नैनीताल । नैनीताल हाईकोर्ट के मंगलवार को दिए आदेश से सीएम त्रिवेंद्र व राज्य सरकार की मुसीबतें बढ़ गयी है।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार
न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व में जेल जा चुके उमेश कुमार समेत अन्य पर राजद्रोह के मामले में दायर पुलिस रिपोर्ट को क्वेश कर दिया। और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह पर लगे भ्र्ष्टाचार के आरोपों की सीबीआई. जांच के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने सीबीआई नई प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सच सामने आना चाहिये। उधर, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करेगी।
गौरतलब है कि झारखंड निवासी अमृतेश चौहान ने आरोप लगाया था कि झारखंड गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए उसने सीएम से जुड़े कुछ लोगों के खाते में लाखों रुपए डाले थे। यह मामला लगभग दो साल पुराना है। मीडिया कर्मी राजेश शर्मा, शिव सेमवाल ने इस मुददे पर सीएम त्रिवेंद्र व उनकी पत्नी की खबर प्रकाशित की । इस मामले को झूठ बताते रिटायर्ड प्रो, हरेंद्र रावत ने देहरादून नेहरू थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस जांच के बाद राजेश शर्मा, शिव सेमवाल, उमेश व अन्य के खिलाफ आई.पी.सी.की धारा 420, 467, 468, 469, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बाद में सरकार की तरफ से इन लोगों के खिलाफ राजद्रोह का भी मुकदमा दायर किया गया था।
जुलाई 2020 में राजेश शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाकी दोनों की हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
अमृतेश चौहान का कहना था कि उसने कई खातों में पैसे जमा कराए थे। इस मामले से जुड़े तथ्य भी कोर्ट के सामने पेश किए गए।
हाईकोर्ट की एकल खण्डपीठ ने दर्ज एफ.आई.आर.को क्वेश करते हुए उमेश शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगाए गए आरोपों की सी.बी.आई. जांच करने के आदेश दिए हैं।
इस आदेश के बाद मंगलवार देर रात तक शासन स्तर पर विशेष हलचल देखी गयी। देर रात तक वरिष्ठ अधिकारी के मंथन करने की खबर है। सीएम पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश से राज्य सरकार बैकफुट पर आ गयी।
उधर, कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने कई मुकदमे में फंसे उमेश कुमार पर तीखी टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उमेश कुमार की उस याचिका को भी निरस्त कर दिया था जिसमें उसने विभिन्न राज्यों में चल रहे अपने मुकदमे दिल्ली ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी। उमेश कुमार पर संपत्ति विवाद, स्टिंग व ब्लैकमेलिंग समेत कई आरोपों में मुकदमे चल रहे हैं।
त्रिवेंद्र सरकार ने 2018 में उमेश पर मुकदमे ठोक जेल में डाला था। सुप्रीम कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया था कि तुम्हारी स्टिंग टीम के पत्रकार ने ही तुम आरोप लगा दिए थे।
बहरहाल, नैनीताल हाईकोर्ट के नए आदेश के बाद राज्य सरकार के वकील कोर्ट में क्या दलील देते हैं ,देखना अब यही है।
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