बीकेटीसी के ढांचे में सुधार के मुद्दो पर चर्चा
कर्मचारी सेवा नियमावली तथा उपनल की तर्ज पर अस्थायी कर्मियों के मानदेय दिये जाने पर वार्ता
अविकल उत्तराखंड/देहरादून। श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू से भेंट कर यात्रा व्यवस्थाओं के साथ ही बीकेटीसी के ढांचे में सुधार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्य सचिव से भेंट के दौरान अजेंद्र ने बीकेटीसी में कार्मिकों की सेवा नियमावली का प्रकरण उठाया। उन्होंने कहा कि बीकेटीसी में अभी तक अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवा नियमावली नहीं है। सेवा नियमावली नहीं होने के कारण अनेक प्रकार की कठिनाइयां पैदा हो रही हैं। इसको देखते हुए बीकेटीसी की विगत दिवस हुई बोर्ड बैठक में सेवा नियमावली का प्रारूप तय कर शासन को भेज दिया गया है। उन्होंने मुख्य सचिव से जल्द से जल्द सेवा नियमावली को स्वीकृति दिलाने का अनुरोध किया।
अजेंद्र ने डॉ संधू से बीकेटीसी के 400 अस्थाई कार्मिकों को उपनल की तर्ज पर मानदेय दिए जाने के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अस्थाई कार्मिकों को अलग -अलग मानदेय दिया जा रहा है। मानदेय में एकरूपता नहीं होने से कई कठिनाइयां पैदा हो रही हैं। उपनल की तर्ज पर बीकेटीसी कार्मिकों को भी मानदेय देने से कार्मिकों को कई लाभ मिलेंगे। अस्थाई कार्मिकों को उपनल क र्मियों की तरह मानदेय देने से शासन पर किसी प्रकार का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। बीकेटीसी स्वयं इस वित्तीय भार को सहन करेगी।
अजेंद्र ने वर्तमान में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं व तीर्थ यात्रियों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग तैयार करने को लेकर भी मुख्य सचिव से वार्ता की। उन्होंने कहा कि सचिवालय व विधान सभा की तरह बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग बनाया जाना आवश्यक है। ताकि, मंदिरों में दर्शन व पूजन व्यवस्था में और अधिक सुधार हो सके। इसके लिए बीकेटीसी में सुरक्षा संवर्ग में पदों का सृजन आवश्यक है।
अध्यक्ष ने विभिन्न व्यवस्थाओं में पारदर्शिता और यात्री सुविधाओं में सरलीकरण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की अपरिहार्यता के मद्देनजर बीकेटीसी में आईटी विंग की स्थापना किए जाने और इसके लिए पदों के सृजन के संबंध में भी मुख्य सचिव से चर्चा की। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं में सुधार के लिए बीकेटीसी में विभिन्न व्यवस्थाओं को ऑनलाइन, डिजिटलीकरण किया जाना आवश्यक है। बीकेटीसी अध्यक्ष ने धर्मस्व व संस्कृति सचिव हरिचंद सेमवाल से भी इन प्रकरणों पर शीघ्र कार्रवाई के संबंध में बात की।
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