भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए महंत रघु मुनि और महंत दामोदर दास


अखाड़े की परंपराओं से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा- महंत दुर्गादास


साधु संतों ने महंत मोहनदास के अपहरण की सीबीआई जांच की उठी मांग , खलबली मची

अविकल उत्तराखंड


हरिद्वार। श्री उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा से महंत रघु मुनि और महंत दामोदरदास को जमीनों के घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप के चलते हटाया गया । शुक्रवार को श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा राजघाट कनखल में आयोजित प्रेस वार्ता में अखाड़ा के जमात के महंत दुर्गादास ने इस बात का खुलासा किया।


उन्होंने पत्रकारों को इन दोनों महंतों रघु मुनि और महंत दामोदर दास द्वारा बेची गई भूमि के कागज दिखाए। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि कुछ भूमाफिया और सफेदपोश राजनीतिक नेता भी इस षड्यंत्र में शामिल हैं जो अखाड़े की प्रतिष्ठा को धूमिल करना चाहते हैं ।

उन्होंने कहा कि अखाड़े की पश्चिम पंगत से उनका कोई विवाद नहीं है पश्चिम पंगत हमारा अभिन्न भाग है उसके दो महंतो ने घपले बाजी कर भ्रष्टाचार किया और अखाड़े की गरिमा को गिराया। इसलिए उनको हटाया गया उन्हें अखाड़े से निलंबित निष्कासित किया गया


इस अवसर पर महंत दुर्गादास ने अखाड़ा के पूर्व कोठारी महंत मोहन दास का कुछ भू माफिया और राजनेताओं और साधुओं द्वारा अपहरण किया गया । उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से महंत मोहनदास के अपहरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की।

उन्होंने कहा कि जब मोहन दास जी का अपहरण हुआ था तभी हमने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी । त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसआईटी से जांच करा कर इस मामले की सच्चाई तक पहुंचने की बात कही थी परंतु एसआईटी इस मामले में कुछ नहीं कर सकी उन्होंने कहा कि हमें महंत मोहन दास जी के साथ न्याय करना है और इस मामले की सीबीआई जांच करवानी है।


महंत दुर्गादास द्वारा महंत मोहनदास अपहरण कांड की सीबीआई जांच की मांग से अखाड़े के कुछ साधु-संतों सफेदपोश नेताओं और भू माफियाओं में हड़कंप मच गया है।

महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि 2 दिन पहले कोर्ट से स्टे लेने की जो बात महंत रघु मुनि और दामोदर दास ने कही वह भ्रम फैलाने वाली बात है। केवल यह सुनवाई तक से मिला है और अगली सुनवाई में सब कुछ साफ हो जाएगा । और सच की जीत होगी।


उन्होंने कहा कि यह स्टे केवल रघु मुनि के बारे में है दामोदर दास के बारे में नहीं। उन्होंने कहा कि दामोदरदास ने पहले ही अखाड़े के महंत गोविंद दास को कोठारी का चार्ज दे दिया है और उनका अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है ।

उन्होंने आरोप लगाया कि दो दिन पहले महंत रघु मुनि और महंत दामोदरदास ने अखाड़े के सभागार का ताला तोड़ा और उन्होंने अब तक अखाड़े के भवनों को खाली नहीं किया जो नैतिकता के खिलाफ है जो साधु संतों को को शोभा नहीं देता।


उन्होंने कहा कि पहली बार अखाड़े का मामला कोर्ट कचहरी में गया है उन्होंने कहा कि जब अखाड़े में साधु संत पदाधिकारी बनते हैं या साधु बनते हैं तो वह गोला साहिब के सामने अखाड़े की मान मर्यादा और गरिमा की रक्षा की शपथ लेते हैं । और ऐसा ना करने पर अखाड़ा छोड़ने की शपथ खाते हैं महंत दामोदरदास और महंत रघु मुनि ने इस शपथ का उल्लंघन किया है

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