हरिद्वार में वन विभाग की 500 बीघा भूमि का land use चेंज कर दिया था
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। वर्ष 2001 में अभिलेखों में कूट रचना कर हरिद्वार में वन विभाग की लगभग 500 बीघा जमीन का भू परिवर्तित कर अपराधियों को कब्जा करने देने के आरोप में सीबीसीआईडी ने तत्कालीन वन क्षेत्राधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है। उस दौर के कई बड़े मगरमच्छों पर भी हाथ डालेगी पुलिस। यह सवाल अहम बना हुआ है।
हरिद्वार के पूर्व तहसीलदार जयपाल सिंह ने अभिलेखें मे कूट रचना कर देवपुरा में वन विभाग की लगभग 500 बीघा जमीन को जेड ए से नॉनजेड ए में परिवर्तित करने का आरोप लगाते हुए ज्वालापुर कोतवाली में 11 लोगों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।
बाद में यह वर्ष 2002 में यह मामला अपराध अनुसंधान विभाग सेक्टर सीबीसीआईडी देहरादून को स्थानांतरित कर दिया गया।
सीबीसीआईडी देहरादून सेक्टर की टीम ने कल आरोपी पूर्व वन क्षेत्राधिकारी हरिद्वार आरपी गुप्ता पुत्र छोटेलाल निवासी कुम्हारण टोला गोला गोकरण नाथ, लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया है। अभिुयक्त को आज न्यायालय हरिद्वार के समक्ष पेश किया गया।
गौरतलब है कि 2000 में राज्य गठन के तुरंत बाद वन विभाग की 500 बीघा भूमि का लैंड यूज कर दिया गया। बिना शासन की मिलीभगत के यह सम्भव नहीं था कि एक रेंजर इतनी बड़ी जालसाजी कर पाता।
गिरफ्तार करने वाली टीम
- निरीक्षक राकेश कुमार (विवेचक )
- कांस्टेबल रामकिशोर
- कांस्टेबल हरमिंदर सिंह
- कांस्टेबल विनोद
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