एनएसयूआई ने शिक्षा मंत्री के आवास पर जोरदार प्रदर्शन किया

देखें वीडियो, धक्का मुक्की के बीच पुलिस ने आंदोलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया

सात सूत्री मांगों को लेकर की नारेबाजी

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने मांगों को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री से धन सिंह रावत के सरकारी आवास का घेराव किया। पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को यमुना कॉलोनी के द्वार पर ही रोक कर रोक लिया । बाद एनएसयूआई के 20-25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सुद्दोवाला जेल ले जाया गया। इस दौरान पुलिस के साथ काफी धक्का मुक्की भी हुई।

इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा लगातार की जा रही धांधलियाँ किसी से छुपी नहीं हैं। इससे हमारे देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और राज्य के युवाओं के साथ बार-बार अन्याय हो रहा है। हम भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के कार्यकर्ता एवं प्रदेश के छात्र अपने भविष्य की चिंता में आज, 18 जुलाई, 2024 दिन वृहस्पतिवार को अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आपसे मिलने के लिए आए थे।

प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार के शिक्षा मंत्री होने के नाते मंत्री धन सिंह रावत का उनका ध्यान प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी एवं शिक्षा में हो रही अनियमितताओं की ओर आकर्षित करना चाहते हैं।

उत्तराखंड सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ‘एक प्रदेश, एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम’ की थीम पर काम करने की बात तो करती है, लेकिन इस थीम में सरकार द्वारा अपनाई जा रही दोहरी नीतियों से स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के निजी विश्वविद्यालयों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह दोहरी नीति लागू की गई है।

इस दोहरी नीति में एक तरफ राज्य के केवल सरकारी विश्वविद्यालयों को समर्थ पोर्टल से जोड़ा गया है, जबकि दूसरी ओर प्राइवेट विश्वविद्यालय प्रदेश के गरीब छात्रों के साथ अन्याय कर उन छात्रों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं । और अयोग्य शिक्षकों को पढ़ाने के लिए नियुक्त कर रहे हैं। निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा शिक्षा के नाम पर छात्रों को गुमरहा किया जा रहा हैं

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में शिक्षा का व्यवसायीकरण का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सरकार निजी विश्वविद्यालय ऐसे खोल रही हैं जैसे परचून की दुकान हो ।

सरकार के लिए शर्मा की बात हैं की प्रदेश की राजधानी में सरकार केवल 1000 बच्चों को सरकारी महाविद्याल में पढ़ा रही हैं । देहरादून में एक भी सरकारी महाविद्यालय नहीं हैं।

वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को देखते हुए सात माँगों को लेकर ज्ञापन दिया।
1. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को बैन किया जाए।
2. प्रदेश की राजधानी देहरादून में एक सरकारी विश्वविद्यालय बनाया जाए।
3. प्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए समर्थ के नाम से लागू दोहरी नीति एवं व्यावसायीकरण की व्यवस्था बंद हो।
4. प्रदेश के सभी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की पूर्ति की जाए।
5. प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों एवं निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मानक तय किए जाएँ।
6. समर्थ पोर्टल के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को जोड़ते हुए सभी के लिए एक समान ‘एक प्रदेश, एक प्रवेश, एक परीक्षा’ की नीति लागू की जाए, अन्यथा राज्य के तीन सरकारी विश्वविद्यालयों को भी समर्थ से मुक्त किया जाए।
7. उत्तराँचल पीजी कॉलेज द्वारा किया जा रहे फर्जीफाडे को देखते हुए कॉलेज के समस्त प्रवेश एवं कॉलेज की सम्पूर्ण जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए ।

इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष अभय कैंतुरा, प्रदीप तोमर,जिला अध्यक्ष प्रकाश नेगी,पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अरुण टम्टा, छात्रसंघ अध्य्क्ष सिदार्थ अग्गरवाल, लवदीप सिंह ,कमलेश गरिया, अक्षत पाठक, हिमांशु रावत,अंकित बिष्ट, हरजोत सिंह , हरीश जोशी,परांचल नौनी, मो .करीम,हर्ष राणा,गुरविंदर काला आदि मौजूद रहे।

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