केदार, यमुनोत्री व गंगोत्री की शीतकालीन पूजा क्रमशः उखीमठ, खरसाली व मुखबा में होगी
• उत्तराखंड चारधामों में श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 4 नवंबर शीतकाल हेतु बंद
• 20 नवंबर शनिवार भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल हेतु बंद होंगे
• सेना के बैंड बाजों की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होंगे।
• संपूर्ण केदारनाथ में बर्फ जमी हुई है। मौसम सर्द।
• बड़ी संख्या में तीर्थयात्री, देवस्थानम बोर्ड, जिला प्रशासन, तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी, स्थानीय श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।
• हेलीकॉप्टर सेवा जारी।
• 22 नवंबर भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे।
• 25 नवंबर को उखीमठ में मद्महेश्वर मेला।
• साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंच गये है चार धाम जिनमें दो लाख चालीस हजार से अधिक भगवान केदारनाथ जी के दर्शन को पहुंचे।
अविकल उत्त्तराखण्ड
श्री केदारनाथ धाम। प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज शनिवार भैया दूज वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये । ब्रह्म मुहुर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई। प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आह्वान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा,शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे।
बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ हेतु प्रस्थान किया।
प्रदेश के राज्यपाल महामहिम गुरूमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सहित प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज,
पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने धामों के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी।
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कोरोना की बंदिशों के साथ शुरू हुई यात्रा में चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे ।
मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधू, सचिव तीर्थाटन हरिचंद सेमवाल, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी अशोक कुमार, आपदा सचिव एस ए मुरुगेशन, आपदा निदेशक डा. पीयूश रौतेला ने केदारनाथ सहित चारों धामों में यात्रा ब्यवस्था से जुड़े जिला प्रशासन सहित,सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों, चिकित्सा पुलिस प्रशासन को यात्रा समापन बधाई दी है।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होते समय उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्री निवास पोस्ती, देवस्थानम बोर्ड सदस्य आशुतोष डिमरी, आयुक्त गढ़वाल एवं देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, जिलाधिकारी मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा,
जल विद्युत निगम डीजी के के बिष्ट एवं अनुराग बिष्ट देवानंद गैरोला,केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, एवं योगेंद्र सिंह,शिव सिंह रावत, सहायक अभियंता गिरीश देवली, पुलिस चौकी प्रभारी मंजुल रावत,मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रभारी लेखाअधिकारी आर सी
तिवारी,धर्माचार्य औंकार शुक्ला प्रबंधक अरविंद शुक्ला एवं प्रदीप सेमवाल आदि मौजूद रहे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने मंदिर की परिक्रमा के बाद जय श्री केदार के उदघोष के बाद पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया।
कल 7 नवंबर डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास हेतु पहुंचेगी। 8 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के पंच केदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ विराजमान हो जायेगी इसी के साथ भगवान भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी
चारधामों में कल 4 नवंबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए।शीतकाल हेतु 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।22 नवंबर को द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे श्री मद्महेश्वर भगवान की विग्रह डोली के 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने की तिथि पर मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।
बताया कि अभी तक दो लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे है।
श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल तक बन्द
अब खरसाली में होगी शीतकालीन पूजा
श्री यमुनोत्री धाम ( उत्तरकाशी)/ । उत्तराखंड चारधामों में प्रसिद्ध श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु आज शनिवार भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है यमदेव मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।
कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे । कपाटबंद होने के बाद मां यमुना की जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली हेतु प्रस्थान किया।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री यमुनोत्री धाम तैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे
ओर 33166 तीर्थयात्री श्री गंगोत्री धाम पहुंचे कुल 66हजार से अधिक तीर्थ यात्री श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम पहुंचे है।
कपाट बंद होने के अवसर में पूर्व राज्यमंत्री जगवीर भंडारी, मंदिर समिति पदेन अध्यक्ष / उप जिलाधिकारी बड़कोट शालिनी नेगी, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज आर्य, डिप्टी सीएमओ डॉ आरसी आर्य, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजश्वरूप उनियाल, प्यारे लाल उनियाल,जय प्रकाश उनियाल, अनिरुद्ध उनियाल, पुरुषोत्तम उनियाल आदि बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा में विराजमान हो गयी।
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