राणा के गीतों को लेकर डा अजय ढौंडियाल कर रहे हैं भगीरथ प्रयास
वरिष्ठ पत्रकार विपिन बनियाल
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। हीरा सिंह राणा आज भले ही हमारे बीच में न हों, लेकिन उनके गीतों की चमक उसी तरह बिखर रही है, जैसे किसी हीरे की बिखरती है। उनके गीतों की दुनिया बेहद फैली हुई रही है। उन्हें अपने तमाम गीतों की वजह से पहचान मिली, लेकिन उनके कई गीतों से दुनिया अब भी अनजान हैं। उनके तमाम गीत लोगों के सामने आए और पसंद किए गए। कई गीत ऐसे भी हैं, जो दुनिया के सामने नहीं आ पाए। राणा जी के जाने-अनजानेे गीतों को सामने लाने का एक अभियान अब डा अजय ढौंडियाल ने शुरू किया है।
पेशे से पत्रकार डा अजय ढौंडियाल अच्छे गायक भी हैं और राणाजी को अपना संगीत का गुरू मानते हैं। राणाजी के सान्निध्य में रहकर लोक संगीत की बारीकियों को भी उन्होंने सीखा है। राणा जी के व्यक्तित्व का उन पर जबरदस्त प्रभाव है। इसलिए जब वह राणा जी के गीत गाते हैं, तो सुखद अहसास होता है। डा ढौंडियाल ने राणाजी के जन्मभूमि गीत को अब नए सिरेे से प्रस्तुत किया है। लोक संगीत के क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम से अलग पहचान बना रहे पांडवाज गु्रप का उन्हें साथ मिला है, तो यह प्रयास और सार्थक हो गया है। पांडवाज गु्रप के साथ अभी तक वह तीन प्रोजेक्ट पर मिलकर काम कर चुके है। पहला, लस्का कमर बांदा गीत से संबंधित प्रोजेक्ट था। फिर संध्या झूली और अब हे जन्मभूमि। सितंबर में अपने चौथे प्रोजेक्ट को लेेकर डा ढौंडियाल और पांडवाज ग्रुप फिर सामने आएंगे।
दरअसल, हीरा सिंह राणा के गीतों का मिजाज एकदम अलग रहा है। पेशेवर गायक होने से ज्यादा उन्होंने असल अर्थों में लोक गायक होने को जीवन भर तरजीह दी। हाथ में हुड़का पकडे़ वह लोगों के बीच प्राकृतिक अंदाज में गाना ज्यादा पसंद करते थे। इसलिए उनके मिजाज के अनुरूप गाना और उसी हिसाब का संगीत तैयार करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन डा ढौंडियाल और पांडवाज गु्रप कसौटी पर खरे उतरे हैं। एक बातचीत में डा ढौंडियाल ने कहा कि राणा जी के गीतों का संसार बहुत बड़ा है। उन्होंने अपने बहुत कम गानों को रिकार्ड कराया। इसलिए यह समाज की जिम्मेदारी है कि उनके अनजाने गीतों को सामने लाया जाए। इस क्रम में प्रयास किए जा रहे हैं।
हालांकि, जन्मभूमि गीत राणा जी ने रिकार्ड कराया था। डा ढौंडियाल के अनुसार, राणा जी के जाने-अनजाने दोनों तरह के गीतों को नए सिरे से सामने लानेे के प्रयास किए जा रहे हैं। पांडवाज ग्रुप पर उनका भरोसा ज्यादा जमा है, क्योंकि वह लोक संगीत की मूल भावना का पूरा ख्याल रखते हुए नए जमाने का संगीत तैयार करते हैं। इस विषय पर यदि आप ज्यादा जानकारी चाहते हैं, तो धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल को जरूर सर्च करें।
वरिष्ठ पत्रकार विपिन बनियाल
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