प्रदेश के हर बच्चे में वैज्ञानिक सोच विकसित हो यह हमारा उद्देश्य – पुष्कर सिंह धामी

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। 31वीं राज्य बाल विज्ञान कांग्रेस – 2023 के उद्घघाटन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के माध्यम से उत्तराखण्ड के 13 जिलों से आये छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से कहा की विज्ञान और प्रौद्योगिकी का आमजनमानस तक पहुंचना अत्यन्त आवश्यक है क्यूंकि हम लगातार नई-नई तकनीकों का उपयोग तो कर रहें है, लेकिन विज्ञान की समझ के साथ हम प्रौद्योगिकी का और बेहतर उपयोग कर पायेगें। आज देश जिस गति से आगे बड़ रहा उसके लिये बहुत जरूरी है कि हर बच्चे में वैज्ञानिक सोच विकसित हो यही हमारा भी उद्देश्य है। हमारे राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन, उर्जा, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने की अपार सम्भावना है लेकिन जरूरी है कि हम इकोनाॅमी और इकोलाॅजी में समनवय बना कर प्रदेश मे विकास का माॅडल तैयार करें। हम सभी जानते है कि हमारे पास पारम्परिक ज्ञान का भण्डार है जिसका सदुपयोग कर आजीविका के नये-नये विकल्प एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में और तेजी से कार्य की आवश्यकता है। राज्य में शोध, अनुसंधान एवं नवाचार पर विषेश ध्यान दिया जा रहा है क्यूंकि आज के दौर में इन सभी के बिना विकास की परिकल्पना करना सम्भव नही है।

यूकाॅस्ट महानिदेशक प्रो0 दुर्गेष पन्त ने हिमालय राज्य में श्रेष्ठ उत्तराखण्ड के सभी 95 ब्लाकों से आये सभी बाल वैज्ञानिकों, मार्गदर्शक शिक्षकों एवं जपनद समन्वयकों का राज्य स्तरीय 31वीं राज्य बाल विज्ञान कांग्रेस में स्वागत एवं अभिनन्दन किया. उन्होनें केन्द्र सरकार द्वारा सम्पूर्ण देशभर में आयोजित होने वाले एक वृहद ही नही बल्कि बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम को आयोजित करवाने हेतु बधाई प्रेषित की। उन्होनें बताया कि इस वर्ष राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में लगभग 130 से अधिक बाल वैज्ञानिक एवं लगभग 50 मार्गदर्षक शिक्षक प्रतिभाग कर रहें हैं , जो इस वर्ष की ‘‘थीम स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये पारिस्थिक तंत्र को समझना’’ के अन्तर्गत विभिन्न 05 उपविषयों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहें है। उन्होनें कहा कि यह बहुत गौरव का विषय है कि हम लगातार प्रदेश में छात्र-छात्राओं हेतु विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से विज्ञान से सीधे जुड़ने का प्रयास कर रहें है। यूकाॅस्ट निरंतर ही प्रदेश में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध है।

उद्घघाटन सत्र में यूकाॅस्ट द्वारा प्रकाशित त्रेमासिक पत्रिका विज्ञान परिचर्चा ’हिमालय विषेशांक’ का भी विमोचन हुआ। इस अवसर पर कमला पन्त, जी0 एस0 रौतेला सलाहकार साइंस सिटी, डी0 पी0 उनियाल, अमित पोखरियाल व यूकाॅस्ट के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।

समापन सत्र में बंशीधर तिवारी महानिदेशक, शिक्षा एवं सूचना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने प्रदेश भर से आए सभी विद्यार्थियों एवं बाल वैज्ञानिकों को समाज में वैज्ञानिक चेतना जागृत करने हेतु प्रेरित किया। राज्य स्तरीय 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में पुरस्कृत 16 विद्यार्थियों कों शुभकामनाएं दी अन्य विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि भविष्य में वह भी मेहनत कर देशभर में अपना और राज्य का नाम रोशन करें। उक्त कार्यक्रम में फोकल थीम “स्वाथ्य एवं कल्याण के लिये पारिस्थिक तंत्र को समझना’’ के अन्तर्गत विभिन्न 05 उपविषयों में 16 बाल वैज्ञानिक पुस्कृत एवं राष्ट्रीय स्तर बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चयनित हुए।

1.प्रथम उपविषय –

अपने परिरतंत्र को जाने में युतिका झीगवान, गोपेश्वर चमोली प्रथम 2. नितिका असवाल, बड़कोट उत्तरकाशी द्वितीय 3. रितिका, उखीमठ रुद्रप्रयाग तृतीय रही

2. स्वास्थ्य स्वास्थ्य पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना उपविषय में-
1. प्रिंसी पांडे जोशीमठ चमोली 2. इशा नेगी कांडीखाल टिहरी गढ़वाल 3. हेमा भंडारी ताकुला अल्मोड़ा

3. आत्मनिर्भरता के लिए पारितंत्र आधारित दृष्टिकोण उपनविषय में
1. निखिल पांडेय, मूनाकोट पिथौरागढ़ 2. रिद्धि गुप्ता उधम सिंह नगर 3. आराध्या पंत,चंपावत

4. पारितंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रथाएं उपविषय में
1. हिमांशी राणा उधम सिंह नगर 2. शिवांग सकलानी टिहरी गढ़वाल 3. निकिता चमोली

5. स्वास्थ्य और कल्याण के लिए तकनीकी नवाचार उपविषय में
आकाश ध्यानी, पौड़ी गढ़वाल 2. राफिया हल्द्वानी 3. अक्षत गिरी, हल्द्वानी

( अपने परतंत्र को जाने):- में सुहानी ढंडरियाल, पौड़ी गढ़वाल आदि पुरस्कृत किए गए.
साथ ही नासी लेक्चर श्रृंखला और राष्ट्रीय गणित दिवस पर विशेषज्ञ द्वारा अपने विचार रखे गए।

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