पीएम ने सीएम को दिया मदद का भरोसा, लॉकडौन करो वर्ना कर्मियों को कार्यालय जाने से रोकेगी परिषद

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ऑनलाइन बैठक में 15 दिन के लॉकडौन की उठी मांग

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। उत्त्तराखण्ड में कोरोना से लगातार हो रही मौतों व संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने की खबरों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के सीएम तीरथ रावत से कोविड 19 तैयारियों को लेकर update लिया। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम से फोन पर बात कर ऑक्सीजन ,इंजेक्शन व टीकाकरण के बाबत जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया। पीएम ने सीएम को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। सीएम ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ऑनलाइन बैठक में 15 दिन के लॉकडौन की उठी मांग

दूसरी ओर, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने बताया कि आज परिषद की एक बैठक गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन की गई.

बैठक में परिषद के प्रांतीय ,मंडलीय एवं जनपदीय पदाधिकारियों के साथ सम्बद्ध घटक संघो के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग कर कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप एवं गोल्डन कार्ड को लेकर आ रही समस्याओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया ।

चर्चा के उपरांत परिषद द्वारा कम से कम 15 दिन तक के लिए कार्यालय बंद करने की की गई मांग के संबंध में निर्णय किया गया कि यदि सरकार व शासन द्वारा शीघ्र अतिशीघ्र कोविड-19 की चेन को रोकने के लिए 15 दिन का कार्यालय बंदी का निर्णय नहीं किया गया तो परिषद को बाध्य होकर अपने सदस्यों को कार्यालय जाने पर रोक लगाने हेतु निर्देशित करने का निर्णय लेना पड़ेगा जिसके पूर्ण जिम्मेदारी सरकार और शासन की होगी ।

आज की बैठक में प्रदेश के समस्त कर्म को के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पुनः या मान दोहराई गई कि कोरा की मार झेल रहे प्रदेश के कार्मिकों को बचाने के लिए तत्काल कार्यालय कम से कम 15 दिन के लिए बंद किए जाए क्योंकि परिषद के पास संपूर्ण प्रदेश से कार्मिकों के संक्रमित होने एवं कतिपय कार्मिकों के आकस्मिक निधन की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं जिससे प्रदेशभर में कार्मिकों में अत्यधिक रोष व्याप्त है।


बैठक में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि गोल्डन कार्ड का कोई भी लाभ प्रदेश के कार्मिकों व पेंशन धारकों को प्राप्त नहीं हो रहा है। यहां तक की वह अस्पताल भी इलाज करने से मना कर दे रहे हैं जिन की सूची राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा जारी की गई है। ऐसी स्थिति में मांग की गई कि यदि गोल्डन कार्ड की व्यवस्था कार्मिक संगठनों के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सुधारी नहीं गई तो परिषद के प्रांतीय पदाधिकारी 15 दिन के बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के मुख्यालय पर 1 घंटे का सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे एवं परिषद द्वारा अपने सदस्यों को गोल्डन कार्ड सरकार को वापस करने का निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ेगा ।

साथ ही समस्त सदस्य गोल्डन कार्ड की की जा रही कटौती पर रोक लगाने के लिए भी अपने अपने विभाग अध्यक्ष को पत्र प्रेषित करेंगे। बैठक में यह भी मांग की गई कि राज्य के उन कार्मिकों को 50 लाख के बीमे का कवर प्रदान किया जाए जोकि कोविड-19 के प्रकोप के बीच में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं । क्योंकि वर्तमान में तमाम सारे विभागों में आवश्यक सेवा के कारण कार्मिकों को अपनी सेवा पर उपस्थित होकर कार्य करना पड़ रहा है एवं उनमें से बड़ी संख्या में कार्मिक संक्रमित होकर उससे प्रभावित हो रहे हैं।

ऐसे कार्मिकों को कोविड-19 के संबंध में समस्त आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाए जिससे कि ना सिर्फ वह संक्रमित होने से बच सकें वरन साथ ही अपने परिवार को भी उनके द्वारा होने वाले संक्रमण से बचा सके । बैठक में राज्य कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का टीका लगाए जाने की भी मांग की गई जिससे कि भविष्य में यदि किसी प्रकार की संक्रमण की संभावना बनती है तो कार्मिक निसंकोच होकर अपनी सेवा कर सकें।

बैठक में सीएम को यह सुझाव दिया गया की प्रत्येक जनपद स्तर पर ऑक्सीजन बैंक की स्थापना की जाए एवं जनपद मंडल व प्रदेश स्तर पर कर्मचारी नेताओं के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के समूह बनाए जाए जोकि इस बात की देखरेख करें कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का परिपालन जमीनी स्तर पर पूर्ण रूप से किया जा रहा है कि नहीं साथ ही यह भी मांग की गई कि मुख्यमंत्री जी एवं जन पदों हेतु नियुक्त प्रभारी मंत्रियों के साथ ही शासन के अधिकारी चिकित्सालयों का स्थलीय निरीक्षण कर वास्तविकता का संज्ञान लें एवं आवश्यकतानुसार सुधार की व्यवस्था करा सकें ।

बैठक पंचायती राज विभाग के सदस्यों द्वारा अवगत कराया गया कि सचिव पंचायती राज द्वारा उन्हें वेतन कटौती के लिए बाध्य किया जा रहा है जिसका राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने संज्ञान लेते हुए विरोध करने का निर्णय लिया है इस संबंध में शीघ्र ही माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्यसचिव को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया जाएगा एवं सचिव पंचायती राज से मिलकर उन्हें विरोध पत्र प्रेषित किया जाएगा ।

आज की बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, पी के शर्मा ,अरुण पांडे ,एसपी भट्ट, कुंवर सामंत ,हर्ष मोहन सिंह नेगी बहादुर सिंह बिष्ट ,मोहन जोशी गिरजेश कांडपाल ,तनवीर अहमद, बाबू खान ,बरखूराम मौर्या, जगमोहन नेगी, गुड्डी मटूरा ,आर पी जोशी, सोवन सिंह रावत, डॉ विनीता सिंह ,एस एस अधिकारी, हरीश नौटियाल ,चमन अस्वाल ,रविंद्र कुमार डॉक्टर रौतेला अहमद , ओमवीर सिंह ,इंद्र मोहन कोठारी अंजू बडोला रेनू लांबा ,इत्यादि कर्मचारी नेताओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। अरुण कुमार पांडेय, कार्यकारी महामंत्री ने संचालन किया।

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