जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा, शहरी क्षेत्रों का कूड़ा जंगल में फेंका जा रहा

वन विभाग सीसीटीवी लगा कूड़े फेंकने वालों को चिन्हित कर चालान काटें-मधु

जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में कई विभागीय योजनाओं की हुई समीक्षा

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला पंचायत सभागार में जिला पंचायत की बोर्ड बैठक हुई। अध्यक्ष श्रीमती चौहान ने प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देशित किया कि जंगल से सटे शहरी क्षेत्र  सुधोवाला, भाऊवाला, दुधली आदि क्षेत्र का कूड़ा जंगल में फेंका जा रहा है। वन विभाग ऐसे क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर सीसीटीवी कैमरे और चालानी कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें।

उन्होंने राजकीय इंटर कालेज त्यूणी और माध्यमिक विद्यालय मैन्द्रथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों स्कूलों में राष्ट्रीय पर्व एवं त्यौहारों में बड़ी संख्या में छात्रों की उपस्थिति रहती है और पर्व को हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। अमूमन देखा गया कि गैर सरकारी विद्यालयों,शिक्षण संस्थानों में सिर्फ राष्ट्रीय पर्व में औपचारिकता ही निभाई जाती है और राष्ट्रीय पर्व को गम्भीरता से नही लिया जाता है।

अध्यक्ष श्रीमती चौहान ने सरकारी विद्यालयों के अलावा गैर सरकारी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय पर्व व्यापक स्तर पर मनाए जाने को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया तथा इस सम्बंध में सभी गैर सरकारी स्कूलों को परिपत्र जारी करने के निर्देश दिए।  वहीं जीर्णशीर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों के मरम्मतीकरण कार्य हेतु बाल विकास विभाग को सर्वे कराने के निर्देश दिए।

 बैठक में  समिति के सभी पदाधिकारियों को विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभागों से सम्बंधित विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के कार्यों एवं योजनाओं के चर्चा के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी ने विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी सदन को दी।  उन्होंने बताया कि कुपोषण कि दर को कम किए जाने हेतु विभाग द्वारा हर सम्भव प्रयास किए गए है। प्रत्येक माह की पांच तारिक को आँगबाड़ी केंद्रों में आंगनबाडी कार्यकत्रियों द्वारा जन्मे बच्चों का वजन लिया जाता है और पोषण आहार दिया जाता है। जन्म लिए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण एवं स्वास्थ्य देखभाल निरन्तर की जाती है।

 उन्होंने बताया कि महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की है।  नन्दा गौरी कन्याधन योजना के तहत बालिका के जन्म पर 11 हजार एवं 12वीं पास करने पर 51 हजार की धनराशि बालिका को दी जाती है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार मां बनने पर पांच हजार की धनराशि दो चरणों में मां को दी जाती है। तथा दूसरे गर्भ पर भी मां को 6 हजार की एक मुश्त धनराशि दी जाती है।  इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट, महिला बालप्राश योजना के तहत केला व अंडा महिलाओं को दिया जाता है। 

बैठक में मुख्य उद्यान अधिकारी द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि उद्यानीकरण को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर आधारित खेती एवं बागवानी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसान एवं बागवानों की आजीविका को औऱ मजबूती प्रदान करने एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। किसान एवं बागवान अपनी सीजनल फसलों के अलावा बेमौसमी सब्जियों आदि का उत्पादन कर सके इस हेतु किसानों को पॉलीहाउस विभाग द्वारा प्रदान किए जाएंगे। पॉलीहाउस का निर्माण 50 मीटर से पांच सौ मीटर तक किसान अपनी इच्छानुसार बना सकेंगे। 

पॉलीहाउस का लाभ लेने के लिए किसान एवं बागवानों से जल्द ही ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। कृषि विभाग द्वारा केंद्रीय योजनाओं की जानकारी दी गई। जिसमें प्रधानमंत्री सिंचाई योजना,कृषि यंत्र,किसान सम्मान निधि समेत अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई। पशुपालन विभाग की चर्चा के दौरान सीवीओ द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए चालू वितीय वर्ष में एक लाख 34 हजार पशुओं का टीकाकरण कर लिया गया है। इसके साथ ही  स्वरोजगार के क्षेत्र में राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजन गोट बैली के तहत कालसी सोसायटी के अंर्तगत सौ बकरी पालकों को चयन किया गया।

 जिसमें 41 बकरी पालकों को तीस-तीस हजार रुपए की धनराशि बकरी खरीद हेतु दे दी गई है। साथ ही बकरियों का बीमा करने के बाद उन्हें अवशेष धनराशि 63 हजार भी जल्द आवंटित की जाएगी। ताकि वह खुद का स्वरोजगार कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सके।  इस दौरान सीडीओ झरना कमठान ने जानकारी देते हुए बताया कि बाजार में विचरण करने वाले आवारा पशुओं के लिए प्रत्येक ब्लाक में गोशालाओं (कांजी हाऊस) की स्थापना की जा रही है। जिसमें भूमि का चयन कर लिया गया है जल्द ही गोशाला निर्माण का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में जिले के सभी ब्लाकों में पुस्तकालयों की भी स्थापना की जा रही है। वर्तमान में राजकीय इंटर कालेज त्यूणी में लाइब्रेरी संचालित हो चुकी है और डोईबाला, सहसपुर,विकासनगर में पुस्तकालय भवन का चयन कर लिया गया है तथा शेष ब्लाको से भी प्रस्ताव प्राप्त हो चुके है, जहां लाइब्रेरी संचालित होनी है। लघु एवं राजकीय सिंचाई की चर्चा के दौरान सदन के सदस्यों द्वारा सिंचाई नहरों एवं गूलों की सफाई करने एवं बरसात में नहरों में आए सिल्ट को हटाने की मांग की गई। जीर्णशीर्ण विद्यालयों की मरम्मत कराने,पेयजल लाइनों से क्षतिग्रस्त सड़को को ठीक कराने एवं विद्यालयों में बिजली,पानी,पंखे आदि  व्यवस्थाओं को दुरस्त कराने की भी मांग उठाई गई। 

बैठक में स्वास्थ्य विभाग,पीडब्ल्यूडी, खेल,उरेडा,जल संस्थान,पूर्ति विभाग,समाज कल्याण,वन,पीएमजीएसवाई, सहित अनेक विभागों की विभागीय योजनाओं एवं कार्यों  की समीक्षा की गई।

बैठक में समिति के सदस्य जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्याम सिंह पुण्डीर, जिला पंचायत सदस्य रामपाल,संतोषी,मदनलाल, सूर्या प्रताप, मीरा जोशी, अंजिता परमार, गीताराम तोमर, गीता देवी, गीता चौहान बबीता चौहान, दयावती, हरिबहादुर, धीरज नौटियाल, अंजू देवी, प्रशान्त कुमार, पूजा रावत, राजेश रंजिता, खेमलता नेगी, नाजरीन, रिहाना खातून,अश्वनी बहुगुणा बीर सिंह चौहान, टीना सिंह, अंकिता सेमवाल, राजीव चौहान, रीना रांगण, दिव्या बेलवाल, अन्य सदस्यय अभियंता वीरेन्द्र सिंह गुंसाई, कार्यकारी अधिकारी ईश्वर चन्द्र कंडवाल, सदस्य उपस्थित रहे। 

इसके अतिरिक्त बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विद्याधर कापड़ी, मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ मीनाक्षी जोशी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गणेश चन्द्र भट्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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