परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र यादव ने श्री दरबार साहिब में टेका माथा

कैप्टन योगेन्द्र सिंह यादव हैं देश के सबसे युवा परमवीर विजेता

कारगिल युद्ध के दौरान 4 जुलाई 1999 की कार्रवाई के लिए उन्हें उच्चतम भारतीय सेना सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव ने मंगलवार को श्री दरबार साहिब में माथा टेका। उन्होंने श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के साथ शिष्टाचार भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया। कैप्टन योगेन्द्र सिंह यादव देश के सबसे युवा परमवीर विजता हैं और एक सेवानिवृत भारतीय सैन्य अधिकारी हैं। कारगिल युद्ध के दौरान 4 जुलाई 1999 की कार्रवाई के लिए उन्हें उच्चतम भारतीय सेना सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह देश के युवाओं के बीच भारतीय सेना के एक जाॅबाज़ स्थापित रोल माॅडल के रूप में जाने जाते हैं।

मंगलवार को श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार परमवीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव का स्वागत किया गया। श्रीमहंत देवेन्द्र जी महाराज के साथ भेंटवार्ता के दौरान उन्होंने सैन्य जीवन से जुड़े अनुभवों को सांझा किया। कारगिल युद्ध के हीरो योगेन्द्र सिंह यादव बुलंदशहर के निकट औरंगाबाद अहीर के रहने वाले हैं। कारगिल युद्ध के दौरान उनके शरीर में 17 गोलियां समा चुकी थीं लकिन परमवीर योगेन्द्र सिंह यादव का जज्बा नहीं डिगा, डिगता भी कैसे उनके रोम रोम में देशप्रेम उन्हें साहस दे रहा था। योगेन्द्र सिंह रावत ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि देश की रक्षा सर्वोपरि है। देश की रक्षा में सैनिकों का योगदान महत्वपर्णं है। सैनिकों के हौंसले से ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने एसजीआरआर एजुकेशन मिशन, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की।

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