दर्जनों आंदोलनकारी व सीओ समेत दो पुलिसकर्मी घायल,पुलिस की कार्रवाई की चौतरफा निंदा
एसपी यशवंत ने कहा प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, वीडियो भी जारी किया
विपक्ष हुआ हमलावर, सदन में मंगलवार को होगा हंगामा
कर्णप्रयाग-रानीखेत मार्ग पर लगा लंबा जाम
अविकल उत्त्तराखण्ड
दिवालीखाल/गैरसैंण।
विधासभा सत्र के पहले दिन ही सीमांत चमोली जनपद के ग्रामीण आंदोलनकारियों पर किये गए बर्बर लाठीचार्ज के बाद माहौल में खासा तनाव बना हुआ है। पुलिस की कार्रवाई की कई दलों व संगठनों ने कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने निर्देश दिए हैं । इस घटना में एक सीओ व एक सिपाही के घायल होने की खबर है। जबकि दर्जनों आंदोलनकारी भो घायल हुए है। पुलिस प्रशासन ने अपने बचाव में पथराव का वीडियो भी जारी किया है। जबकि विपक्ष की ओर पथराव की घटना लाठीचार्ज के बाद की बताई जा रही है। मजिस्ट्रेटी जॉच को विपक्ष ने फेस सेविंग करार दिया है।
देर रात जारी बयान में कहा गया है कि
जनपद चमोली के गैरसैण के समीप दीवालीखाल नामक स्थान पर घाट ब्लाक के लोगों द्वारा सड़क चौड़ीकरण को लेकर किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा गंभीरता से लिया गया है तथा सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने निर्देश दिए हैं । इस बाबत ट्वीट भी किया। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
लाठीचार्ज की घटना के बाद एसपी यशवंत ने भी वीडियो जारी कर यह बताने की कोशिश की है कि जनता की ओर से किये गए पथराव के बाद ही जवाबी कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया चैनल इसे पुलिस की ज्यादती करार दे रहे हैं जो गलत है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पथराव से
पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग विमल प्रसाद के पैर में चोट लगी है। जबकि
31वी वाहनी PAC ( D) कंपनी के कानि0 968 राजकुमार को दिवालीखाल बैरियर में ड्यूटी के दौरान घाट से आये आंदोलनकारी द्वारा किये गये पथराव से सर में चोट लग गयी। उनका CHC गैरसैण में उपचार चल रहा है।
इससे पूर्व, लाठीचार्ज के विरोध में ग्रामीणों ने जंगलचट्टी के पास दिन में दो बजे रास्ता जाम कर दिया। जाम में 7 घण्टे तक दर्जनों वाहन फंस गए। रात करीब 8 बजे जाम खुला।
दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश ,प्रीतम सिंह, हरीश रावत ने लाठीचार्ज को बर्बर करार दिया। मंगलवार को विपक्षी दल कांग्रेस सदन के अंदर और बाहर इस लाठीचार्ज के मुद्दे पर पुलिस प्रशासन के विरोध में आसमान उठाएगा। इधर, डीजीपी अशोक कुमार ने भी कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे। बहरहाल,पुलिस की ज्यादती की राजनीतिक दल निंदा कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि अपने बचाव में जनता ने प्रतिरोधस्वरूप पथराव किया। नेता विपक्ष इंदिरा ह्रदयेश व उत्त्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी का कहना है कि बर्बर लाठीचार्ज के बाद मजिस्ट्रेटी जांच सिर्फ फेस सेविंग है। तत्काल एक्शन होना चाहिए था।
गौरतलब है कि नन्दप्रयाग-घाट के 19 किमीमार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर लगभग 4 हजार से अधिक लोग भराड़ीसैण विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे। उक्रांद व कांग्रेस के कार्यकर्ता भी समर्थन में पहुंचे हुए थे। दिवालीखाल के पास बैरियर में पुलिस लाठीचार्ज व पथराव की घटना में महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल हो गए। पुलिस के इस कदम से विधानसभा सत्र के पहले दिन ही त्रिवेंद्र सरकार के समक्ष नयी मुसीबत खड़ी हो गयी हैं।
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नन्दप्रयाग-घाट सड़क आंदोलन.. हुआ लाठीचार्ज ..पड़ी पानी की बौछार..और मची चीख पुकार,देखें वीडियो
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