कोविड वैक्सीन की 1 लाख डोज पहुंची
सीएम तीरथ ने कहा,उत्तराखंड में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों के वैक्सीनैशन प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इसके लिये पहली खेप आज उत्तराखंड पहुँच जाएगी।
जन आरोग्य, आयुष्मान व प्रदेश स्वास्थ्य योजना में मुफ्त कोविड इलाज होगा-अरुणेन्द्र चौहान
खराब स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विभिन्न संगठनों ने किया उपवास प्रदर्शन
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड के लिए सभी प्रकार का निःशुल्क उपचार मिलेगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि संज्ञान में आया है कि आयुष्मान भारत एवं अटल आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा कोविड रोगियों को कैशलेस उपचार की सुविधा नहीं दी जा रही है। यह कोविड के समय में बिल्कुल उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के आईटी सिस्टम में कोविड-19 पैकेज का चयन कर लाभार्थियों को चिकित्सा उपचार की सुविधा पूर्व से उपलब्ध है। इसके अलावा अस्पतालों को समय से उपचार करने में दिक्कत न हो इसलिए प्राधिकरण चिकित्सालयों के बिल सिस्टम में अपलोड होने के एक सप्ताह में भुगतान किया जा रहा है।
चौहान ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हर योजनाओं के लाभार्थियों को सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्राधिकरण ने सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं।साथ ही लाभार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए अस्पतालों से कहा गया है कि यदि कोविड मरीज अस्पताल में आता है तो हर हाल में योजना के अंतर्गत निर्धारित पैकेज के अनुसार निशुल्क उपचार दिया जाये।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत एनएबीएल मान्यता वाले अस्पतालों को आइसोलेशन बेड के लिए 8000, बिना आईसीयू के वेंटिलेटर केअर पर 12 हजार व आईसीयू के साथ वेंटिलेटर केअर के लिए 14,400 रुपये प्रति का भुगतान जबकि गैर एनएबीएल मान्यता वाले अस्पतालों को क्रमशः 6400, 10,400 व 12000 का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा लाभार्थियों की जांच, उपचार, भोजन एवं पीपीई किट पर होने वाला व्यय पैकेज में शामिल है। जबकि गंभीर कोविड रोगियों को उपचार की दवाएं जैसे रेमडीसीवीर, फेवीपीरवीर, टाकलीज़ुअमब उक्त पैकेज की दरों से अतिरिक्त वास्तविक दर पर ही सूचीबद्ध अस्पताल को उपलब्ध होगी। सभी अस्पतालों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी रोगी या तीमारदार से धनराशि लेना नियम विरुद्ध है और ऐसी स्थिति में अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत समुचित प्राधिकारी को भी सूचित किया जा सकता है।
अरिहंत निजी अस्पताल को नोटिस
देहरादून। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (एएयूवाई) और स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (एसजीएचएस) के अन्तर्गत सूचीबद्ध होने के बावजूद कोरोना मरीजों को निशुल्क (कैशलेस) उपचार न देने वाले अस्पतालों के खिलाफ राज्य सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे ही एक निजी अस्पताल को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में कोरोना मरीजों को निशुल्क (कैशलेस) उपचार न देने पर अस्पताल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है।
देहरादून। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (एएयूवाई) और स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (एसजीएचएस) के अन्तर्गत सूचीबद्ध होने के बावजूद कोरोना मरीजों को निशुल्क (कैशलेस) उपचार न देने वाले अस्पतालों के खिलाफ राज्य सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे ही एक निजी अस्पताल को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में कोरोना मरीजों को निशुल्क (कैशलेस) उपचार न देने पर अस्पताल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है।
अरिहन्त एडवांस सर्जरी एण्ड फर्टिलिटी सेंटर शास्त्रीनगर देहरादून के चिकित्सक डा. अभिषेक जैन को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक (हास्पिटल मैंनेजमेंट) डा. एके गोयल की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कई लोगों की ओर से शिकायत मिली है कि अरिहन्त एडवांस सर्जरी एण्ड फर्टिलिटी सेंटर सरकार की विभिन्न योजनाओं पीएमजेएवाई, एएयूवाई और एसजीएचएस में सूचीबद्ध् होने के बावजूद कोरोना के मरीजों को निशुल्क कैशलेस उपचार मुहैया नहीं करवा रहा है जबकि राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश हैं कि इन योजनाओं के सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार निशुल्क किया जाना है। इतना ही नहीं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारी जब इस सम्बंध में अस्पताल प्रबंधन से मोबाइल फोन पर सम्पर्क करते हैं तो कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया जाता। पत्र में कहा गया है कि यदि अस्पताल ने आगे पीएमजेएवाई, एएयूवाई और एसजीएचएस योजनाओं के तहत कोरोना मरीजों को उपचार निशुल्क नहीं किया तो अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त करने के साथ ही अस्पताल के खिलाफ क्लीनिकल इस्टेबलिश्मेंट एक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी।
