पीएम मोदी की मूल गुजराती में लिखी कविताओं का गढ़वाली में अनुवाद

सुजाता डबराल नौडियाल की किताब “आंखां यो धन् छन “का विमोचन

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी व लोकसभा चुनाव प्रभारी राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने सुजाता डबराल नौडियाल की किताब “आंखां यो धन् छन “का विमोचन किया।

यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूल गुजराती में लिखी और हिन्दी में डा. अंजना संघीर जी द्वारा अनुदित कविताओं के संग्रह “आँख आ धन्य छे “ का गढ़वाली भाषा में अनुवाद है।

इस मौके पर लेखिका ने बताया कि जब वह गुजरात और मुंबई मेंअपने पति अरविंद नौडियाल जो ओएनजीसी में एक वरिष्ठ अधिकारी पद पर हैं के साथ रही। उस दौरान उनका परिचय उन लोगों से हुआ जो पीएम मोदी की कविताओं का हिंदी व अन्य भाषाओं में अनुवाद कर रहे थे ।

बता दें कि अब तक कुमाऊँनी,नेपाली मराठी,पंजाबी सहित भारत की लगभग 25 भाषाओं में इस पुस्तक का अनुवाद हो चुका है। लेखिका के मन में आया कि क्यों ना वह अपनी बोली भाषा में इसका अनुवाद करें ।

लेखिका का मानना है कि वह कोई गढ़वाली भाषा की पंडित नहीं है लेकिन जो आसानी से आम जन को समझ में आ जाये उसी सीधी-सादी गढ़वाली में अनुवाद किया है । डॉ अंजना संघीर द्वारा हमेशा उनका मनोबल बढ़ाया गया ।

कोटद्वार निवासी सुजाता डबराल नौडियाल पौड़ी जिले के तिमली गांव की रहने वाली है उनके दादा पंडित ललिता प्रसाद डबराल अपने समय के संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे उनके कई संग्रह आज भी है जिन पर शोध हो रहे है।

कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल टिहरी लोकसभा चुनाव प्रभारी व दायित्वधारी विनय रुहेला विशेष रूप में मौजूद रहे।

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