कुट्टू आटे के मिलावटखोरों पर एफडीए की कार्रवाई
कांग्रेस ने कहा, यह भ्र्ष्टाचार का मामला
कुट्टू के आटे से हुई फूड पॉइजनिंग से 100 से अधिक लोग बीमार, सभी की हालत स्थिर, अगले 24 घंटों में सभी को अस्पतालों से दे दी जायेगी छुट्टी- डाॅ आर राजेश कुमार
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। नवरात्र के दौरान देहरादून में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से सौ से भी अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग से प्रभावित हुए। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने राज्य के सीमावर्ती इलाकों के साथ देहरादून और आसपास के इलाकों में दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों में ताबड़तोड़ छापेमारी चलाया गया। जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराये गये हैं।
कुट्टू का आटा सप्लायर का गोदाम सील, केस दर्ज
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डा. आर राजेश कुमार ने कहा आज सुबह सूचना मिली कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन अस्पताल में मरीज भर्ती किए गए हैं। मरीजों के परिजनों से पूछताछ करने पर पता चला कि इन सभी ने कुट्टू के आटे से बनी सामग्री का सेवन किया था, जिसके बाद उन्हें फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण दिखाई देने लगे। जांच के दौरान पाया कि मरीजों के परिवारों ने अलग-अलग दुकानों से कुट्टू का आटा खरीदा था, लेकिन सभी आटे का स्रोत सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) और विकासनगर (देहरादून) से जुड़ा हुआ था।

मुख्य सप्लायर और जिम्मेदार दुकानदारों की पहचान
जांच में सामने आया कि कुट्टू के आटे की आपूर्ति निम्नलिखित प्रतिष्ठानों द्वारा की गई थी:
1. मेसर्स गोविंद सहाय शंकर लाल – यह प्रतिष्ठान सहारनपुर (उ.प्र.) से कुट्टू का आटा सप्लाई कर रहा था।
2. विकास गोयल चक्की – यह चक्की मोग्गंज जामा मस्जिद के पास, थाना कोतवाली शहर, सहारनपुर (उ.प्र.) में स्थित है, जहां कुट्टू का आटा पिसा गया था।
3. Laxmi Trading, Sangam Vihar, Bhojwala Road, Vikasnagar, Dehradun – यह प्रतिष्ठान देहरादून में कुट्टू के आटे का मुख्य वितरक था। इसका गोदाम मेट्याला अकबरी मस्जिद, देहरादून के पास स्थित है।
मुख्य संचालक :
शीशपाल चीतान पुत्र शोभा राम–Laxmi Trading, विकासनगर, देहरादून
खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
जांच में पाया गया कि FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण) के निर्देशों और गाइडलाइन्स के विपरीत इन प्रतिष्ठानों ने मिलावटी कुट्टू का आटा सप्लाई किया था, जिससे 84 लोगों की जान जोखिम में पड़ गई।
एफआईआर दर्ज, सैंपल लिए गए और गोदाम सील
घटना की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई की: मुख्य सप्लायर Laxmi Trading के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
गोदाम को सील कर दिया गया।
संदिग्ध कुट्टू के आटे के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया।
सहारनपुर स्थित चक्की और दुकान की भी जांच की जा रही है।
आगामी दिनों में अन्य प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी।
यूपी के फूड कमिश्नर को पत्र
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि खाद्य विभाग लगातार तीन महीने वस्तुओं के सैंपल ले रहा था और छापेमारी अभियान भी चला रहा था। इस संबंध में यूपी के फूड कमिश्नर को भी 15 दिन पहले एक पत्र लिखा था कि मिलावटखोरों पर कार्रवाई करें क्योंकि अधिकांश मिलावटी उत्पाद यूपी से उत्तराखंड आते हैं।
टोल फ्री नंबर 1800-180-4246 पर दर्ज कराएं शिकायत
खाद्य आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि जिला अभिहीत अधिकारी मनीेष सिंह की ओर से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि खुले या संदिग्ध कुट्टू के आटे का सेवन न करें। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच कर ही खरीदारी करें। कुट्टू का आटा खरीदते समय प्रमाणित दुकानों से ही खरीदें। यदि किसी खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद अस्वस्थ महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मिलावटी आटे की जानकारी टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-180-4246 पर दें।
अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी
स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डा. आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल काॅलेज अस्पताल और कोरोेनेशन अस्पताल का दौरा किया और मरीजों का हाल-चाल जाना। उन्होंने फूड पॉइजनिंग से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी और चिकित्सकों को बेहतर इलाज और सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अनावश्यक रूप से मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर न किया जाए। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है कुट्टू आटे में मिलावट
दोषी आधिकारियों पर हो कार्रवाई-कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने कुट्टू आटे में मिलावट के मामले गम्भीर चिंता का विषय बताते हुए कहा कि विकासनगर की जिस फर्म द्वारा देहरादून में कुट्टू का आटा सप्लाई किया गया है उसको ब्लैक लिस्टेड करते हुए उस फर्म के मालिकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए ।
खाद्य पदार्थ जैसी चीजों में मिलावट के लिए जिम्मेदार विभाग के उच्चधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है अब सरकारी भ्रष्टाचार की भेंट आम आदमी का निवाला भी चढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में नव रात्रि के व्रत चल रहे हैं तथा इन व्रतों में अधिकतर वर्ती भोजन में कुट्टू आटे का उपयोग करते हैं परन्तु जिस प्रकार कुट्टू आटे का सेवन करने से सैकडों लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं उससे न केवल सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुली है अपितु आम आदमी की रोटी पर भी सरकारी विभागों के भ्रष्टाचार का साया मंडरा रहा है।
डॉ प्रतिमा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए चिकित्सालय में जाकर कुट्टू आटे का सेवन करने वाले पीडितों का हाल तो पूछा परन्तु इस बारे में प्रदेश की खाद्य मंत्री का न तो कोई वक्तव्य आया है और न ही अभी तक इसके लिए जिम्मेदार फर्म के मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है तथा न ही खाद्य विभाग के जिम्मेदार उच्चधिकारियों के खिलाफ ही कोई एक्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी देहरादून द्वारा रायपुर गुल्ल्र घट्टी स्थित गोदाम के निरीक्षण में पाया गया कि आधे से अधिक खाद्य पदार्थ खाने योग्य नहीं हैं फिर भी उन्हें आम जनता को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस प्रकार के कई प्रकरण सामने आये हैं परन्तु समय बीतने के साथ ही जनता और सरकार दोनों ही भूल जाते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एफडीए की रिपोर्ट के अनुसार, विगत वर्ष जनवरी 2024 से मई 2024 तक 1763 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए। जिन खाद्य पदार्थाे के सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली उसमें से 60 सैंपल मानकों पर फेल साबित हुए हैं. जिसमें फल, मसालों, तेल, दुग्ध और दुग्ध प्रोडक्ट शामिल हैं।
इस प्रकार प्रदेश में खाद्य पदार्थों की मिलावट के रैकेट तथा खाद्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत का भी पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खाद्य सामग्री में मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई तथा इसके लिए जिम्मेदार विभागीय पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जो भविष्य के लिए नजीर साबित हो।
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