– जीएसटी कमिशनर उत्तराखण्ड कार्यालय में की व्यापारियों ने शिकायत
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून । कार्यालय अधीक्षक केद्रीय वस्तु एवं सेवा कर ‘जीएसटी‘ रेंज-5 मंडल देहरादून ने शहर के सूक्ष्म श्रेणी के व्यापारियों का शोषण करने का नया हथकंडा अपनाते हुए कोविड महामारी के दौरान वर्ष 2015-16 के नोटिस जारी किये हैं।
विगत एक साल से मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों के लिए जहां जीवन यापन का संकट उत्पन्न है ऐसे में यह नोटिस ‘जले पर नमक छिड़कने‘ जैसा है। व्यापारियों ने इसकी शिकायत जीएसटी कमिश्नर कार्यालय को की है।
सूक्ष्म श्रेणी के व्यापारी रोहित कुमार ने बताया कि क्या विभाग पिछले पांच साल से सोया हुआ था। अब अचानक कोविड के दौरान व्यापारियों को तंग करने के लिए नोटिस जारी किए गए । सीए के माध्यम से उन्हें दबाव में लेने का प्रयास किया जा रहा है। इसी श्रेणी के अन्य व्यापारी नवीन सिंघल ने बताया कि विभाग के अधिकारी सीए के साथ मिल कर व्यापारियों से अनैतिक वसूली करने के लिए इस तरह के बेबुनियाद नोटिस जारी करते हैं।
अधिवक्ता अमित नारायण ने बताया कि पांच साल के बाद नोटिस जारी करने का कोई औचित्य नहीं है। यदि किसी प्रकार की कर संबंधी अनियमितता थी तो उसी समय नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कानूनी पहलुओं को देखते हुए व्यापारियों के समर्थन में जनहित याचिका जारी की जाएगी।
जीएसटी उत्तराखण्ड कमीशनर अनुज गोगिया से संपर्क करने पर उनके निजी सचिव आदित्य कुमार ने बताया कि व्यापारियों की इस समस्या से कमिश्नर कार्यालय को अवगत करा दिया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से इस बाबत जल्द समाधान निकालने का भरोसा दिया है।
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