डीएम, देहरादून के आदेश से 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक होटल, बार, रेस्टॉरेंट में बड़े आयोजन पर रोक। कोरोना मुख्य वजह।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। सुन बे चैतू,,, क्रिसमस में कैरोल गाते, गिटार बजाते व केक खाते हुए सड़क पर भीड़ लगाई तो खैर नहीं…31 दिसम्बर व 1 जनवरी को किसी भी होटल, रेस्टॉरेंट, बार आदि में ठुमके लगाए तो कोविड 19 के नियमों को तोड़ने के आरोप में कार्रवाई पक्की है। इसलिए घर पर ही रहियो। तेरे जैसे सभी के लिए सरकारी फरमान आ चुका है।
अब यह मत पूछना चैतू कि लगातार चल रहे राजनीतिक मजमों पर रोक का आदेश किस अधिकारी की कलम से निकलेगा ??
यह भी मत पूछियो, कोरोनाकाल में उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि के उत्त्तराखण्ड दौरे की जॉच रिपोर्ट किस कोने में धूल फांक रही होगी। लेकिन
देहरादून के डीएम डॉ आशीष श्रीवास्तव का ताजा आदेश जरूर पढ़ लेना। इसलिए कोरोना से बचना है तो 25 , 31 दिसंबर व 1 जनवरी को ज्यादा जोश में फड़फड़ाने की जरूरत नही। घर ही रहना।
पर्यटक प्रदेश के होटल , रिसोर्ट व रेस्टॉरेंट मालिक डीजे आदि मदमस्त खिलौने बाहर मत निकालना। टूरिस्ट आये लेकिन ज्यादा भीड़ न लगाएं।
अब दूसरी कहानी भी सुन लीजिए- भाजपा
कोरोना के सतत खतरे के बावजूद उत्त्तराखण्ड में राजनीतिक दल हजारों की संख्या में भीड़ जोड़कर सड़क पर उतरे हुए है। चार दिसम्बर से 7 दिसंबर तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखण्ड में चार दिन बिता कर गए। उसके बाद नड्डा, सीएम त्रिवेंद्र, पत्नी, बेटी व स्टाफ, सांसद अजय भट्ट समेत कई लोग कोरोना संक्रमित हो गए।
युवक कांग्रेस ने 21 दिसंबर को रैली प्रदर्शन किया। हजारों लोग जुटे। दिल्ली व प्रदेश के बड़े नेता आये।
सोशल डिस्टेंसिग आदि आदि बचाव के सभी पहलु धराशायी होने ही थे।
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया भी पहले हल्द्वानी और अब हरिद्वार व देहरादून में खुली बहस की चुनौती दी। कुछ होटलों में ठीक ठाक भीड़ में भी घिरे। कार्यकर्ता सम्मेलन में भी पर्याप्त लोग थे।
कुल मिलाकर कोरोना के खतरे के बावजूद राजनीतिक दल पूरे शबाव से अपने एजेंडे पर रोटियां सेक रहे हैं। अनलॉक के बाद पर्यटकों /तीर्थयात्रियों के लिए थोड़ी बहुत रियायत देने से अन्य राज्यों से लोगों के आने का क्रम बढ़ा। नये साल में आखिरी सप्ताह में भी पर्यटकों का उत्त्तराखण्ड की ओर रुख करने की बहुत संभावना है। लेकिन प्रशासन के नए आदेश से पर्यटक , होटल मालिक व आम जन की तैयारियों व कदमों पर ब्रेक जरूर लग जायेगा।
इधर, क्रिसमस व नये साल में पर्यटकों के उत्त्तराखण्ड आगमन पर देहरादून प्रशासन के नए आदेश ने एक तरह से रोक ही लगा दी। होटलों के तैयारियां अब रुक जाएगी। अब जो भी बचे खुचे पर्यटक आएंगे तो वे एक सीमा में रहकर नया साल व क्रिसमस मनाएंगे। पर्यटक व आम जनता सरकार के हुक्म की तामील करेगी। लेकिन बेहद जिम्मेदार राजनीतिक दल और उनके नेताओं के लिए कोविड-19 का फरमान कब जारी होगा और कब अमल में लाया जाएगा,,बोल चैतू बोल बे…
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