निर्माण एजेंसी को 20 करोड़ केंद्र की स्वीकृति की
प्रत्याशा में जारी किए गए थे
अनुमोदन के बाद ही सीएम ने केंद्रीय मंत्री गंगवार को पत्र लिखा
कर्मकार बोर्ड में श्रमिक रजिस्ट्रेशन व सेस वसूली में ऐतिहासिक कार्य किये
पूछा सवाल, हरीश रावत ने श्रमिक हित में कितनी योजनाएं चलाई
टाइगर सफारी पर भ्रम फैला रहे विधायक दलीप रावत
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। अपनी सरकार के मंत्री के कार्यों की जांच और फिर साफ सफाई। एक ओर उत्तराखंड शासन कर्मकार कल्याण बोर्ड में करोड़ों के घोटाले की जांच में जुटा है दूसरी ओर,श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने आज इस मुद्दे पर प्रेस वार्ता बुलाकर घोटाले से इनकार करते हुए तथ्य पेश किए। उन्होंने हरीश रावत और भाजपा विधायक दलीप रावत को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। हरक सिंह रावत ने अपने तर्क के समर्थन में सीएम,सचिव हरबंस चुग, निदेशक ईएसआई के लिखे पत्र भी मीडिया को सौंपे।
सोमवार को विधान सभा स्थित अपने कक्ष में बुलाई गई प्रेस वार्ता में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड में कोई घपला नही हुआ बल्कि मजदूरों के हित में ऐतिहासिक कार्य किये गए। उन्होंने कहा कि कोटद्वार में सुपर स्पेशल ईएसआई अस्पताल की घोषणा केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने की थी और इस बाबत जो भी पत्रावली चली उस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व वित्त मंत्री प्रकाश पंत का अनुमोदन लिया गया था। इसी के बाद श्रम सचिव ने शासनादेश किया था।
उन्होंने कहा कि अनुमोदन के बाद ही सीएम ने केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार को 24 जुलाई 2018 को पत्र लिख केंद्र से अनुरोध किया गया था। और तमाम प्रक्रियाओं के बाद निर्माण एजेंसी ब्रिज एंड रूफ कंपनी को ईएसआई अस्पताल के निर्माण का ठेका दिया गया था। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था भारत सरकार सहित उत्तराखंड सरकार में भी इंपैनल है।
उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था को भारत सरकार की स्वीकृति की प्रत्याशा में 20 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। बाद में 15-15 करोड़ और दिए जाने थे। उन्होंने कहा कि इस बाबत ईएसआई के पास बजट नहीं होने पर कर्मकार कल्याण बोर्ड से 50 करोड़ ऋण के तौर पर लिए गए थे। ईएसआई व कर्मकार कल्याण बोर्ड के बीच MOU होने के बाद कार्यदायी संस्था को पहली किस्त के तौर ओर 20 करोड़ दिये गए।
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि ईएसआई अस्पताल से जुड़ी समूची प्रक्रिया में विधिवत ढंग से काम किया गया है और इस मामले में कहीं भी किसी से कुछ छुपाया नहीं गया है।
उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणा के मुताबिक कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज का निर्माण होना था लेकिन राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज के लिए 600 करोड रुपए खर्च करने की स्थिति में नहीं थी इसलिए कोटद्वार में 300 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने का निर्णय लिया गया। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से भी पत्राचार हुआ और उसके बाद ही इस हॉस्पिटल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई । उन्होंने कहा कि कोटद्वार में 300 बेड का पहले से बेस अस्पताल है । और 300 बेड का ई एस आई हॉस्पिटल बनने से एक तरीके से मेडिकल कॉलेज की कमी पूरी हो जाती ।
मंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन व सेस वसूली में ऐतिहासिक काम हुआ है । पिछली सरकार से तुलना करते हुए उन्होंने कहा की 2010 से 2017 तक 7 साल में 1लाख 90 हजार 73 श्रमिक रजिस्टर्ड किए गए थे। जबकि 2017 के बाद के दो-तीन सालों में 1लाख 80 हजार श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन किया गया।मंत्री हरक सिंह ने कहा श्रमिक बच्चों की पढ़ाई के लिए 24 करोड़ 55 हजार, उनके बच्चों की शादी के लिए 61करोड़ 88 लाख दिए गए। इसके अलावा मजदूर परिवार में लड़की पैदा होने पर एक करोड़ 38 लाख की धनराशि सीधे उनके खातों में डाली गई है।
उन्होंने कहा कि 2008 से 2017 तक लेबर सेस के तौर पर 176 करोड रुपए एकत्रित किए गए जबकि उनके कार्यकाल में मात्र 3 साल में 380 करोड रुपए लेबर सेस के तौर पर जमा किया कराए गए । श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने आर्मी रेलवे और ऑल वेदर रोड में काम करने वाली निर्माण एजेंसियों से भी लेबर सेस की वसूली की।
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि 2016 से पहले मजदूरों के हित में कोई विशेष योजनाएं नहीं चलाई गई थी कांग्रेस नेता हरीश रावत पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि मजदूरों की मौत पर उनके परिवारों को सिर्फ ₹3,50000 दिए गए। मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए दो करोड़ 75 लाख व मजदूरों की यहां शादी में तीन करोड़ 62 लाख दिए गए। और लड़की पैदा होने पर तय मानकों के अनुसार जो पैसा दिया जाता है उसमें ₹272000 दिए गए। श्रम मंत्री ने कहा कि उनके शासनकाल में श्रमिकों की मौत पर उनके परिजनों को अब तक 26 करोड 15 हजार उनके खातों में डाले गए। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले हतीश रावत बताएं कि उनके कार्यकाल में श्रमिकों के हित में कितनी योजनाएं चलाई गई।
टाइगर सफारी पर भाजपा विथायक दलीप रावत पर भ्रांति फैलाने का आरोप
हरक सिंह रावत ने पाखरो में बनने वाली टाइगर सफारी से रामनगर- कंडी मार्ग के निर्माण में कोई बाधा नहीं आएगी। टाइगर सफारी पहले ही बफर जोन में है। एक प्राकृतिक जू है। उन्होंने कहा कि जंगल के बड़े हिस्से को टाइगर सफारी में तब्दील किया गया है । 25-25 हेक्टेयर के छह बाड़े बनेंगे और इसके बनने से पर्यटन भी बढ़ेगा और रोजगार भी बढ़ेगा । उन्होंने कहा कि इस मामले में भ्रांति फैलाई जा रही है । मंत्री हरक सिंह ने कहा कि जब पीएम मोदी कॉर्बेट पार्क आये थे तो तभी से वह टाइगर सफारी के लिए प्रयत्नशील थे। गौरतलब है कि भाजपा विधायक दिलीप रावत ने हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसके बनने के बाद कंडी मार्ग का खुलना नामुमकिन हो जाएगा।
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