जानें देश में क्यों मनाया जाता है यह विशेष दिन
कोर का आदर्श वाक्य है- “सर्व सन्तु निरामया” है यानि “सभी को रोग और दिव्यांगता से मुक्त होने दें”
नई दिल्ली। हर साल 3 अप्रैल को भारतीय सेना द्वारा सेना चिकित्सा कोर स्थापना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना की मेडिकल कोर ने हर चुनौतीपूर्ण हालात में वीरता का लोहा मनवाया है।
इतिहास
देश में वर्ष 1764 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल मेडिकल सर्विस शुरू की थी। अप्रैल, 1886 में संयुक्त रूप से इंडियन मेडिकल सर्विस का गठन हुआ। देश की आजादी के बाद इस कोर ने बड़ी तेजी से तरक्की की व 26 जनवरी, 1950 को इंडियन मेडिकल सर्विस का नाम परिवर्तित कर इसका नाम सेना चिकित्सा कोर रखा गया।
इस तिथि के महत्व को इस तथ्य से और अधिक उजागर किया जाता है कि तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने तीन अप्रैल 1966 को कोर को राष्ट्रपति के रंग प्रस्तुत किए थे। आर्मी मेडिकल कोर का एक गौरवशाली अतीत रहा है। यह सशस्त्र बलों के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और परिवारों को करुणा के साथ बेहतर स्वास्थय सेवाएं और पुनर्वास देखभाल प्रदान करता है।
सेना चिकित्सा कोर
आईएएमसी को 26 जनवरी 1950 से सेना चिकित्सा कोर के रूप में फिर से नामित किया गया था।
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