन
सभी ने मिलकर लगाए भोले बाबा के जयकारे
आंदोलित तीर्थ पुरोहितों को दिए पॉजिटिव संकेत
अविकल उत्त्तराखण्ड
केदारनाथ। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विरोध के बाद कांग्रेसी गोत्र के दो मंत्रियों को साथ लेकर केदार धाम पहुंचे सीएम धामी को पंडा समाज ने फील गुड का अहसास कराया। बाबा भोले के निष्कंटक दर्शन भी कराए। नेताओं व पंडा समाज ने मिलकर केदार बाबा के जयकारे लगाए। हर हर महादेव से भी गूंजी केदार नगरी।
सीएम विरोध की पूर्व की चेतावनी से पीछे हटते हुए तीर्थ पुरोहितों ने धामी की सुनी भी और अपनी भी कही। सब कुछ आल इज वेल की बयार बहने से सरकार और शासन ने गहरी चैन की सांस भी ली।
बुधवार को सीएम धामी, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व सुबोध उनियाल के केदारधाम में पांडा समाज से बातचीत के बाद पीएम मोदी के दौरे को लेकर जतायी जा रही सभी आशंकाएं भी एक झटके में खत्म हो गयी।
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सीएम धामी ने पंडा समाज के सभी हित सुरक्षित रखने का पूरा भरोसा देते हुए पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5 नवम्बर को प्रधानमन्त्री मोदी के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। सौहार्दपूर्ण बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित कर रहे हैं। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।
गौरतलब है कि दो दिन पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारधाम में पंडा समाज का भारी विरोध झेलना पड़ा था। तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश के बाद चेती केंद्र व राज्य सरकार ने मंत्री सुबोध उनियाल को केदार धाम भेजा। उनियाल ने पंडा समाज से वार्ता कर सीएम के सुगम दौरे की बुनियाद रखी। इधर, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के केदार दौरे पर सवाल उठाए। जबकि त्रिवेंद्र ने कहा कि केंद्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि देवस्थानाम प्रबंधन बोर्ड का गठन उच्च स्तरीय बैठक के बाद ही किया गया।
बहरहाल, भाजपा सरकार के डैमेज कंट्रोल के बाद केदारधाम में बीते 48 घण्टे से चल रहा हाईवोल्टेज ड्रामा अब उतार पर नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के 5 नवंबर के दौरे से पहले देवस्थानाम बोर्ड को भंग करने के सम्बंध में धामी सरकार के निर्णय पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं। बीते लगभग दो साल से हक हकूक धारी महापंचायत देवस्थानाम बोर्ड को भंग करने की एकसूत्री मांग को लेकर आंदोलित हैं। चारों धामों में बीते दो साल से पंडा समाज कई बार आंदोलन कर चुके हैं।
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केदारधाम में त्रिवेंद्र को काले झंडे लेकिन सुबोध का रेड कारपेट वेलकम
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