नयार नदी के घटते जल स्तर पर जताई चिंता
छात्रों के साथ साझा किए अनुभव
अविकल उत्तराखंड
सतपुली। नयार नदी के घटते जल स्तर को लेकर चिंता जताते हुए सामाजिक संस्था ‘पहाड़’ से जुड़े सदस्यों द्वारा आयोजित सात दिवसीय “स्रोत से संगम तक नयार नदी” यात्रा का सोमवार को व्यासघाट संगम पर समापन हुआ। यात्रा का शुभारंभ 21 अप्रैल को दूधातोली स्थित नयार नदी के उद्गम स्थल से हुआ था।

यात्रा के अंतिम दिन महाविद्यालय सतपुली में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के साथ नदी के महत्व, जैव विविधता में इसके योगदान और जल संरक्षण पर विस्तृत चर्चा की गई। यात्रा दल के सदस्यों ने स्रोत से संगम तक की यात्रा के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए नयार नदी के घटते जल स्तर का अध्ययन और अवलोकन प्रस्तुत किया। इसके पश्चात दल बठखोलू स्थित पश्चिमी और पूर्वी नयार के संगम स्थल पर भी पहुँचा।
गौरतलब है कि ‘पहाड़’ संस्था के दो अलग-अलग दलों ने पूर्वी नयार और पश्चिमी नयार नदी के साथ समानांतर यात्रा प्रारंभ की थी, जो अंततः व्यासघाट संगम पर एक साथ आकर संपन्न हुई। यात्रा के समापन अवसर पर सामाजिक सरोकारों से जुड़े युवाओं ने दल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

यात्रा दल में डॉ. अरुण खुगशाल, कर्नल यशपाल रावत, जयदीप रावत, प्रेम बहुखंडी, पूर्व प्रमुख पोखड़ा सुरेंद्र सिंह रावत, सुधीर सुंदरियाल, अजय रावत, राठ महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. देवकृष्ण थपलियाल, सागर बिष्ट, यश तिवारी और कुलदीप आदि शामिल रहे।

