मानव व तेंदुओं के टूटे हुए सह अस्तित्व पर जताई चिंता
अविकल उत्तराखण्ड
रानीखेत। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना उत्तराखंड के तत्वावधान में शोध की प्रधान अन्वेषक डॉ बरखा रौतेला द्वारा, अंतरराष्ट्रीय तेंदुआ दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य विमर्श था, उत्तराखंड में तेंदुओं के बढ़ते खतरों से, मानव का संरक्षण, एवम् निर्वनीकरण के प्ररिणम स्वरूप तेंदुओं का संरक्षण। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पुष्पेश पांडे द्वारा इस शोध परियोजना के शुभारंभ हेतु बधाई देने के साथ साथ आस पास के क्षेत्रों में बाघों के खतरों के बारे में चिंता व्यक्त की गई। साथ ही समाधान पर भी चर्चा की गई।
डॉ बरखा रौतेला ने मानव व तेंदुओं के टूटे हुए सह अस्तित्व पर विचार रखे ।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ प्राची जोशी, डॉ प्रसून जोशी, डॉ रश्मि रौतेला, व डॉ दीपा पांडे द्वारा विषय पर अमूल्य विचार रखे गए। शोध सहायक गोपाल मंडल एवम् भारत जोशी को इस नई शोध यात्रा हेतु प्राचार्य एवम् वरिष्ठों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का संचालन भारत जोशी नर किया । कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की डॉ निधि पांडे, श्रीमती हिमानी नेगी एवम् शोध छात्रा सुनीता आर्या भी उपस्थित रहे।
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