तीन मार्च को हरी झंडी- कोटद्वार से दिल्ली के लिए चलेगी सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस
सुबह 5 बजे की रवानगी को लेकर भी बन रहा दबाव। सुबह 5 बजे पौड़ी जिले के दूरदराज के यात्री व पर्यटक नहीं पकड़ पाएंगे सिद्धबली एक्सप्रेस। 5 बजे को लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध के स्वर।
अविकल उत्त्तराखण्ड
कोटद्वार। गढ़वाल के अहम प्रवेशद्वार कोटद्वार से सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस की टाइमिंग पर ही रेलवे विभाग के हिस्से में तालियां व गालियां निर्भर करेगी।
पौड़ी गढ़वाल के एक बड़े हिस्से की नजर फिलहाल सिद्धबली एक्सप्रेस की टाइमिंग पर टिकी है। सरकारी स्तर पर इस ट्रेन का उदघाटन 3 मार्च को होगा। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने टनकपुर से पूर्णागिरि और कोटद्वार से सिद्धबली एक्सप्रेस के संचालन की घोषणा की थी। बीते सप्ताह से पूर्णागिरि एक्सप्रेस तो पटरी पर दौड़ने लगी है। अब बारी कोटद्वार की सिद्धबली एक्सप्रेस की है।
चूंकि, बीते साल से कोटद्वार में दोपहर को चलने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस बंद हो चुकी है। गढ़वाल एक्सप्रेस की टाइमिंग पहाड़ से आने वाले यात्रियों के लिए काफी मुफीद थी। पौड़ी जिले के सुदूरवर्ती इलाके से सुबह बस में चलने वाला व्यक्ति भी दोपहर में पहुंचकर लगभग 3 बजे गढ़वाल एक्सप्रेस को पकड़ लेता था। फिलहाल,कोरोना काल से यह ट्रेन बंद है।
इस बीच, सिद्धबली एक्सप्रेस की कोटद्वार से रवानगी का संभावित समय सुबह 5 बजे को लेकर भी भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सुबह सुबह ट्रेन चलाने को लेकर दिल्ली तक प्रेशर पॉलिटिक्स हो रही है। यह समय न तो जिले के दूर दराज से आने वाले यात्रियों /पर्यटकों के लिए सुविधाजनक है और न ही कोटद्वार भाबर के लोगों के लिए ही। अगर सुबह 5 बजे समय होता है तो गढ़वाल से आने वाले लोगों व पर्यटकों को एक रात कोटद्वार में काटनी पड़ेगी। यह सब आर्थिक और समय की दृष्टि से बहुत भारी पड़ेगा। लिहाजा, रेल विभाग को गढ़वाल के यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए सिद्धबली एक्सप्रेस की टाइमिंग गढ़वाल एक्सप्रेस की भांति ही तय करनी होगी। और दिल्ली से भी कोटद्वार की दिशा में चलने वाली ट्रेन का समय ऐसा होना चाहिए कि कोटद्वार आने वाला यात्री व पर्यटक दिन के उजाले में ही सुदूर गांव में सुरक्षित पहुंच जाए। इस दृष्टि से पूर्ववर्ती गढ़वाल एक्सप्रेस का समय पौड़ी जिलेवासियों के लिए काफी सुविधाजनक था। इस बीच, कोटद्वार – लैंसडौन -पौड़ी सर्किट व आस पास के इलाके में पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ गयी है। ये पर्यटक भी मुंह अंधेरे सुबह 5 बजे की ट्रेन का उपयोग ही नहीं कर पाएंगे।
यही नही, देहरादून से चलने वाली मसूरी एक्सप्रेस में भी कोटद्वार के दो डिब्बे नजीबाबाद जंक्शन पर जुड़ते थे। बीते काफी समय से यह दो डिब्बे भी लगने बंद हो गए। लिहाज़ा, पौड़ी गढ़वाल के लोगों की निगाहें सिद्धबली एक्सप्रेस पर ही टिक गई है।
कोटद्वार से दिल्ली की ओर आने जाने वाले यात्रियों की संख्या हजारों में है। जिले का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली व एनसीआर में निवास करता है। हजारों फौजी परिवार का भी दिल्ली आने जाना लगा रहता है। फिलवक्त, कोटद्वार से 3 मार्च को चलने वाली सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस की रवानगी के बाद नया टाइम टेबल बहुत कुछ तय करेगा।
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