नैनीताल हाईकोर्ट ने कोरोना की तैयारियों को लेकर सरकार को लिया आड़े हाथ
चीफ जस्टिस ने कहा आप तैयारियों को लेकर समय बताएँ कब तक क्या करेंगे?
प्रदेश सरकार की किरकिरी करवा रहे नौकरशाह। पूर्व में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को भी हाईकोर्ट की लग चुकी है फटकार।
मेडिकल तैयारियों को लेकर कोर्ट के सवालों का संतोषजनक जवाब नही दे पाए स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी
ब्लैक फंगस को लेकर भी जतायी नाराजगी
हेल्थ सेक्रेटरी अमित नेगी ने कहा कि अगले एफिडेविट में तीसरी लहर को लेकर तैयारियों की पूरी जानकारी देंगे।
अविकल उत्त्तराखण्ड
नैनीताल। उत्त्तराखण्ड की लचर नौकरशाही लगातार सरकार की किरकिरी करवा रही है। बुधवार को एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट ने कोरोनाकाल में सरकार की तैयारियों को अधूरी बताते हुए स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को कड़ी फटकार लगाई । पूर्व में भी हाईकोर्ट स्वास्थ्य सचिव की ओर से अदालत में पेश शपथ पत्र को अब तक सबसे घटिया शपथ पत्र करार देते हुए फटकार लगा चुकी है।
बुधवार को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल में डेल्टा प्लस वैरियंट केस आ चुके आपकी तैयारियां कहां पहुंची। क्या जब तीसरी लहर में हमारे बच्चे मरने लगेंगे, तब सरकार की तैयारियां होंगी?
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में कोविड से संबंधित अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, अन्नु पंत, रवींद्र जुगरान, आदित्य प्रताप सिंह और सुहास रतन जोशी की आधा दर्जन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव के तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए तीन महीने तक विटामिन सी और जिंक आदि की दवाएं देने की दलील पर फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप बच्चों को ये दवा कब खरीद कर देंगे? जब तीसरी लहर आ जाएगी, तब दवाएँ खरीदने की प्रकिया पूरी करेंगे। जिस जीओ को अगले हफ्ते या 30 जून तक जारी करने की बात कह रहे हैं वो जीओ कल क्यों नहीं जारी हो सकता। आज शाम पांच बजे तक जारी क्यों नहीं हो सकता?
हाईकोर्ट ने कहा कि देहरादून में तीसरी लहर से लड़ने को बच्चों के लिए आपके पास 10 वेंटिलेटर हैं। बताइए 80 बच्चे क्रिटिकल हो गए तो 70 बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे? कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में आपने माना है कि रुद्रप्रयाग में 11 वेंटिलेटर हैं जिसमें नौ खराब हैं। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोर्ट ने सिर्फ जिला अस्पतालों की डिटेल मांगी थी। हमारे पास मेडिकल कॉलेजों व निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर-आईसीयू के और इंतजाम हैं। इस पर कोर्ट ने कहा आपको जानकारी देने से किसने रोका है।
हाईकोर्ट ने कहा बच्चों के लिए कितने वार्ड बनाए हैं आपने अब तक? स्वास्थ्य सचिव ने कहा अगली सुनवाई के दौरान बता पाएंगे कितने वार्ड तैयार हो पाएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हम बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में ट्रीटमेंट देंगे जो मॉडरेट और माइल्ड केस होंगे उन्हीं को जिला अस्पतालों में उपचार के लिए रखेंगे। हाईकोर्ट ने कहा टाइमफ्रेम के साथ तैयारियों का स्तर बताइये।
बाकी जिलों के बच्चों का क्या होगा?
चीफ जस्टिस ने कहा आप तैयारियों को लेकर समय बताएँ कब तक क्या करेंगे? आपके पास पाँच मेडिकल कॉलेज हैं तो बाक़ी जिलों के बच्चों का क्या होगा? उदाहरण के लिए बताइये बागेश्वर और पिथौरागढ़ के बच्चों के लिए क्या करेंगे? चीफ जस्टिस ने कहा कि मान लीजिए मैं पैरेंट हूं और बागेश्वर में रहता हूं, रात्रि को अपने बच्चे को लेकर कहां पहाड़ों में भागूंगा ? हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कोरोना हार्ट अटैक जैसी बीमारी नहीं पहले बुखार होगा दूसरे सिम्टम आएँगे फिर जिला अस्पताल से लेकर सुशील तिवारी हॉस्पिटल कर लाया जा सकता है।
पर्याप्त एम्बुलेंस का सरकारी दावा झूठा
कोर्ट ने एफिडेविट का पेज 41 पढ़ने को कहकर बच्चों को होने वाली सिवियरिटी पढ़ लेने को कहा। चीफ जस्टिस ने कहा मान लीजिए मेरे बच्चे को एक्यूट रेसपेरिटरी डिजिज है और चमोली में रहता हूँ बताइए कहां लेकर जाऊंगा। कोर्ट ने कहा आपका पर्याप्त एम्बुलेंस का दावा झूठा है। दिल्ली-फरीदाबाद में एंबुलेंस नहीं मिली और आप कहते हैं आपके पास उत्तराखंड में पर्याप्त एम्बुलेंस हैं। आप पर्याप्त एंबुलेंस की बात करते हैं लेकिन ख़बरें आती हैं कि पहाड़ों में गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस नहीं मिलती है और पालकी से ले जाना पड़ता है। हमें मूर्ख बनाना बंद करिए हक़ीक़त हमें बता है। चीफ जस्टिस को मत बताइये कि उत्तराखंड में रामराज्य है और हम स्वर्ग में रहते हैं।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी आप रोडवेज के ड्राइवर्स-कंडक्टर्स को पांच महीने से सेलरी नहीं दे पा रहे हैं। दिक्कत ये है कि हमारे ब्यूरोक्रेट्स को नहीं बता कि राज्य के हालात क्या है? हेल्थ सेक्रेटरी अमित नेगी ने कहा कि अगले एफिडेविट में तीसरी लहर को लेकर तैयारियों की पूरी जानकारी देंगे।
ऑक्सीजन युक्त कितनी एंबुलेंस बताएं
हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को कहा कि डेल्टा प्लस वैरियंट के मूल ख़तरे को आप समझ नहीं पाए। उसमें ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस की सबसे ज्यादा दरकार है। चीफ जस्टिस ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव राज्य में 0-18 आयु के बच्चे कितने हैं। ऑक्सीजन युक्त कितनी एंबुलेंस हैं उसकी जानकारी अगली सुनवाई 28 जून को बताएं। चीफ जस्टिस ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव अगली सुनवाई में जानकारी देंगे कि राज्य में बच्चों के लिए कितने आईसीयू, बेड, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और एम्बुलेंस हैं इसकी जानकारी दें।
ब्लैक फंगस को लेकर भी जतायी नाराजगी
ब्लैक फंगस को लेकर भी कोर्ट ने सरकार की तैयारियों को लेकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कोरोना और ब्लैक फंगस से एक साथ दोहरा युद्ध लड़ रहे है। सरकार की तैयारियां कैसी हैं, किसी से छिपी नहीं हैं। अधिवक्ता और याचिकाकर्ता अभिजय नेगी ने सरकार को सुझाव दिया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी चाहिए। अधिवक्ता और याचिकाकर्ता दुष्यंत मैनाली ने कहा कि राज्य सरकार जो मेडिकल उपकरण खरीद रही है उनको ऑपरेट करने वाले नहीं होने से मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस मुद्दे पर सुनवाई जारी है।
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