तपोवन जोशीमठ में टनल और प्रभावित क्षेत्र में युद्धस्तर पर चल रहा राहत, बचाव और खोजबीन कार्य
24 शवों एवं 11 मानव अंगों का पूरे धार्मिक रीति रिवाजों एवं सम्मान के साथ दाह संस्कार
तपोवन, जोशीमठ मंडलायुक्त ने दिए सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश
अविकल उत्त्तराखण्ड
जोशीमठ। तपोवन आपदा के सात दिन गुजर जाने के बाद भी फंसे लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका। एक ड्रिलिंग मशीन के खराब होने के बाद दूसरी मशीन लगाई गई। लेकिन फंसे लोगों तक पहुंच नहीं पाए। बचाव कार्य को लेकर परिजन बहुत नाराज नजर आए। डीएम स्वाति भदौरिया ने कहा कि रेस्क्यू का कार्य जारी है। उधर, युवक कांग्रेस के लंगर को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें हटने को कहा। इस मुद्दे पर तीखी नोक झोंक हुई। अंदर फंसे तीन दर्जन लोगों के जीवन पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। परिजन बेहद गुस्से में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसके अलावा, गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने शनिवार की सायं आईआरएस कैंप कार्यालय में तपोवन आपदा के राहत, बचाव एवं खोजबीन कार्य में तैनात विभाग/संस्थान के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य में जुटी जिला प्रशासन, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, एनटीपीसी, पुलिस प्रशासन आदि के कार्यों की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने रेस्क्यू कार्य में आ रही दिक्कत के बारे में भी जानकारी ली। तपोवन बांध बैराज के संवेदनशील स्थल पर रेस्क्यू दल को जोखिम नहीं लेने को कहा। वहां स्थिति सामान्य होने पर सर्च अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही आईटीबीपी के संबंधित अधिकारी को ऋषिगंगा में जवानों की तैनाती बनाए रखने के निर्देश दिए।
एनटीपीसी के जीएम ने अवगत कराया कि सुरंग में करीब 136 मीटर तक मालबा निस्तारित किया गया है। साथ ही बताया कि ड्रिलिंग का कार्य प्रारंभ किया गया है। संभवत 10 से 12 घंटे में टनल के भीतर की वस्तुस्थिति ज्ञात हो सकेगी।
इस अवसर पर डीआईजी पुलिस नीरू गर्ग, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, डीआईजी एसडीआरएफ मोहसिन शाहेदी, डीसी एसडीआरएफ अजय भट्ट, डीसी एनडीआरएफ आदित्य प्रसाद, लेफ्टिनेंट कर्नल आर्मी विजय सिंह, जीएम आर पी अहेवाल, सहायक सेनानी एस. सिंह, सीडीओ हंशा दत्त पांडे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, रैणी गांव में रविवार को ग्लेशियर फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद से तपोवन जोशीमठ में टनल और प्रभावित क्षेत्र में राहत, बचाव और खोजबीन कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें रेस्क्यू अभियान में रात-दिन जुटी हुई हैं।
आपदा में लापता 204 लोगों में से 38
(चमोली-30, रूद्रप्रयाग-6, पौड़ी-1, टिहरी- 1) के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं, जिनमें से 13 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 25 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। लापता समस्त लोगों के संबंध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 14 एफआईआर पंजीकृत की जा चुकी है। इसके साथ ही जनपद चमोली के विभिन्न स्थानों से ही 19 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं। बरामद सभी शवों एवं मानव अंगों का डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के सभी मानदंडों का पालन कर सीएचसी जोशीमठ, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर एवं सीएचसी कर्णप्रयाग में शिनाख्त के लिए रखा गया था। शवों को नियमानुसार डिस्पोजल के लिए गठित कमेटी द्वारा अभी तक 24 शवों एवं 11 मानव अंगों का पूरे धार्मिक रीति रिवाजों एवं सम्मान के साथ दाह संस्कार करा दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/प्रवक्ता उत्तराखण्ड पुलिस नीलेश आनन्द भरणे, की देखरेख में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 0135-2712685 एवं मोबाइल नम्बर 9411112985 है। आपदा में लापता हुए लोगों की सूची एवं बरामद हुए शवों की पहचान हेतु अन्य राज्यों की पुलिस से भी लगातार पत्राचार किया गया है। शवों से मिले आभूषण, टैटू एवं अन्य पहचान चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है।
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आपदा डायरी- कहीं रोटियां तो कहीं गालियां..बेबस ब्लैकी तो कहीं पिल्लों की मां…
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