भरी बरसात में चिकित्सकों के बीच सुलगी आग
सीएमओ डॉक्टर रमोला के खिलाफ उतरी महिला चिकित्सक
डीजी से मिलकर कही व्यथा, पेन डाउन की चेतावनी
सीएमओ डॉक्टर रमोला भी जवाबी कार्रवाई की तैयारी में
अविकल उत्तराखंड ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में हर रोज कोरोना की दहशत बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही कठघरे में खड़ी है। बावजूद इसके देहरादून में मरीजों के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक तलवारें निकाल जंग के मैदान में उतर गए हैं।
एक ओर सीएमओ डॉक्टर बी सी रमोला दूसरी और आधा दर्जन से अधिक महिला चिकित्सक व मुख्यमंत्री के फिजीशियन डॉक्टर एन एस बिष्ट। जंग बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है।
शनिवार को जिला अस्पताल की महिला चिकित्सकों ने डीजी अमिता उप्रेती से सीएमओ डॉक्टर रमोला के बुधवार को मारे गए छापे को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें गलत गैर हाजिर बताया गया है। महिला चिकित्सकों ने कहा कि अगर इस तरह परेशान किया जाएगा तो वह पेन डाउन हड़ताल करने पर बाध्य होंगी। करीब तीन घंटे तक महिला चिकित्सकों ने डीजी से कई मुद्दों पर चर्चा की।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती ने महिला चिकित्सकों से कहा कि अगर उन्हें व्यवस्थाओं से कोई परेशानी है तो वे पहले चिकित्सा अधीक्षक के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराएं।
डीजी ने कहा कि जिला अस्पताल से उन्हें अभी तक इस मामले की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। एक सवाल के जवाब में महानिदेशक ने कहा कि अपर निदेशक स्तर के अधिकारियों को तालमेल से काम करना चाहिए।
शनिवार को डीजी से मिलने वालों में डॉ स्वाति शर्मा, शालिनी डिमरी, रीता भंडारी, रीना कोठियाल, वंदना सुंदरियाल , मेघना असवाल, नीरू जंगपांगी, नमिता पंत व डॉक्टर राजकेश पांडे आदि मौजूद रहे।
यह जंग 21 जुलाई से शुरू हुई जब डॉक्टर बिष्ट ने गांधी अस्पताल में आंदोलन किया। इस दिन बिष्ट की लिखित में चार मांगे मान ली गयी। डॉक्टर बिष्ट के विरोध को डॉक्टर रमोला के विरोध से जोड़कर देखा गया। नतीजतन डॉक्टर रमोला ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई को गांधी अस्पताल में छापा मारकर तीन चिकित्सकों समेत कुल छह लोगों को डयूटी से गैरहाजिर बताते हुए नोटिस भी थमा दिया। अब इस घटना के बाद मामले ने नया रुख लिया।
महिला चिकित्सकों ने शुक्रवार को लिखित में भी कहा कि वे डयूटी पर थी। लेकिन उन्हें गैरहाजिर दिखा दिया गया। उधर, डॉक्टर रमोला भी पूरे मूड में दिख रहे हैं, उनका कहना है कि स्पष्टीकरण मिलने के बाद वे आगे की कार्रवाई करेंगे। इधर,एक कदम आगे बढ़ते हुए शनिवार को महिला चिकित्सक लामबंद होकर सीएमओ रमोला के खिलाफ उतर गयी।
इस झगड़े से स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। जनता कोरोना संकट से जूझ रही है और मरीजों के भगवान टंटे झगड़े में उलझे हुए है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री स्वंय स्वास्थ्य महकमा भी देख रहे हैं। भरी बरसात में सुलगी इस आग को कौन बुझायेगा यह सवाल भी अहम बन गया है।
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जय हो, आम जन को असलियत की जानकारी देने के लिए आप को बहुत ही साधुवाद।
असलियत की मालूमात लगातार होती रहे इसी आशा के साथ, धन्यवाद।
शुक्रिया आपका
अच्छी पत्रकारिता
झांपू की पत्नी पर भी कुछ निर्भीक पत्रकारिता के रंग चढ़ाइए। जो कि कई सालों से अपनी ड्यूटी पर नही गई।
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