सेलाकुई मानसिक अस्पताल के रोगी व स्टाफ कोरोना पॉजिटिव,लापरवाही का आरोप

अज्ञात वॉयरल पत्र में सीएमएस त्रिपाठी पर लगा लापरवाही का आरोप

कोरोना पॉजिटिव सीएमएस त्रिपाठी, फार्मासिस्ट व एक लड़के का मूवमेंट लगातार बना रहा। मीटिंग की व शादी में शामिल हुए।बतीनों एक साथ ही रहते हैं।

एक महिला चिकित्सा अधिकारी कोरोना लक्षण के चलते अवकाश पर है। दो स्टाफ नर्स श्रीमती प्रियंका व हिमानी रतूड़ी कोरोना पॉजिटिव है । इसके अलावा दो स्टाफ नर्स श्रीमती महेश्वरी एवं सुनैना के पति पॉजिटिव हो चुके हैं। एक वार्ड आया लक्ष्मी की बेटी पॉजिटिव हो चुकी है। कई मरीज भी संक्रमित बताए जा रहे हैं।

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून।
सेलाकुई के  मानसिक चिकित्सालय से बड़ी खबर आ रही है। कई मानसिक रोगी, नर्सिंग स्टाफ व उनके परिजन कोरोना की चपेट में हैं।  सूत्रों का कहना है कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई के सीएमएस डॉ सीपी त्रिपाठी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक / अपर निदेशक  की लापरवाही से अस्पताल में भर्ती कई मरीज और कार्यरत स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हुए । इस मुद्दे पर पर एक अज्ञात पत्र भी वायरल हुआ है। जिसमे सीएमएस को जिम्मेदार बताया जा रहा है। पत्र में किसी के हस्ताक्षर नहीं है।

पत्र के अनुसार सीएमएस के निवास स्थान पर एक लड़का साथ में रहता है।  उसकी विगत हफ्तों में कोरोना जांच हुई। पॉजिटिव रिपोर्ट आने से पहले उस लड़के का अस्पताल में आना-जाना बेरोकटोक लगा रहा। यही नहीं, अस्पताल में कार्यरत एक लिपिक की बेटी की 25 अप्रैल की शादी में भी सीएमएस त्रिपाठी वह लड़का व फार्मासिस्ट महेंद्र पवार के साथ शामिल हुए।

वॉयरल पत्र में लिखा है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक त्रिपाठी, वह लड़का व फार्मासिस्ट  साथ एक ही क्वार्टर में रहते हैं।  इन सभी को इस लड़के की जांच के उपरांत ही आइसोलेशन में चले जाना चाहिए था परंतु नहीं गए ।

Dr त्रिपाठी ने स्वंय के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी

इस बीच, 25 अप्रैल से पहले शनिवार को कुछ मरीजों की तबीयत बिगड़ गई और ऑक्सीजन का लेवल नीचे गिर गया। लगभग 28 अप्रैल के आसपास इस लड़के की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और यह फार्मासिस्ट ने अपनी जांच करवाई और होम आइसोलेशन में चले गए।

परंतु लापरवाही की हद देखिए फिर भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने अस्पताल के राउंड लिए और 2 मई, रविवार को समस्त स्टाफ एवं चिकित्सा अधिकारियों के साथ इमरजेंसी मीटिंग बुलाई जिसमें वह स्वयं उपस्थित रहे। 3 मई से महेंद्र पवार फार्मेसिस्ट लगातार अस्पताल में आकर अपना कार्य कर रहे हैं परंतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महोदय एवं  फार्मासिस्ट ने अपनी रिपोर्ट साझा नहीं करी । कोरोना पॉजिटिव फार्मासिस्ट महेंद्र पवार ने स्वास्थ्य महानिदेशालय एवम मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून के कार्यलय में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

पॉजिटिव होने के बावजूद भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का अस्पताल में राउंड लेना एवं फार्मासिस्ट का लगातार अस्पताल में कार्य करना, कोरोना महामारी को अस्पताल के कई मरीजों और कार्यरत स्टाफ को संक्रमित कर दिया।

एक महिला चिकित्सा अधिकारी कोरोना लक्षण के चलते अवकाश पर है। दो स्टाफ नर्स श्रीमती प्रियंका हिमानी रतूड़ी कोरोना पॉजिटिव है एवं 2 स्टाफ नर्स श्रीमती महेश्वरी एवं सुनैना के पति पॉजिटिव हो चुके हैं। एक वार्ड आया लक्ष्मी की बेटी पॉजिटिव हो चुकी है।

अज्ञात वॉयरल पत्र

रोगी विभाग के महिला वार्ड में कई मरीज पॉजिटिव हैं । और करोना से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। एक महिला मानसिक रोगी पॉजिटिव है । दो अन्य की रिपोर्ट नेगेटिव है पर इन सभी का ऑक्सीजन लेवल कम है। साथ कई अन्य महिला रोगियों में कोरोना के लक्षण है पर इनकी जांच नही कराई जा रही है । 9-10 महीनों से अस्पताल में कोई थर्मल स्क्रीनिंग या सेनीटाईज़ेशन नही कराया गया न ही कोरोना बचाव के लिए सामान खरीदा गया जबकि अस्पताल की चिकित्सा प्रबंधन समिति के पास स्वास्थ्य महानिदेशालय से इस बीच लाखों रुपये आये।

भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए जो वार्ड आया और वार्ड बॉय अस्पताल में तैनात है वो अपनी ड्यूटी कर नही पाते क्यों कि इन सभी को हर ड्यूटी पाली में सी एम एस के ऑफिस के बाहर बैठाया जाता है। पुलिस गार्ड भी अस्पताल के गेट पर ड्यूटी नही करता है इनके ऑफिस में ही ड्यूटी करता है।

उधर, कैंटीन संचालक मनोज शर्मा ने कहा कि अगर उनका कोई कर्मी कोरोना पॉजिटिव होता है तो वे सीएमएस के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराएंगे।

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