अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। बुधवार को भाजपा के प्रभारी दुष्यंत कुमार व सह प्रभारी सांसद रेखा देहरादून आये और बुधवार को ही कांग्रेस ने विधानसभा सत्र में भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की । कांग्रेस का मुख्य निशाना सीएम के सलाहकार के एस पंवार व मंत्री हरक सिंह रावत के कर्मकार बोर्ड पर रहा। इस बीच, दुष्कर्म के आरोप में घिरे भाजपा विधायक महेश नेगी के डीएनए सैम्पल भी 24 दिसंबर लिया जाना है। कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार सुबह 11 बजे विधायक महेश नेगी का भी सैंपल लिया जाएगा। यह मामला भी भाजपा सरकार के लिए रोज नयी मुसीबत खड़ी कर रहा है।
सत्र की शुरुआत से लेकर भोजन अवकाश के बाद तक कांग्रेस विधायक भाजपा सरकार में हुई गड़बड़ियों को लेकर मुखर रहे। नियम 310 की सूचना के तहत नेता विपक्ष इंदिरा ह्रदयेश, प्रीतम सिंह व काजी निजामुद्दीन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट्स लिमिटेड के तीन साल में बढ़े टर्न ओवर व निवेशकों की संख्या को लेकर सरकार पर कड़े प्रहार किये।
काँग्रेस ने कहा कि सीएम के सलाहकार पंवार की कंपनी का टर्नओवर 3 साल में 200 करोड़ कैसे बढ़ गया। उन्होंने इसे मनी लांड्रिंग का मामला बताया। कांग्रेस विधायक विधायक काजी निजामुददीन ने कहा कि सरकार कंपनी के जुड़े लोगों को बचा रही है । उन्होंने यह भी पूछा कि 2017 के बाद मात्र 3 साल में इस कंपनी में 200 करोड़ का निवेश कैसे हो गया और अचानक निवेशकों की संख्या बढ़कर ढाई लाख कैसे हो गई। काजी ने यह भी कहा कि इनमें कई निवेशकों के नाम पते फर्जी है उन्होंने कहा कि यह 200 करोड़ के मनी लांड्रिंग का मामला है इसकी सरकार जांच करें।
कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरबीआई ने चिटफंड कंपनियों की जांच के लिए पत्र भेजा था लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया। काग्रेस विधायकों ने कहा कि औद्योगिक सलाहकार बाद में कंपनी में छोड़ दिया था लेकिन इसमें उनके परिवार के लोग शामिल हैं। इस बाबत उन्होंने तथ्य भी पेश करे।
कांग्रेस के प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के एस पवार सोशल नेटवर्क बेनिफिट लिमिटेड के निदेशक है इस कंपनी के खिलाफ आरबीआई ने 2019 जून में राज्य सरकार को बताया था कि यह अवैध गतिविधियों में संलिप्त है लेकिन सरकार ने जांच नहीं कराई ।
जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार ने आरबीआई से जवाब मांगा है और आरबीआई ने कहा कि जून महीने में उन्होंने कोई पत्र राज्य सरकार को नहीं भेजा तो जांच का सवाल ही नहीं उठता। कौशिक ने कहा कि विपक्ष पूरे तथ्यों के साथ सदन में नहीं आया है । उन्होंने यह भी बताया कि 2019 में प्रदेश सरकार को पता चला कि राज्य में 234 चिटफंड कंपनियां कार्य कर रही हैं। इनके पत्ते को लेकर मुख्य सचिव ने एसटीएफ को जांच सौंपी। जांच में पता चला कि 98 कंपनी सही काम कर रही है और इन कंपनियों में के एस पंवार की सोशल म्यूच्यूअल बेनिफिट निधि लिमिटेड भी है । उन्होंने कहा कि विपक्ष का होमवर्क बहुत ही कमजोर रहा।
इसके अलावा कर्मकार कल्याण बोर्ड के मामले में कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने श्रम मंत्री हरक सिंह को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही मंत्री के विभाग की जांच कर रही है। मंत्री समेत कई लोगों को कल्याण बोर्ड से हटा दिया। हालांकि सरकार ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है जबकि मनोज रावत व ममता राकेश ने कहा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड का कोई मामला कोर्ट में नहीं है। एक स्वयंसेवी संस्था का मामला अवश्य कोर्ट में है जिसमें उस संस्था को बोर्ड की ओर से धनराशि व उपकरण दिए गए हैं। उधर, मंत्री हरक सिंह का कहना है कि वह गरीबों के हित के लिए नियम भी तोड़ सकते हैं। सरकार के जवाब से नाखुश होकर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वाकआउट भी किया।
कुल मिलाकर कांग्रेस अपने एजेंडे में कामयाब होती दिखी जबकि भाजपा इन मुद्दों पर डिफेंसिव नजर आयी। हालांकि, बिजनेस पूरा करते हुए सरकार ने अनुपरक बजट व विधेयक पारित कर लिए। गुरुवार को असरकारी दिवस है। विपक्ष कांग्रेस सत्र के अंतिम दिन भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए नया स्टैंड ले सकती है।
भाजपा के प्रभारी व श प्रभारी भी आज बीजापुर गेस्ट हाउस में सुबह 10.30 बजे पत्रकार वार्ता करने जा रहे है। इसी बीच, भाजपा विधायक महेश नेगी के ब्लड सैम्पल लेने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। प्रभारी पार्टी विधायकों व संगठन से जुड़े लोगों से मिलने के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री अटल के जन्मदिन की तैयारियां भी देखेंगे।
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