अविकल उत्तराखंड/देहरादून| श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी सेल और एम्पावर सोसाइटी द्वारा एक दिवसीय लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया| कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ यशवीर दीवान और कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूरी द्वारा किया गया| विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की| कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ यशवीर दीवान ने कहा कि महिलाएं, पुरुषों से किसी मामले में कम नहीं है. ये बात हम हर रोज सुनते हैं, कहते हैं और किताबों में पढ़ते भी हैं| लेकिन असल जीवन में इसका पालन बहुत कम लोग ही करते हैं|
जीवन के हर मोड़ पर पुरुष चाहे-अनचाहे महिलाओं को उनके महिला होने का एहसास कराने से नहीं चूकता| यही एहसास लैंगिक संवेदनहीनता का जनक है और इसी को खत्म करने के लिए जेंडर सेंसेटाइजेशन यानी लैंगिक संवेदनशीलता जरूरी है| इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि 21 वी शताब्दी में भी लैंगिक संवेदनशीलता का मुद्दा उठाया जा रहा है और समाज को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है उन्होंने कहा कि इस शताब्दी में तो लैंगिक समानता होनी ही चाहिए लेकिन आज भी महिलाओं और पुरुषों में असमानता है जिसे आज के युवा शिक्षा के माध्यम से समानता को समझते हुए दूर कर सकते हैं|
कार्यशाला को संबोधित करते हुए आइक्यूएसी की निदेशक और कार्यशाला की मुख्य आयोजक प्रोफेसर डॉ सुमन विज ने कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता यानी हर पुरुष महिला के प्रति सम्मान का भाव रखे. लिंग भेद को दरकिनार कर एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव होना ही लैंगिक संवेदनशीलता है| इस अवसर पर एम पावर सोसाइटी के मौनी शर्मा और सुधांशु ने अपने विचार व्यक्त किए| कार्यशाला में विभिन्न विभागों के 500 छात्रों ने प्रतिभाग करने के साथ ही लिंग संवेदनशीलता, शांति निर्माण जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
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