गांव की मिट्टी से जुड़ा हूँ, ग्रामीणों का दर्द जानता हूँ-  सीएम तीरथ

सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’

जो घोषणा जमीन पर दिखे, वही पूर्ण

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ विकास पुस्तिका का विमोचन किया।
 मीडिया सेंटर सचिवालय में आयोजित संक्षिप्त व सादगीपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 100 दिन में सरकार ने कोविड से सफलतापूर्वक संघर्ष किया।

एक अन्य बैठक में उन्होंने कहा कि घोषणाएं धरातल पर दिखनी चाहिए।उन्होंने कहा कि घोषित योजनायें जब धरातल पर दिखाई दे तभी वह पूर्ण मानी जाय इसमें कार्यवाही गतिमान जैसे शब्दो का उल्लेख किये जाने के बजाय वास्तविक स्थिति का उल्लेख होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन में ही वे स्वयं कोविड संक्रमित हो गए। इस पर गाईडलाईन का पूरी तरह से पालन करते हुए उन्हें एक कक्ष में ही कई दिनों तक रहना पड़ा। परंतु इस अवधि में भी उन्होंने अधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग कीं। दूर दराज के क्षेत्रों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण के लिए वर्चुअल चौपालों का आयेाजन किया। इनमें वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए लोगों की समस्याओं को सुना और उनका निदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतों को दूर किया गया। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों ने मौके पर ही जनता की समस्याओं का समाधान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गांव की मिट्टी से जुड़े हैं और ग्रामीणों व आम जन के दुख दर्द को भली भांति जानते हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से विकास प्राधिकरणों को हटाया ताकि ग्रामीणों को अनावश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने में परेशान न होना पड़े।

 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विकास की रणनीति बना रहे थे तो कोविड की दूसरी लहर पूरे देश में आ गई। किसी को पता नहीं था कि कोविड की दूसरी लहर इस तरह का रूप लेगी। परंतु जल्द ही हमने स्थिति को पूरी तरह से सम्भाल लिया। पिछले लगभग तीन माह में हमने आईसीयू बेड, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि की संख्या कई गुना तक बढ़ा दी। प्रत्येक जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट स्थापित किए। सीएससी तक भी आक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी और रक्षा मंत्री जी के निर्देशों पर डीआरडीओ ने ऋषिकेश में 500 बेड का कोविड अस्पताल 14 दिन में तैयार कर दिया जबकि हल्द्वानी में 21 दिन में तैयार कर दिया। हमने राज्य में काफी तैयारी कर ली हैं। हम केाविड की तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोगों की आजीविका पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ी है। केाविड के प्रभाव से पर्यटन व्यवसायियों को हुए नुकसान की भरपायी के लिये उन्हें 5 हजार रूपये की एकमुस्त आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। इससे लगभग 50 हजार पर्यटन उद्योग भी लाभान्वित होंगे। यही नहीं पर्यटन सेक्टर से जुड़े  टूर ऑपरेटरों, एडवेंचर टूर ऑपरेटरों और राफ्टिंग गाइडों को भी 10-10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। पर्यटन स्वरोजगार के लाभार्थियों को ब्याज में छूट के साथ ही लाइसेंस फीस को माफ करने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने 18-44 वर्ष वालों को निशुल्क टीकाकरण और गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने पर प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 45 से अधिक उम्र वालों में लगभग 65 फीसदी का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। कोविड को देखते हुए प्रदेश में हम विशेष खाद्यान्न सहायता दे रहे हैं। साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता था जिसको बढ़ाकर बीस किलो  प्रतिमाह कर दिया है। आपदा में पहली बार चीनी उपलब्ध कराई गई।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री जी और अनेक केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर राज्य के विकास पर विचार विमर्श किया। उन्हें राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उत्तराखण्ड को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिल्ली दौरे में हम पूरी तैयारी से गए। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से भेंट के दौरान मंत्रालयों के और राज्य के अधिकारी भी साथ बैठते थे। इससे मौके पर ही उत्तराखण्ड के हित में बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हर मंत्रालय ने कुछ न कुछ दिया ही है।

आईडीपीएल, ऋषिकेश को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किए जाने की योजना को स्वीकृति दी गई है। दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन चलाने की सैद्धांतिक सहमति के साथ ही, टनकपुर-बागेश्वर और डोइवाला से गंगोत्री-यमनोत्री के रेललाइन के सर्वे की भी सहमति दी गई है। हरिद्वार में हेलीपैड बनाने के लिए बी. एच. ई. एल. द्वारा 4 एकड़ भूमि राज्य सरकार को दिये जाने की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। कुमायूं में एम्स के लिए भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।