हर मरीज़ है,
सरकार की ज़िम्मेदारी,इलाज करो या गद्दी छोड़ो
विभिन्न जन संगठनों , राजनीतिक दलों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव व उचित इलाज नहीं मिलने पर अपने अपने घरों में उपवास, धरना,पोस्टर त तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि इसमें बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
इस विरोध प्रदर्शन में उत्तराखंड लोक वाहिनी,उत्तराखंड महिला मंच,चेतना आंदोलन,जन संवाद समिति,वन अधिकार आंदोलन,उत्तराखंड विमर्श,परिवर्तनकामी छात्र संगठन
हिमालय बचाओ आंदोलन,गंगा बचाओ आंदोलन,उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति,जिला चाय,बागान मज़दूर सभा,नौजवान भारत सभा
युगवाणी ने हिस्सा लिया।
धरने व उपवास कार्यक्रम को समर्थन देते हुये पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष
किशोर उपाध्याय ने COVID-19 की घातक बीमारी में सरकार की अकर्मण्यता, संवेदनहीनता और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुयी प्रवृति को देखते हुये सरकार को इस्तीफ़ा देने को कहा है।
उपाध्याय ने कहा कि सरकार पूरे एक साल सोयी रही और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये सरकार ने कोई काम नहीं किया, कोई पहल नहीं की।
किशोर उपाध्याय,समर भंडारी, राज्य सचिव,
डॉ SN सचान, PC तिवाड़ी, अध्यक्ष, इंद्रेश मैखुरी,
राकेश पंत, अनुज उनियाल
आदि शामिल थे।
सीएम तीरथ ने कहा, 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों के वैक्सीनैशन प्रक्रिया जल्द शुरू करें
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिये हैं कि कोविड वैक्सीनैशन को और तेजी से करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तराखंड में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिये कोविड वैक्सीन आते ही इनके वैक्सीनैशन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इसके लिये पहली खेप आज उत्तराखंड पहुँच जाएगी।
सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और वैक्सीनैशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हमें कोविड डेथ को रोकने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा। कोविड संक्रमित तुरंत जरूरी दवाइयां लें, इसके लिये हमें मेडिकल किट उपलब्ध कराने के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था की ओर जाना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न समारोहों और आयोजनों में निर्धारित सीमा से अधिक संख्या में लोगों के शामिल होने पर सख्त एक्शन लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कंटेनमेंट जोन पर विशेष फ़ोकस किया जाए ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सेना के रिटायर्ड कर्मियों की भी मदद कोरोना के ख़िलाफ़ इस जंग में ली जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनैशन सेंटरों में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए। जहाँ तक हो सके, बङी और खुली जगहों पर वैक्सीनैशन का प्रबंध किया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि कालाबाजारी और ओवर रेटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। आक्सीजन के समुचित उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। अस्पतालों में आक्सीजन उपयोग की लगातार आडिटिंग की जाए। निर्माणाधीन आक्सीजन प्लांट का काम तेजी से पूरा किया जाए। आक्सीजन प्लांटों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो।
वैक्सीन की 1 लाख डोज पहुंची
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि आगामी दिनों के लिए जरूरी आक्सीजन का आंकलन करते हुए उसी के अनुरूप आवश्यक संख्या में टैंकरों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। इसके साथ ही कोरोना के बदलते स्ट्रेन को देखते हुए आगे की तैयारियां भी की जाएँ।
वीडियो कांफ्रेंसिग में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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कोरोना-अनुबंध पर डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ नर्स की सेवाएं ली जाएंगी
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