PM MODI- पीएम मोदी ने 3400 करोड़ का बार्डर दीवाली गिफ्ट दिया

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा- सीएम धामी

अविकल उत्तराखण्ड

बद्री-केदार/माणा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सीमा पर स्थित उत्तराखण्ड के माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में 3400 करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं सहित दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) शामिल हैं।

माणा में आहूत जनसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसके साथ इसे किया जाना चाहिए था।चाहे श्री राम मंदिर का निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ मंदिर का अविस्मरणीय पुनरोद्वार हो, केदारपुरी व बद्रीनाथ पुरी का पुर्ननिर्माण व सौन्दर्यीकरण हो या हाल ही में राष्ट्र को समर्पित श्री महाकाल लोक हो। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की अस्मिता के प्रतीकों व सांस्कृतिक धार्मिक- धरोहरों को जिस प्रकार से संरक्षित व संवर्धित किया जा रहा है उसकी शब्दों में व्याख्या संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान 4 करोड़ शिव भक्तों को हरिद्वार से गंगा जल ले जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा अभी तक 45 लाख भक्तों ने चारधाम यात्रा  में प्रतिभाग किया है।

उन्होंने कहा कि सदियों से तिरस्कृत किये गये अपने तीर्थ क्षेत्रों को विकसित और आधुनिक बना रहे हैं, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह स्वर्णिम कालखंड भारत की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक चेतना के पुनरोत्थान का कालखंड है। आधुनिकता के संतुलित समावेश के साथ आज सनातन संस्कृति का वैभव पुनर्जीवित हो रहा है तथा भारत पुनः विश्वगुरु के स्थान पर स्थापित हो समूचे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिये तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व के समक्ष जो भी समस्याएं हैं उनके समाधान के लिये सभी विश्व शक्तियां भारत की ओर देख रही हैं तथा भारत की नीतियों का अनुसरण कर रही हैं।
यह प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी नीतियों का ही परिणाम है कि कोरोना की गंभीर मार के बावजूद आज भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत बनी हुई है बल्कि कई विकसित देशों से बेहतर प्रदर्शन भी कर रही है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता आर्थिक मोर्चे पर ही नहीं, सामरिक मोर्चे पर भी बेहद स्पष्ट है।

आज किसी दुश्मन की हिम्मत नहीं है कि वो भारत की तरफ आंख उठा कर भी देख ले। आज जहां एक ओर सेना आधुनिक हथियारों से सुसंपन्न हो रही है, सैनिकों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं वहीं दूसरी ओर रक्षा क्षेत्र में धीरे-धीरे भारत की भूमिका आयातक की जगह निर्यातक की बन रही है। सेना के इस सशक्तिकरण से हमारा उत्तराखंड सर्वाधिक लाभान्वित हुआ है। आज सेना में अपनी सेवा दे रहा देवभूमि का प्रत्येक जवान इस बात से निश्चिंत है कि उसके परिवार का ख्याल रखने के लिए देश व प्रदेश में डबल इंजन की राष्ट्रवादी सरकारें हैं।

प्रधानमंत्री का यह कथन कि ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा’’ हमें एक नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है। एक तरफ जहां यह हमें गर्व की अनुभूति कराता है वहीं दूसरी तरफ यह हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराता है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध हैं। हमने राज्य को वर्ष 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ का मूलमंत्र अपनाया है।

इस अवसर पर राज्यपाल ले0ज0 श्री गुरमीत सिंह (से.नि.), कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

शिलान्यास की गई परियोजनाओं का विवरण

3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया। जिनमें  गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं भी शामिल थी। केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा।

यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।


कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी।

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