विकास पुस्तिका के विमोचन से पूर्व दो मिनट का मौन रख कर 2013 की केदारनाथ आपदा व केाविड में प्राण गंवाने वाले लेागों को श्रद्धांजलि दी गई।
पुस्तिका का प्रकाशन सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा किया गया है। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री  सुबोध उनियाल,  गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद  नरेश बंसल, विधायक  हरबंस कपूर,  विनोद चमोली,  मुन्ना सिंह चौहान, उमेश शर्मा काउ, श्री खजानदास, श्री सहदेव सिंह पुंडीर,  राजकुमार ठुकराल,  रामसिंह कैड़ा,  विनोद कण्डारी, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चौहान व अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक डा.अनिल चंदोला ने किया।

घोषणा तभी पूर्ण मानी जाय जब वह धरातल पर दिखाई दे


*मुख्यमंत्री ने की जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा जनपदो के लिये की गई घोषणाओं की समीक्षा।*
*अवशेष घोषणाओं की डीपीआर 15 जुलाई तक की जाय पूर्ण।*
*सड़को पुलो के लम्बित प्रस्तावों के शासनादेश अविलम्ब किये जाएं निर्गत।*
*समूह पंपिंग पेयजल योजनाओं की डीपीआर जल जीवन मिशन के तहत तैयार की जाय।*
*योजनाओं के क्रियान्वयन में सचिव एवं विभागध्यक्ष स्तर पर आपसी समन्वय पर दिया जाय ध्यान।

मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद बागेश्वर एवं अल्मोड़ा जनपदों के लिये मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषणा के तहत अपूर्ण योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर 15 जुलाई तक तैयार कर दी जाय। इसके लिये सचिव एवं विभागाध्यक्ष आपसी समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करे योजनायें समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो यह विभागीय प्रमुखों की जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अनावश्यक बहाने बाजी नही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घोषित योजनायें जब धरातल पर दिखाई दे तभी वह पूर्ण मानी जाय इसमें कार्यवाही गतिमान जैसे शब्दो का उल्लेख किये जाने के बजाय वास्तविक स्थिति का उल्लेख होना चाहिए।

मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह ने कहा कि सड़को, पुलो, पेयजल सिंचाई की योजनाओं, स्कूल व अन्य भवनों के निर्माण, खेल मैदानों पार्किंग स्थलांे के विकास आदि से सम्बन्धित योजनाओं के लम्बित प्रस्तावों की डीपीआर 15 जुलाई तक हर हालात में तैयार की जाय ताकि उनके लिये धनराशि की स्वीकृति के साथ टेण्डर प्रक्रिया भी अविलम्ब प्रारम्भ की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में धनराशि की कमी नही होने दी जायेगा।

उन्होंने सल्ट विधानसभा क्षेत्र की पंपिंग पेयजल योजना तथा अल्मोड़ा की खत्याड़ी ग्राम सभा समूह पेयजल योजना के प्रस्ताव अविलम्ब जल जीवन मिशन के तहत प्रेषित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड ताकुला जाने वाले मार्ग के निर्माण के लिये वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से आपसी विचार विमर्श के बाद इस सम्बन्ध में दो सप्ताह में निर्णय लेने को कहा ताकि सड़क का निर्माण शीघ्र हो सके।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में निर्मित होने वाली सड़को व पुलो के निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के अभी टेण्डर नही हुए हैं उनके शीघ्र टेण्डर कर लिये जाये ताकि बरसात के तुरन्त बाद उनपर कार्य आरम्भ किया जा सके।

बैठक में बताया गया है कि विधानसभा क्षेत्र कपकोट के लिये कुल 37 घोषणाये की गई हैं जिनमें से 20 पूर्ण हो चुकी है शेष पर कार्यवाही गतिमान है। इसी प्रकार बागेश्वर के लिये 29 घोषणाओं में 19 पूर्ण हो चुकी है। अल्मोड़ा अन्तर्गत 32 घोषणाओं में 16, सल्ट के लिये की गई 76 घोषणाओं में से 49, द्वारहाट की 16 में से 15 तथा सोमेश्वर की 74 में 37 घोषणाये पूर्ण हो चुकी है तथा शेष में कार्यवाही गतिमान है।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार  शत्रुघन सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार,  आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आर0के0सुधांशु, सचिव  अमित नेगी, शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री एस.ए.मुरूगेशन, डाॅ0 रणजीत सिन्हा के साथ ही अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, विधायक चन्दन रामदास, महेश जीना आदि के साथ ही जिलाधिकारी अल्मोड़ा व बागेश्वर उपस्थित रहे।

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